बक्सरः एक तरफ जहां बिहार सरकार राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था की तारीफ करते नहीं थकते. वहीं, केंद्रीय स्वास्थय परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय विभाग का हाल बेहाल नजर आ रहा है. यहां उप स्वास्थ्य केंद्रों पर महीनों से ताला लगा हुआ है. ऐसे में यहां के लोगों का ताला लगे स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज कैसे संभव है?
महीनों से बंद पड़ा है उप स्वास्थ्य केंद्र
स्वास्थ्य विभाग में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों की मनमानी और विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल जिले में सिमरी प्रखंड के तिलक राय और आशा पड़री उप स्वास्थ्य केंद्र पर महीनों से ताला लगा हुआ है. यहां महीनों से न तो कोई डॉक्टर आया है न ही कोई स्वास्थय कर्मी. हालात ऐसे है कि जिस व्यक्ति के मकान में यह उपस्वास्थ्य केंद्र चल रहा है. विभाग की ओर से पिछले 5 साल से उसका किराया भी भुगतान नहीं किया गया है. वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां पर महीनों से ना तो कोई डाक्टर आया है और न ही कोई नर्स. लोगों का कहना है कि छोटे-छोटे मरहम पट्टी के लिए भी हमलोगों को डुमराव या बक्सर जाना पड़ता है.
'दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई'
मामले को लेकर जब सिविल सर्जन डॉ. उषा किरण से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आपके ओर से कुछ दिन ही पूर्व उपस्वास्थ्य केंद्र बना भैस का तबेला, जो न्यूज चलाया गया है. उस पर संज्ञान लेकर शो कॉज किया गया है. यदि हम जवाब से संतुष्ट नही हुए तो प्रभारी से लेकर वहां के उपस्वास्थ्य कर्मी तक पर कार्रवाई करने की बात कही. साथ ही महीनों से बंद पड़े उपस्वास्थ्य केंद्रों पर उन्होंने इसकी जांच करवाने की बात कही. जांच में जो भी दोशी पाया जाएगा उसपर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
ईटीवी के खबर का असर
गौरतलब है कि हाल ही में ईटीवी भारत की ओर से सिमरी प्रखंड के ही गंगोली में स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र बना भैंस का तबेला शीर्षक के नाम से प्रमुखता से खबर दिखाई गई थी, जिसके बाद विभागीय अधिकारियों की नींद टूटी और आनन-फानन में प्रभारी से लेकर स्वास्थ्य कर्मी तक को शो कॉज नोटिस भेजा गया.