औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद में बिजली विभाग की लापरवाही इस कदर व्याप्त है कि आए दिन झूलते हुए तारों की चपेट में आने से किसी न किसी की मौत होती रहती है. ताजा मामला मुफस्सिल थाना क्षेत्र के छोटकी बेला गांव का है. जहां खेत में गए एक बुजुर्ग किसान की करंट लगने से मौत हो गई. बिजली के तार की चपेट में आने से हादसा हुआ है. मृतक की पहचान मुफस्सिल थाना क्षेत्र के छोटकी बेला गांव के इंद्रदेव यादव के रूप में कई गई है.
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बिजली विभाग के खिलाफ नाराजगी: बताया जाता है कि शनिवार की रात हुई मूसलाधार बारिश के बाद रविवार की सुबह किसान अपने धान के खेत में पानी रोकने के उद्देश्य से मेढ़ को दुरुस्त करने गया हुआ था. जहां पहले से ही जर्जर हुए बिजली का तार टूट कर गिरा हुआ था. किसान इंद्रदेव यादव बिजली के टूटे हुए तार को देख नहीं पाया और उससे उलझकर उसकी मौत हो गई. परिजनों ने बिजली विभाग के संवेदक और कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
कैसे हुआ हादसा?: किसान को बिजली के टूटे हुए तार में उलझता देख आसपास के खेतों में काम करने वाले किसान और मजदूर शोर करते हुए उनके पास पहुंचे. किसी तरह बिजली के तार से छुड़ाकर उनको सदर अस्पताल औरंगाबाद पहुंचाया गया. जहां डॉक्टरों ने देखते ही उसे मृत घोषित कर दिया.
"घटना की सूचना पर नगर थाना की पुलिस सदर अस्पताल पहुंची थी. पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी कराई और शव परिजनों को सौंप दिया है"- सतीश बिहारी शरण, नगर थाना प्रभारी
मृतक के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग: इस घटना के बाद सदर अस्पताल पहुंचे आरजेडी के जिला प्रवक्ता डॉ रमेश यादव ने बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए घटना पर दुख जताया है. उन्होंने विभाग से किसान के परिजनों को तत्काल उचित मुआवजा देने की मांग की है. साथ ही कहा कि बिजली विभाग की गलती के कारण जिले में अब तक हजार से अधिक लोगों की टूटे हुए तारों में उलझकर असमय मृत्यु हो चुकी है.