औरंगाबाद : बिहार के औरंगाबाद में माओवादियों ने सांसद सुशील कुमार सिंह और गोह के पूर्व विधायक रणविजय सिंह को इश्तेहार चिपकाकर इलाके में घूमने से प्रतिबंधित कर दिया. ऐसा करने पर दोनों को विरोध के साथ अंजाम भुगतने की धमकी भी दी गई है. दोनों नेताओं ने माओवादियों के लेटर का जवाब देते हुए उनकी चुनौती स्वीकार कर ली. सांसद सुशील सिंह ने कहा कि जनता की भलाई के लिए उन्हें अगर मरना भी पड़ेगा तो ये उन्हें मंजूर है. वहीं गोह के पूर्व विधायक रणविजय सिंह ने कहा कि न तो उनकी शक्ति कम हुई है और न ही नक्सलियों का बल बढ़ा है.
'जनता की भलाई के लिए मरने के लिए भी तैयार': सांसद सुशील सिंह के खिलाफ नक्सलियों के धमकी भरे पोस्टर मामले में सांसद ने बयान जारी किया है. अपने जारी बयान में उन्होंने कहा है कि अगर जनता की भलाई के लिए उन्हें मरना पड़े तो ये भी उन्हें मंजूर है. उन्होंने कहा कि वे क्षेत्र के विकास के लिए हमेशा से प्रयत्नशील रहे हैं. अगर उनके मरने से नहर बन जाती है तो उन्हें मरना मंजूर है.
नक्सलियों ने चिपकाए थे 4 गावों में पोस्टर: ज्ञात हो कि जिले के गोह प्रखण्ड के 4 गांवों में नक्सलियों के नाम से पोस्टर चिपकाए गए थे, जिसमें नहर नहीं बनने की स्थिति में औरंगाबाद सांसद सुशील सिंह को क्षेत्र में घुसने नहीं देने की बात कही गई थी. उसी पोस्टर के दूसरे पैराग्राफ में गोह के पूर्व विधायक डॉ रणविजय कुमार को भी सामंतवादी व्यवस्था छोड़ने की धमकी दी थी.
''फिर एक बार दो-दो हाथ हो जाए. उसमें हम कहां पीछे हट रहे हैं. हम तैयार हैं नक्सलियों से दो-दो हाथ करने के लिए. न तो नक्सलियों का बल बढ़ा है और ना ही हमारी ताकत क्षीण हुी है. हमें नक्सलियों की चुनौती सहर्ष स्वीकार है''- रणविजय सिंह, पूर्व विधायक, गोह