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औरंगाबाद: जंगल से भटक कर गांव में पहुंच रहे हैं मोर और अन्य जंगली जानवर

बढ़ती गर्मी के कारण औरंगाबाद के जंगलों से पक्षी और पशु गांव में आने लगे हैं. जंगलों में पानी सूख जाने के कारण प्यास बुझाने के लिए कई मोर गांव में आ गए हैं.

औरंगाबाद
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Published : Apr 8, 2020, 12:25 PM IST

औरंगाबाद: जिले के दक्षिण क्षेत्र में जंगलों में अप्रैल के शुरुआती महीने में ही पानी की कमी हो गई है. पानी की कमी के कारण जंगली जानवर पानी की तलाश में गांव में भटकने लगे हैं. ऐसे ही तीन मोरों को वन रक्षकों ने रेस्क्यू कर वापस जंगल में छोड़ा है.

aurangabad
वन विभाग की टीम

मदनपुर प्रखण्ड के जंगली इलाके से भटककर तीन की संख्या में मोर पक्षी पानी की तलाश में ग्रामीण क्षेत्र में आ पहुंचे. जिसे ग्रामीणों ने पकड़ कर अपने पास रखा और इसकी सूचना तत्काल वन विभाग को दी. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे वन विभाग के कर्मचारी और पदाधिकारी रेंज ऑफिसर शिवकुमार राम, वनरक्षी गौरव राज, रितिका रानी, पप्पू कुमार आदि अपने दल बल के साथ पहुंचकर तीनो मोर पक्षी को सुरक्षित वन विभाग ले गए. जहां पशु चिकित्सकों की देख रेख में तीनों मोर का इलाज किया गया. इलाज के बाद तीनों मोरों की स्थिति सामान्य पाई गई.

पानी की समस्या से परेशान जानवर
बता दें कि औरंगाबाद जिले के दक्षिणी भाग के जंगली क्षेत्रों के साथ पहाड़ी क्षेत्र भी काफी अधिक है. जहां गर्मियों के दिनों में पानी की भयंकर समस्या होती है. इन समस्याओं के कारण पशु-पक्षी और जंगली जानवर भटक कर इंसानी बस्तियों में आ जाते हैं. जहां उन्हें ग्रामीणों की सहायता से वन कर्मी वापस जंगल में छोड़ आते हैं.

औरंगाबाद: जिले के दक्षिण क्षेत्र में जंगलों में अप्रैल के शुरुआती महीने में ही पानी की कमी हो गई है. पानी की कमी के कारण जंगली जानवर पानी की तलाश में गांव में भटकने लगे हैं. ऐसे ही तीन मोरों को वन रक्षकों ने रेस्क्यू कर वापस जंगल में छोड़ा है.

aurangabad
वन विभाग की टीम

मदनपुर प्रखण्ड के जंगली इलाके से भटककर तीन की संख्या में मोर पक्षी पानी की तलाश में ग्रामीण क्षेत्र में आ पहुंचे. जिसे ग्रामीणों ने पकड़ कर अपने पास रखा और इसकी सूचना तत्काल वन विभाग को दी. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे वन विभाग के कर्मचारी और पदाधिकारी रेंज ऑफिसर शिवकुमार राम, वनरक्षी गौरव राज, रितिका रानी, पप्पू कुमार आदि अपने दल बल के साथ पहुंचकर तीनो मोर पक्षी को सुरक्षित वन विभाग ले गए. जहां पशु चिकित्सकों की देख रेख में तीनों मोर का इलाज किया गया. इलाज के बाद तीनों मोरों की स्थिति सामान्य पाई गई.

पानी की समस्या से परेशान जानवर
बता दें कि औरंगाबाद जिले के दक्षिणी भाग के जंगली क्षेत्रों के साथ पहाड़ी क्षेत्र भी काफी अधिक है. जहां गर्मियों के दिनों में पानी की भयंकर समस्या होती है. इन समस्याओं के कारण पशु-पक्षी और जंगली जानवर भटक कर इंसानी बस्तियों में आ जाते हैं. जहां उन्हें ग्रामीणों की सहायता से वन कर्मी वापस जंगल में छोड़ आते हैं.

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