औरंगाबाद: जिले में देव सूर्य मंदिर से थोड़ी दूर पर सूरजकुंड स्थित है. जिसे कुष्ठ निवारक तालाब के नाम से जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस तालाब में स्नान करने से चर्म रोग दूर हो जाता है. कुष्ठ निवारक के बारे में कई कहानियां प्रचलित हैं और छठ महापर्व में इसी तालाब में कार्तिक मास में श्रद्धालु अर्घ्य देने आते हैं.
सौर तीर्थ स्थल देव का पवित्र सूरजकुंड
बता दें कि देव सूर्य मंदिर से थोड़ी दूर पर सुप्रसिद्ध सौर तीर्थ स्थल देव का पवित्र सूरजकुंड है. जिसे कुष्ठ निवारक के रूप में पूरी आस्था के साथ पूजा जाता है. यह सूर्य पुराण में सर्वाधिक प्रचलित है. जन सूचियों के अनुसार देव मंदिर के निर्माण से पूर्व इला के बेटे राजा एल ऋषि के दिए गए श्राप से कुष्ठ रोग से ग्रसित हो गए थे. एक बार राजा एल आखेट खेलते-खेलते भटक गए.
कुष्ठ रोग के लिए वरदान है सूरजकुंड
राजा भटकते-भटकते प्यास से व्याकुल हो गए. पानी की तलाश में वो निकल पड़े. इसके बाद उन्हें एक छोटा सा सरोवर दिखाई दिया. राजा अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी पिया और पानी से अपने शरीर के अंगों को भी धोया और पास के ही एक वृक्ष के नीचे विश्राम करने लगे. विश्राम करने के बाद राजा ने जब अपने हाथ को देखा तो हाथ के कुष्ठ के सारे दाग गायब थे. शरीर पर भी कहीं कुष्ठ के दाग नहीं थे. इसके बाद से यह तालाब चर्म रोगियों और कुष्ठ रोग के लिए वरदान बना हुआ है.