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विश्व एड्स दिवस: 2030 तक AIDS को भारत से खत्म करने का लक्ष्य

एड्स मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर एसके दास ने बताया कि एड्स दिवस के दिन हर साल चल रहे जागरुकता अभियान का नतीजा है कि बड़ी संख्या में लोग एड्स की जांच करवाने सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं. सदर अस्पताल में एड्स की दवाई मुफ्त में उपलब्ध है, जिसकी बाजार में कीमत लगभग 5 हजार होगी.

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Published : Dec 1, 2019, 12:01 AM IST

बक्सर: हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है. स्वास्थ्य विभाग एड्स को लेकर लोगों में जागरुकता फैलाने का काम करता है. इस साल जिले में एड्स के मरीजों की बढ़ती संख्या को लेकर स्वास्थ्य विभाग चिंता में है. एड्स दिवस के दिन बक्सर वासियों को जागरूक करने के लिए इस साल विभाग की ओर से कई अभियान चलाए जाएंगे.

2030 तक एड्स को खत्म करने का लक्ष्य
बक्सर में लगातार बढ़ रहे एड्स के मरीजों की संख्या को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. जिले में एड्स के मरीजों की संख्या को कम करने और एड्स जैसी घातक बीमारी को खत्म करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग 2030 तक एड्स को पूरी तरह से खत्म कर देने के लक्ष्य के साथ काम करने में जुटा हुआ है.

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एड्स मरीजों के डॉक्टर एस के दास

जागरुकता अभियान का असर
वहीं, एड्स मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर एसके दास ने बताया कि एड्स दिवस के दिन हर साल चल रहे जागरुकता अभियान का नतीजा है कि बड़ी संख्या में लोग एड्स की जांच करवाने सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं. सदर अस्पताल में एड्स की दवाई मुफ्त में उपलब्ध है, जिसकी बाजार में कीमत लगभग 5 हजार होगी. इसके अलावा जिले में वैसे लोगों में एड्स जैसी बीमारी अधिक पाई गई है, जो दूसरे प्रदेश में मजदूरी कर वापस आते हैं. ऐसे लोगों पर विभाग की लगातार नजर बनी हुई है.

पेश है रिपोर्ट

क्या कहता है एड्स मरीजों का आंकड़ा?

  • पेश है जिले में पिछले 5 सालों के एड्स मरीजों का आंकड़ा-
पुरुष महिला गर्भवती टीजे
2014-15 37 32 2 1
2015-16 49 29 2 0
2016-17 47 38 1 2
2017-18 49 32 1 0
2018-19 53 33 4 1
  • साल 2019 में अप्रैल महीने से लेकर अब तक के आंकड़े पर एक नजर-
पुरुष महिला गर्भवती टीजे
अप्रैल 7 9 2 0
मई 10 5 0 0
जून 9 5 3 0
जुलाई 7 2 1 0
अगस्त 12 3 2 0
सितंबर 5 2 1 0
अक्टूबर 4 2 1 0
नवंबर 5 5 4 0

बक्सर: हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है. स्वास्थ्य विभाग एड्स को लेकर लोगों में जागरुकता फैलाने का काम करता है. इस साल जिले में एड्स के मरीजों की बढ़ती संख्या को लेकर स्वास्थ्य विभाग चिंता में है. एड्स दिवस के दिन बक्सर वासियों को जागरूक करने के लिए इस साल विभाग की ओर से कई अभियान चलाए जाएंगे.

2030 तक एड्स को खत्म करने का लक्ष्य
बक्सर में लगातार बढ़ रहे एड्स के मरीजों की संख्या को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. जिले में एड्स के मरीजों की संख्या को कम करने और एड्स जैसी घातक बीमारी को खत्म करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग 2030 तक एड्स को पूरी तरह से खत्म कर देने के लक्ष्य के साथ काम करने में जुटा हुआ है.

