औरंगाबाद: जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने शिक्षा के क्षेत्र में बिहार सरकार की ओर से की जा रही कोशिशों की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अगुवाई में शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर करने के लिए लगातार योजनाओं पर काम हो रहा है.
ये भी पढ़ें: RCP आए तो पूरे बिहार को पता चला लेकिन उपेन्द्र कुशवाहा को खबर तक नहीं!
अपनी 'बिहार यात्रा' के दौरान औरंगाबाद पहुंचे जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बिहार सरकार ने निर्णय लिया है कि स्कूल में जो हेडमास्टर होंगे, उनकी बहाली बीपीएससी (BPSC) के माध्यम से होगी. उनका अलग से कैडर में बनाया जाएगा. इस रूप में जब प्रधानाध्यापक की बहाली होगी तो जाहिर तौर पर शिक्षा की गुणवत्ता बहुत ही अच्छी हो जाएगी.
"देखिये मुझे लगता है कि बिहार सरकार ने जो निर्णय लिया है कि हेडमास्टर की बहाली बीपीएससी के आधार पर होगी और उनका अलग से कैडर भी बनाया जाएगा. निश्चित रूप से जब ऐसे प्रधानाध्यापक की बहाली होगी तो शिक्षा की गुणवत्ता बहुत ही अच्छी हो जाएगी"- उपेंद्र कुशवाहा, नेता, जेडीयू
ये भी पढ़ें: नियोजित शिक्षकों को 31 अगस्त तक सर्टिफिकेट अपलोड करने का आखिरी मौका
इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मिड डे मिल में अगर शिक्षकों की भागीदारी न हो, इस बात को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव दिया है, जिसे स्वीकार भी कर लिया गया है. अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कुछ जिले में इसे स्वतंत्र एजेंसी को सौंपा जा रहा है और शिक्षकों को इस काम से छुटकारा दिया जा रहा है. ऐसे में मेरा मानना है कि इससे भी शिक्षकों का ध्यान पठन-पाठन पर जाएगा और इससे शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर होगी.
जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने दावा किया कि कोरोना के दौरान बिहार सरकार ने पूरी संवेदनशीलता के साथ काम किया है. सही वक्त पर अस्पतालों तक मेडिकल सुविधाएं, ऑक्सीजन और दवाई पहुंचायी गई. जिस कारण से बिहार में कम से कम नुकसान हुआ और अन्य राज्यों की तुलना में कोरोना पर जल्दी काबू पाया जा सके.
कुशवाहा ने कहा कि कोरोना महामारी से जान गंवाने वाले लोगों के प्रति सरकार की पूरी संवेदना रही है. मृतकों के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से हर तरह की सहायता दी जा रही है.