औरंगाबाद : बिहार के औरंगाबाद में कथित जहरीली शराब से तीन लोगों की हुई मौत के मामले (Aurangabad Poisonous Liquor Case) में एक सब इंस्पेक्टर तथा स्थानीय चौकीदार को निलंबित कर दिया गया है. जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र के रानीगंज गांव में एक व्यक्ति संजय दास की मौत रविवार की सुबह हो गई थी. संजय के परिवार वालों का कहना है कि उसने शनिवार की रात शराब पी थी और रविवार सुबह उसे मरा हुआ पाया गया. मृतक संजय दास झारखंड के फुसरो के वार्ड नंबर 13, ब्लॉक कॉलोनी का निवासी था और मदनपुर थाने के रानीगंज गांव में एक रिश्तेदार के यहां किसी काम से आया था. इसी गांव में दो दिन पहले एक स्थानीय व्यक्ति कृष्णा राम की भी संदिग्ध रूप से मौत हो गई थी, हालांकि कृष्णा राम की मौत के बारे में उसके घर वालों ने कोई शिकायत कहीं नहीं की थी.
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कथित जहरीली शराब से संदिग्ध मौत: दूसरी घटना भी मदनपुर थाने के सिंदुवार गांव की है जहां पिंटू शर्मा नाम के व्यक्ति ने शनिवार की रात शराब पी थी और रविवार की सुबह अपने घर में मृत पाया गया. 30 वर्षीय पिंटू चौधरी ट्रेक्टर ड्राइवर का काम करता था. दोनों मृतकों के घर वालों ने जहरीली शराब से इनकी मौत होने की आशंका जताई है. इस सिलसिले में पुलिस अधीक्षक कांतेश कुमार मिश्र ने बताया कि पुलिस अब तक इसे संदिग्ध रूप से जहरीली शराब से हुई मौत का मामला मान रही है. दोनों व्यक्तियों के शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है ताकि मृत्यु के असली कारणों का पता लगाया जा सका.
जहरीली शराबकांड में एसआई निलंबित: इस बीच मदनपुर थाने की मद्य निषेध इकाई के प्रभारी सब इंस्पेक्टर सुदर्शन चौधरी तथा स्थानीय चौकीदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. गुप्त सूचना के आधार पर शराब की हैंडलिंग करने वाले तीन व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया गया है. इस पूरे मामले की जांच के लिए औरंगाबाद के सदर अनुमंडल पदाधिकारी तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम गठित की गई है जिससे 48 घंटों के अंदर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पूरे इलाके में छापेमारी की जा रही है और जांच समिति की रिपोर्ट एवं पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
ड्रोन व हेलीकॉप्टर से निगरानी भी बेअसर: बिहार में अप्रैल, 2016 से शराबबंदी लागू (Liquor Ban in Bihar) है. राज्य सरकार इसे लागू करने को हर संभव प्रयास कर रही है. लेकिन आंकड़े बताते हैं कि स्थिति दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है. जब से मद्य निषेध कानून लागू किया गया है तब से अब तक करीब लाखों लीटर देसी-विदेशी शराब बरामद की जा चुकी है, जबकि इस कानून के उल्लंघन में करीब साढ़े चार लाख लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
शराबबंदी कानून में संशोधन: दरअसल, शराबबंदी को लेकर आलोचना झेल रही नीतीश कुमार सरकार ने विधानसभा में संशोधन विधेयक 2022 पेश किया था. इसके तहत पहली बार अपराध करने वालों को जुर्माना जमा करने के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट से जमानत मिलने का प्रावधान है. अगर अपराधी जुर्माना जमा करने में सक्षम नहीं है, तो उसे एक महीने की जेल हो सकती है. नए नियम के तहत एक प्रावधान ये भी है कि जब किसी अपराधी को पुलिस की ओर से प्रतिबंध के उल्लंघन के लिए पकड़ा जाता है, तो आरोपी को उस व्यक्ति का नाम बताना होगा जहां से शराब प्राप्त की गई थी.
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