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एड्स मरीजों के डॉक्टर एस के दास

जागरुकता अभियान का असर
वहीं, एड्स मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर एसके दास ने बताया कि एड्स दिवस के दिन हर साल चल रहे जागरुकता अभियान का नतीजा है कि बड़ी संख्या में लोग एड्स की जांच करवाने सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं. सदर अस्पताल में एड्स की दवाई मुफ्त में उपलब्ध है, जिसकी बाजार में कीमत लगभग 5 हजार होगी. इसके अलावा जिले में वैसे लोगों में एड्स जैसी बीमारी अधिक पाई गई है, जो दूसरे प्रदेश में मजदूरी कर वापस आते हैं. ऐसे लोगों पर विभाग की लगातार नजर बनी हुई है.

पेश है रिपोर्ट

क्या कहता है एड्स मरीजों का आंकड़ा?

  • पेश है जिले में पिछले 5 सालों के एड्स मरीजों का आंकड़ा-
पुरुष महिला गर्भवती टीजे
2014-15 37 32 2 1
2015-16 49 29 2 0
2016-17 47 38 1 2
2017-18 49 32 1 0
2018-19 53 33 4 1
  • साल 2019 में अप्रैल महीने से लेकर अब तक के आंकड़े पर एक नजर-
पुरुष महिला गर्भवती टीजे
अप्रैल 7 9 2 0
मई 10 5 0 0
जून 9 5 3 0
जुलाई 7 2 1 0
अगस्त 12 3 2 0
सितंबर 5 2 1 0
अक्टूबर 4 2 1 0
नवंबर 5 5 4 0
Intro:बक्सर जिला में लगातार बढ़ रहे एड्स मरीजों की संख्या से,स्वास्थ्य बिभाग के कर्मियों की बढ़ी चिंता, 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के मौके पर बक्सर वासियों को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य बिभाग चलाएगा कई अभियान, 2030 तक एड्स खत्म करने का लक्ष्य के साथ काम करने में जुटा विभाग।


Body:बक्सर जिला में लगातार बढ़ रहे एड्स मरीजों की संख्या से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी हल्काने में है, जिला में लगातार बढ़ रहे एड्स मरीजों की संख्या को कम करने एवं एड्स जैसी घातक बीमारी के प्रति जिला वासियों को जागरूक करने के लिए विश्व एड्स दिवस के मौके पर 1 दिसंबर को बक्सर जिला में कई कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा बक्सर जिला में पिछले 5 वर्षों का एड्स मरीजों की आंकड़ा को देखा जाए तो बर्ष


बर्ष 2014-15 में पुरुष 37 महिला 32 गर्ववती 2 टीजे 1

बर्ष 2015-16 में "" 49 ----------29-----------2-------0

बर्ष 2016-17 में -------47------------38----------1------2

बर्ष 2017-18 में--------49-------------32---------1-----0

बर्ष 2028-19 में---------53-------------33---------4-----1

बर्ष-2019 में अप्रैल महीना से लेकर अब तक कि आकड़ो पर गौर किया जाए तो

अप्रैल--पुरुष---7---महिला-9-गर्ववती---2 टीजे--0

मई-------10-------------05----------0-----0--------00

जून----------09-----------05---------03------0---------00

जुलाई-------07------------02----------01------------------00

अगस्त-------12----------03-------------02---------------00

सितम्बर------05------------02--------------01-------------00

अक्टूबर------04-----------02--------------1--------------00

नवम्बर-------05-------------05--------------04----------0

वही एड्स मरीजो के इलाज कर रहे डॉक्टर एस के दास ने बताया कि लोगो मे बढ़ रहे जागरूकता का ही परिणाम है,की बड़ी संख्या में लोग एड्स जांच करवाने के लिए सदर अस्पताल में आ रहे है,बिभाग ने यह तय किया है,की,2030 तक पूरे भारत को एड्स मुक्त कराना है।

byte एस के दास डॉक्टर सदर हॉस्पिटल






Conclusion:गौरतलब है,की बक्सर जिलां में वैसे लोगो मे एड्स जैसी घातक बीमारी अधिक पाई गई है,जो दूसरे प्रदेश में मजदूरी करने जाते है,ऐसे में बिभाग की नजर लगातार वैसे लोगो पर है जो दूसरे प्रदेश से कमाकर अपने वतन लौट रहे है।
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