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कम बारिश से किसानों की मुश्किलें बढ़ी, राहत के लिए विभाग ने तैयार की योजना - Drought

कृषि विभाग ने कहा है कि अगर 10 जुलाई तक अच्छी बारिश नहीं हुई तो, सूखे के मौसम में पैदा होने वाली फसलें प्रखण्ड के अनुसार किसानों को मुहैया कराई जाएगी.

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Published : Jul 8, 2019, 5:10 PM IST

बक्सर: जिले में कम बारिश होने से सुखाड़ का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में बक्सर कृषि विभाग पूरी तरह से अलर्ट दिखाई पड़ रहा है. विभाग ने सरकार को सूखे से निपटने के लिए कन्टीजेन्सी प्लान तैयार कर भेजा है. उन्होंने कहा कि अगर 10 जुलाई तक जिले में वर्षा नहीं हुई तो धान की रोपनी नहीं हो पाएगी.

आसमान में निगाहें गड़ाए किसान
मालूम हो कि जिले में जुलाई 2018 से लेकर अबतक बहुत ही कम बारिश हुई है. जिस कारण पूरा इलाका मरुभूमि में तब्दील हो गया है. किसान नलकूप के सहारे खरीफ फसल का बिचड़ा तैयार कर आसमान की तरफ नजरे गड़ाए हुए हैं. लेकिन, ना तो अभी तक अच्छी बारिश हुई है और ना ही नहरों में पानी आया है. ऐसे में किसान काफी निराश दिख रहे हैं.

जिला कृषि पदाधिकारी का बयान

विषम परिस्थिति के लिए तैयार प्लान
इस मामले को लेकर जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णा नंद चक्रवर्ती ने बताया कि जिले के 95 प्रतिशत किसानों ने अपना बिचड़ा तैयार कर लिया है. लेकिन, पानी के अभाव में मात्र 3 प्रतिशत ही धान की रोपनी हो पाई है. वर्तमान स्थिति को देखते हुए कृषि विभाग ने सूखे से निपटने के लिए कन्टीजेन्सी प्लान तैयार किया है. विभाग ने इसे सरकार को भी भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि अगर 10 जुलाई तक अच्छी बारिश नहीं हुई तो, सूखे के मौसम में पैदा होने वाली फसलें प्रखण्ड के अनुसार किसानों को मुहैया कराई जाएगी.

बक्सर: जिले में कम बारिश होने से सुखाड़ का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में बक्सर कृषि विभाग पूरी तरह से अलर्ट दिखाई पड़ रहा है. विभाग ने सरकार को सूखे से निपटने के लिए कन्टीजेन्सी प्लान तैयार कर भेजा है. उन्होंने कहा कि अगर 10 जुलाई तक जिले में वर्षा नहीं हुई तो धान की रोपनी नहीं हो पाएगी.

आसमान में निगाहें गड़ाए किसान
मालूम हो कि जिले में जुलाई 2018 से लेकर अबतक बहुत ही कम बारिश हुई है. जिस कारण पूरा इलाका मरुभूमि में तब्दील हो गया है. किसान नलकूप के सहारे खरीफ फसल का बिचड़ा तैयार कर आसमान की तरफ नजरे गड़ाए हुए हैं. लेकिन, ना तो अभी तक अच्छी बारिश हुई है और ना ही नहरों में पानी आया है. ऐसे में किसान काफी निराश दिख रहे हैं.

जिला कृषि पदाधिकारी का बयान

विषम परिस्थिति के लिए तैयार प्लान
इस मामले को लेकर जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णा नंद चक्रवर्ती ने बताया कि जिले के 95 प्रतिशत किसानों ने अपना बिचड़ा तैयार कर लिया है. लेकिन, पानी के अभाव में मात्र 3 प्रतिशत ही धान की रोपनी हो पाई है. वर्तमान स्थिति को देखते हुए कृषि विभाग ने सूखे से निपटने के लिए कन्टीजेन्सी प्लान तैयार किया है. विभाग ने इसे सरकार को भी भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि अगर 10 जुलाई तक अच्छी बारिश नहीं हुई तो, सूखे के मौसम में पैदा होने वाली फसलें प्रखण्ड के अनुसार किसानों को मुहैया कराई जाएगी.

Intro:बक्सर/ऐंकर-जिला में सूखे की बढ़ी संभावना पर कृषि बिभाग हुआ एलर्ट,सूखे से निपटने के लिए बिभाग ने कन्टिजेन्ट प्लान तैयार कर भेजा सरकार को,10 जुलाई तक जिले में नही हुई बरसात तो नही हो पाएगी धान की रोपनी।


Body:जुलाई 2018 से अब तक जिले में कम बारिश होने के कारण पूरा इलाका मरुभूमि में तब्दील हो गया है,किसान नलकूप के सहारे खरीफ फशल की बिजडा तैयार कर आसमान की तरफ अपनी नजरे गड़ाए हुए है। लेकिन न तो जिला में अब तक अछि बारिश हुई और न ही नहरों में पानी आया,जिससे किसान रोपनी कर सके। वही इस मामले को लेकर जिला कृषि पदाधिकारी कृष्ण नंदन चक्रवर्ती ने बताया कि पूरे जिला में 95 प्रतिशत किसानों ने अपना बिजडा तैयार कर लिया है,लेकिन पानी की अभाव में मात्र 3 प्रतिशत ही धान की रोपनी अब तक हो पाई है,जबकी 95 प्रतिशत किसान ने अपना बिजडा तैयार कर लिया है,वर्तमान स्थिति को देखते हुए कृषि बिभाग के द्वारा सूखे से निपटने के लिए कँटीजेन्ट प्लान तैयार कर सरकार को भेज दिया गया हैं,जिला में 10 जुलाई तक अच्छी बारिश नही हुई तो,सूखा के मौसम में उपज होने वाले फशल प्रखण्ड के अनुसार किसानों को मुहैया कराया जाएगा।

byte -कृष्ण नंदन चक्रवर्ती,-जिला कृषि पदाधिकारी


Conclusion:गौरतलब है,की जुलाई 2018 से ही बक्सर जिला में सूखे की स्थिति बनी हुई है ,जिसे देखते हुए किसानों को राहत पहुचाने के लिए बिभाग ने तैयारी करना शुरू कर दिया है।
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