औरंगाबाद: जिला अस्पताल की हालत में सुधार होता नहीं दिख रहा है. आलम यह है कि डॉक्टरों की कमी और प्रशासनिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण अब तक आईसीयू शुरू नहीं हो पाया है. बता दें कि सदर अस्पताल में लगभग तीन करोड़ रुपये की लागत से बना आईसीयू चालू होने से पहले ही खराब हो चुका है.
2006 से निर्माणाधीन है आईसीयू
बताते चलें कि आईसीयू भवन का निर्माण कार्य वर्ष 2006 से शुरू हुआ था. जिसके बाद से लगातार कुछ न कुछ कार्य होता रहा है. भवन में अत्याधुनिक मशीनें भी लगाई गई हैं. वहीं, करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी अब तक आईसीयू पूर्ण रूप से चालू नहीं हो पाया है.
भुगतान हो चुका है बिजली बिल
मिली जानकारी के अनुसार आईसीयू में नियमित कार्य संचालन के लिए सरकार ने लगभग चार लाख रुपये बिजली बिल का भुगतान कर दिया है. बताया जा रहा है कि पिछली गर्मी में जिले के 2 सौ से अधिक लोगों की मृत्यु के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा कर तत्काल आईसीयू चालू करने का निर्देश दिया था.
'14 साल से लंबित है ICU निर्माण'
वहीं, सिविल सर्जन अकरम अली ने कहा कि आईसीयू चालू कराने को लेकर राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा गया है. साथ ही उन्होंने बताया कि जिले की आबादी को देखते हुए ही आईसीयू बनाया गया था. लेकिन 14 साल बीत जाने के बावजूद आईसीयू अब तक शुरू नहीं किया जा सका है.