बक्सर: कोरोना वैश्विक महामारी के बाद पहली बार कृषि विभाग के द्वारा बिहार दिवस के मौके पर शहर के ऐतिहासिक किला मैदान में 2 दिवसीय 22 और 23 मार्च को कृषि यांत्रिकरण मेला का आयोजन किया जा रहा है. पहली बार इस मेले में ड्रोन को भी रखा जाएगा, बदलते समय के साथ तकनीक युक्त कृषि कार्य को बढ़ावा देने के लिए इस मेले में आने वाले किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. इसको लेकर जिले के किसानों को आमंत्रित किया गया है. सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है.
जिले में 2 लाख 9 हजार किसान हैं रजिस्टर्ड: पूरे जिले में 2 लाख 9 हजार रजिस्टर्ड किसान हैं, जिनके द्वारा 90 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि पर खेती की जाती है. बदलते समय के साथ किसानों को तकनीकी युक्त कृषि कार्य से जोड़ा जा सके, उसके लिए समय-समय पर किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.
क्या कहते हैं अधिकारी: दो दिवसीय कृषि यांत्रिकरण मेला की तैयारियों की जानकारी देते हुए जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि, बिहार दिवस के मौके पर शहर के ऐतिहासिक किला मैदान में, 22 और 23 मार्च को कृषि यांत्रिकरण मेला लगाया जा रहा है. कोरोना काल के बाद पहली बार लगने वाला इस मेले को लेकर किसानों में काफी उत्साह है. इस मेले में ड्रोन आकर्षण का केंद्र होगा.
किसानों को दिया जाएगा प्रशिक्षण: एक ड्रोन के सहयोग से 10 मिनट में एक एकड़ खेतों में दवा का छिड़काव हो सकेगा. इसका लाइव प्रदर्शन भी किया जाएगा. जिले के राजपुर प्रखण्ड में एक किसान के द्वारा ड्रोन से दवा का छिड़काव किया जा रहा है. अन्य किसान भी इस तकनीक का लाभ उठा सके, इसके लिए मेले में आने वाले किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.
धान, गेहूं के अलावा होती है सब्जी की खेती: गौरतलब है कि बक्सर जिले में बड़े पैमाने पर धान, गेंहू के अलावे दियारा इलाके में सब्जी की खेती होता है. अब तक किसान छोटे-छोटे मशीनों के सहयोग से खुद कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करते हैं. जिसका साइड इफेक्ट भी किसानों के शरीर पर पड़ता है. तकनीक के आने से किसानों को काफी सुविधा होगी.
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