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औरंगाबाद: ज्यादा बारिश बनी किसानों की परेशानी, नहीं हो पाई धान की 5 फीसदी भी रोपनी - end of half monsoon

कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि किसान कीचड़ तैयार कर खेतों में धान लगाना शुरू कर दें. अगर अभी से धान का बिचड़ा लगाएंगे तो ही आगे चलकर बंपर पैदावार होगी. अगर उन्हें धान रोपाई में देरी होती है, तो एक धान के स्थान पर दो से तीन धान एक साथ लगाएं. जिससे कि पैदावार मेंटेन हो सके.

औरंगाबाद
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Published : Jul 11, 2020, 6:43 PM IST

औरंगाबाद: जिले के किसान इन दिनों ज्यादा बारिश होने के कारण परेशान हैं. इसके कारण किसानों को खेतों में बिछड़ा तैयार करने में कठिनाई आ रही है. खेत में पानी भर जाने के कारण कहीं बिचड़े सड़ रहे हैं, तो कहीं बुआई नहीं हो सकी है. यहां की आबादी का 80% लोग मुख्य रूप से कृषि पर ही निर्भर है. धान यहां की प्रमुख फसल है. जून-जुलाई के महीने में धान की खेती की तैयारी किसान शुरू कर देते हैं. लेकिन इस साल मानसून समय से आने के कारण लगातार बारिश हो रही है. आवश्यकता से अधिक बारिश ने किसानों को परेशान कर दिया है.

21 से 22 दिनों में कर सकते हैं रोपाई
हालांकि जिन किसानों ने खेतों में बिचड़े नहीं डाले हैं, उनके लिए अभी भी एक सप्ताह का मौका है. वह कम दिनों में तैयार होने वाले फसल के बिचड़े डाल सकते हैं. वहीं, कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. अनूप कुमार चौबे ने बताया कि किसान सबौर द्वीप, सबौर अर्जल, तुरंता, प्रभात आदि धान की किस्मों का अभी बिचड़े के रूप में उपयोग करके 21 से 22 दिनों में उसे खेतों में रोपाई कर सकते हैं. यह धान कम समय में अच्छी पैदावार देगी.

देखें पूरी रिपोर्ट

खेतों में लगाना शुरु कर दें धान
पहले बिचड़ा लगा चुके किसानों को सलाह देते हुए कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि किसान खेत तैयार कर धान लगाना शुरु कर दें. अगर अभी से धान के बिचड़ा लगाएंगे, तो ही आगे चलकर बंपर पैदावार होगी. अगर उन्हें धान रोपाई में देरी होती है, तो एक धान के स्थान पर दो से तीन धान एक साथ लगाएं. जिससे कि पैदावार मेंटेन हो सके.

कई किस्में हैं धान की
वहीं, उन्होंने कहा कि जिले भर के किसान धान की खेती में लगे हुए हैं. खेत तैयार कर रहे हैं. जिनके बिचड़े बड़े हो गए हैं, वह खेत तैयार कर रहे हैं. लेकिन जिनके बिचड़े नहीं हुए हैं, वह थोड़े मायूस दिख रहे हैं. हालांकि धान की कई किस्में है, जिसे लगाकर किसान अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.

औरंगाबाद: जिले के किसान इन दिनों ज्यादा बारिश होने के कारण परेशान हैं. इसके कारण किसानों को खेतों में बिछड़ा तैयार करने में कठिनाई आ रही है. खेत में पानी भर जाने के कारण कहीं बिचड़े सड़ रहे हैं, तो कहीं बुआई नहीं हो सकी है. यहां की आबादी का 80% लोग मुख्य रूप से कृषि पर ही निर्भर है. धान यहां की प्रमुख फसल है. जून-जुलाई के महीने में धान की खेती की तैयारी किसान शुरू कर देते हैं. लेकिन इस साल मानसून समय से आने के कारण लगातार बारिश हो रही है. आवश्यकता से अधिक बारिश ने किसानों को परेशान कर दिया है.

21 से 22 दिनों में कर सकते हैं रोपाई
हालांकि जिन किसानों ने खेतों में बिचड़े नहीं डाले हैं, उनके लिए अभी भी एक सप्ताह का मौका है. वह कम दिनों में तैयार होने वाले फसल के बिचड़े डाल सकते हैं. वहीं, कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. अनूप कुमार चौबे ने बताया कि किसान सबौर द्वीप, सबौर अर्जल, तुरंता, प्रभात आदि धान की किस्मों का अभी बिचड़े के रूप में उपयोग करके 21 से 22 दिनों में उसे खेतों में रोपाई कर सकते हैं. यह धान कम समय में अच्छी पैदावार देगी.

देखें पूरी रिपोर्ट

खेतों में लगाना शुरु कर दें धान
पहले बिचड़ा लगा चुके किसानों को सलाह देते हुए कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि किसान खेत तैयार कर धान लगाना शुरु कर दें. अगर अभी से धान के बिचड़ा लगाएंगे, तो ही आगे चलकर बंपर पैदावार होगी. अगर उन्हें धान रोपाई में देरी होती है, तो एक धान के स्थान पर दो से तीन धान एक साथ लगाएं. जिससे कि पैदावार मेंटेन हो सके.

कई किस्में हैं धान की
वहीं, उन्होंने कहा कि जिले भर के किसान धान की खेती में लगे हुए हैं. खेत तैयार कर रहे हैं. जिनके बिचड़े बड़े हो गए हैं, वह खेत तैयार कर रहे हैं. लेकिन जिनके बिचड़े नहीं हुए हैं, वह थोड़े मायूस दिख रहे हैं. हालांकि धान की कई किस्में है, जिसे लगाकर किसान अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.

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