ETV Bharat / state

औरंगाबाद: 14 साल बाद भी शुरू नहीं हो सका सदर अस्पताल का आईसीयू

आईसीयू भवन का निर्माण कार्य वर्ष 2006 से शुरू हुआ था. जिसके बाद से लगातार कुछ न कुछ कार्य होता रहा है. भवन में अत्याधुनिक मशीनें भी लगाई गई हैं. वहीं, करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी अब तक आईसीयू पूर्ण रूप से चालू नहीं हो पाया है.

औरंगाबाद
सदर हॉस्पिटल का आईसीयू
author img

By

Published : Feb 5, 2020, 8:55 PM IST

औरंगाबाद: जिला अस्पताल की हालत में सुधार होता नहीं दिख रहा है. आलम यह है कि डॉक्टरों की कमी और प्रशासनिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण अब तक आईसीयू शुरू नहीं हो पाया है. बता दें कि सदर अस्पताल में लगभग तीन करोड़ रुपये की लागत से बना आईसीयू चालू होने से पहले ही खराब हो चुका है.

औरंगाबाद
जिला अस्पताल का निर्माणाधीन आईसीयू

2006 से निर्माणाधीन है आईसीयू
बताते चलें कि आईसीयू भवन का निर्माण कार्य वर्ष 2006 से शुरू हुआ था. जिसके बाद से लगातार कुछ न कुछ कार्य होता रहा है. भवन में अत्याधुनिक मशीनें भी लगाई गई हैं. वहीं, करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी अब तक आईसीयू पूर्ण रूप से चालू नहीं हो पाया है.

पेश है रिपोर्ट

भुगतान हो चुका है बिजली बिल
मिली जानकारी के अनुसार आईसीयू में नियमित कार्य संचालन के लिए सरकार ने लगभग चार लाख रुपये बिजली बिल का भुगतान कर दिया है. बताया जा रहा है कि पिछली गर्मी में जिले के 2 सौ से अधिक लोगों की मृत्यु के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा कर तत्काल आईसीयू चालू करने का निर्देश दिया था.

औरंगाबाद
अकरम अली, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल

'14 साल से लंबित है ICU निर्माण'
वहीं, सिविल सर्जन अकरम अली ने कहा कि आईसीयू चालू कराने को लेकर राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा गया है. साथ ही उन्होंने बताया कि जिले की आबादी को देखते हुए ही आईसीयू बनाया गया था. लेकिन 14 साल बीत जाने के बावजूद आईसीयू अब तक शुरू नहीं किया जा सका है.

औरंगाबाद: जिला अस्पताल की हालत में सुधार होता नहीं दिख रहा है. आलम यह है कि डॉक्टरों की कमी और प्रशासनिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण अब तक आईसीयू शुरू नहीं हो पाया है. बता दें कि सदर अस्पताल में लगभग तीन करोड़ रुपये की लागत से बना आईसीयू चालू होने से पहले ही खराब हो चुका है.

औरंगाबाद
जिला अस्पताल का निर्माणाधीन आईसीयू

2006 से निर्माणाधीन है आईसीयू
बताते चलें कि आईसीयू भवन का निर्माण कार्य वर्ष 2006 से शुरू हुआ था. जिसके बाद से लगातार कुछ न कुछ कार्य होता रहा है. भवन में अत्याधुनिक मशीनें भी लगाई गई हैं. वहीं, करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी अब तक आईसीयू पूर्ण रूप से चालू नहीं हो पाया है.

पेश है रिपोर्ट

भुगतान हो चुका है बिजली बिल
मिली जानकारी के अनुसार आईसीयू में नियमित कार्य संचालन के लिए सरकार ने लगभग चार लाख रुपये बिजली बिल का भुगतान कर दिया है. बताया जा रहा है कि पिछली गर्मी में जिले के 2 सौ से अधिक लोगों की मृत्यु के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा कर तत्काल आईसीयू चालू करने का निर्देश दिया था.

औरंगाबाद
अकरम अली, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल

'14 साल से लंबित है ICU निर्माण'
वहीं, सिविल सर्जन अकरम अली ने कहा कि आईसीयू चालू कराने को लेकर राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा गया है. साथ ही उन्होंने बताया कि जिले की आबादी को देखते हुए ही आईसीयू बनाया गया था. लेकिन 14 साल बीत जाने के बावजूद आईसीयू अब तक शुरू नहीं किया जा सका है.

Intro:संक्षिप्त- औरंगाबाद में सदर हॉस्पिटल में साल 2006 में ही आईसीयू बनना शुरू हुआ था। 2020 आ गया अभी तक चालू नहीं हुआ है।
BH_AUR_01_ICU_PKG_7204105

औरंगाबाद- किसी भी जिले के लिए जिला चिकित्सालय रीढ़ की हड्डी होती है जहां हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध होती है। लेकिन औरंगाबाद सदर अस्पताल में लगभग तीन करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार आईसीयू अभी तक शुरू नहीं किया गया है। जबकि 4 लाख रुपये बिजली बिल भी भुगतान हो चुका है।Body:औरंगाबाद जिला चिकित्सालय की स्थिति में सुधार होता नहीं दिख रहा है। डॉक्टरों की कमी और प्रशासनिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण आईसीयू शुरू नहीं हो पा रहा है।
सदर अस्पताल में लगभग तीन करोड़ की लागत से बना आईसीयू चालू होने से पहले ही खराब हो चुका है।
2006 से ही बन रहा है आईसीयू

आईसीयू भवन के बिल्डिंग 2006 से बनना शुरू हुआ था । जिसके बाद से लगातार कुछ न कुछ कार्य हो रहे हैं और मशीनें लगाई जा रही है । लेकिन करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी अभी तक या पूर्ण रूप से कार्य नहीं कर रहा है।

आईसीयू चलाने के लिए सरकार ने लगभग चार लाख बिजली बिल का भी भुगतान कर दिया है लेकिन इसका लाभ एक भी मरीज को अभी तक नहीं मिल सका है। पिछली गर्मियों में जिले में 2 सौ से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है लेकिन आईसीयू चालू नहीं हो सका। तब स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की थी कि तत्काल आईसीयू चालू किया जाएगा। फिर भी चालू नहीं हो सका।
नए सिविल सर्जन अकरम अली इसे चालू कराने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने बताया कि इसके लिए राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग को लिखा गया है।
वहीं जिले में चल रहे अवैध पैथोलॉजी पर भी नकेल कसने की बात कह रहे हैं। सिविल सर्जन ने बताया कि अवैध पैथोलॉजी का जिले में कोई अस्तित्व नहीं रहेगा। जल्द ही सारे अवैध पैथोलॉजी बन्द करा दिये जायेंगे।Conclusion:शहर और जिले की आबादी को देखते हुए ही आईसीयू बनाना बनाया गया था। लेकिन 14 साल बीत जाने के बावजूद आईसीयू अभी तक शुरू नहीं किया जा सका है।

बाइट- डॉ अकरम अली, सिविल सर्जन, औरंगाबाद
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.