ETV Bharat / state

औरंगाबाद: खंडहर में तब्दील होने के कगार पर है यह किला, सरकार नहीं दे रही ध्यान - प्राचीन सूर्य मंदिर

तीर्थ स्थल देव स्थित अति प्राचीन सूर्य मंदिर की महिमा दूसरे राज्यों तक है. देशी- विदेशी पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करती है.

देव स्थित राजा जगरनाथ देव किला
author img

By

Published : Aug 14, 2019, 2:35 PM IST

Updated : Aug 14, 2019, 3:24 PM IST

औरंगाबाद : जिले के देव स्थित राजा जगरनाथ देव किला का विरासत खंडर में तब्दील होने की कगार पर है. ऐतिहासिक, धार्मिक और संस्कृति का प्रतीक यह किला सरकारी उपेक्षा का शिकार है.

aurangabad latest news
देव स्थित राजा जगरनाथ देव किला

खंडहर में तब्दील होने के कगार पर है किला
गौरतलब है कि बिहार के सुप्रसिद्ध और तीर्थ स्थल देव स्थित देश के इकलौते पश्चिमाभिमुख अति प्राचीन सूर्य मंदिर की महिमा चारों ओर है. देव सूर्य नगरी को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के उद्देश्य से हर वर्ष बिहार सरकार का पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन दो दिवसीय महोत्सव का आयोजन कराती है. लेकिन बिहार सरकार की घोषणा के बाद भी देव किला का विरासत खंडर में तब्दील होने की कगार पर है.

aurangabad  news
स्थानीय निवासी


राज्य सरकार नहीं है गंभीर
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि राज्य सरकार इसको लेकर गंभीर नहीं है. कई बार देव किला का अधिग्रहण स्थानीय स्तर पर और प्रशासनिक स्तर पर शुरू किया गया था. जिले के पूर्व डीएम कुंदन कुमार के कार्यकाल में अधिग्रहण का कार्य बहुत आगे बढ़ा था. जिसके बाद हम सभी को ऐसा लगा था कि किला का अधिग्रहण होगा. पुरातत्व और राजस्व विभाग को इस दिशा में ठोस पहल करते हुए इस किला का अधिग्रहण करना चाहिए. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कई बार यहां आए और कहा कि इस किला का अधिग्रहण किया जाएगा. लेकिन वे देव वासियों को छल कर चले गए.

खंडर में तब्दील होने की कगार पर है औरंगाबाद का सुप्रसिद्ध किला


हेरिटेज होटल के रूप में किया जा सकता है विकसित
अगर राज्य सरकार इसका अधिग्रहण करती है तो यह पूरे बिहार के लिए एक अच्छा पर्यटन स्थल हो सकता है. इसके साथ ही इसे हेरिटेज होटल के रूप में भी विकसित किया जा सकता है. इससे राजस्व में वृद्धि होगी. इसके साथ ही यहां के स्थानीय लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार भी मिलेगा.

क्या कहते हैं अधिकारी
वहीं औरंगाबाद जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल ने बताया कि इस किला पर निजी स्वामित्व है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस किले के लिए अभी तक ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है कि, इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए. ऐसा प्रस्ताव आने के बाद राज्य सरकार को इस बाबत ज्ञापन सौंपा जाएगा.

औरंगाबाद : जिले के देव स्थित राजा जगरनाथ देव किला का विरासत खंडर में तब्दील होने की कगार पर है. ऐतिहासिक, धार्मिक और संस्कृति का प्रतीक यह किला सरकारी उपेक्षा का शिकार है.

aurangabad latest news
देव स्थित राजा जगरनाथ देव किला

खंडहर में तब्दील होने के कगार पर है किला
गौरतलब है कि बिहार के सुप्रसिद्ध और तीर्थ स्थल देव स्थित देश के इकलौते पश्चिमाभिमुख अति प्राचीन सूर्य मंदिर की महिमा चारों ओर है. देव सूर्य नगरी को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के उद्देश्य से हर वर्ष बिहार सरकार का पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन दो दिवसीय महोत्सव का आयोजन कराती है. लेकिन बिहार सरकार की घोषणा के बाद भी देव किला का विरासत खंडर में तब्दील होने की कगार पर है.

aurangabad  news
स्थानीय निवासी


राज्य सरकार नहीं है गंभीर
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि राज्य सरकार इसको लेकर गंभीर नहीं है. कई बार देव किला का अधिग्रहण स्थानीय स्तर पर और प्रशासनिक स्तर पर शुरू किया गया था. जिले के पूर्व डीएम कुंदन कुमार के कार्यकाल में अधिग्रहण का कार्य बहुत आगे बढ़ा था. जिसके बाद हम सभी को ऐसा लगा था कि किला का अधिग्रहण होगा. पुरातत्व और राजस्व विभाग को इस दिशा में ठोस पहल करते हुए इस किला का अधिग्रहण करना चाहिए. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कई बार यहां आए और कहा कि इस किला का अधिग्रहण किया जाएगा. लेकिन वे देव वासियों को छल कर चले गए.

खंडर में तब्दील होने की कगार पर है औरंगाबाद का सुप्रसिद्ध किला


हेरिटेज होटल के रूप में किया जा सकता है विकसित
अगर राज्य सरकार इसका अधिग्रहण करती है तो यह पूरे बिहार के लिए एक अच्छा पर्यटन स्थल हो सकता है. इसके साथ ही इसे हेरिटेज होटल के रूप में भी विकसित किया जा सकता है. इससे राजस्व में वृद्धि होगी. इसके साथ ही यहां के स्थानीय लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार भी मिलेगा.

क्या कहते हैं अधिकारी
वहीं औरंगाबाद जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल ने बताया कि इस किला पर निजी स्वामित्व है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस किले के लिए अभी तक ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है कि, इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए. ऐसा प्रस्ताव आने के बाद राज्य सरकार को इस बाबत ज्ञापन सौंपा जाएगा.

Intro:bh_au_01_dev_kali_bhuvan_khandar_vis_ byte_pkg_special_ptc_bh10003
एंकर :- औरंगाबाद जिले के देव स्थित राजा जगरनाथ देव किला का विरासत खंडार ध्वस्त होने का कारागार, ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक का प्रतीक किला सरकारी उपेक्षा का शिकार अधिग्रहण का कार्य अधर में।
स्पेशल रिपोर्ट संतोष कुमार औरंगाबाद


Body:v.o.1.गौरतलब है कि बिहार के सुप्रसिद्ध सौर तीर्थ स्थल देव स्थित देश के इकलौते पश्चिमाभिमुख अति प्राचीन सूर्य मंदिर महिमा से समस्त देशवासियों को अवगत कराने देशी विदेशी सैलानियों पर्यटक का आकर्षित करने एवं देव सूर्य नगरी को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के उद्देश्य हर वर्ष बिहार सरकार के पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन दो दिवसीय महोत्सव होता तो जरूर है लेकिन बिहार सरकार के घोषणा के बाद भी देव किला का विरासत खंडहर में तब्दील होने के कगार में है। देव वासियों आरोप है राज्य सरकार की की नीतियां सबसे बड़ा दोषी है, देव किला का अधिकरण स्थानीय स्तर पर एवं प्रशासनिक स्तर पर शुरू किया गया था जिले के पूर्व जिलाधिकारी कुंदन कुमार के द्वारा कार्य बहुत आगे बढ़ा था पुरातत्व एवं राजस्व विभाग के द्वारा पहल कर किला के अधिग्रहण के लिए प्रयास किया जाए, साथी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा के बाद भी देव किला अधिग्रहण के कार्य नहीं हो सका बिल्कुल खंडहर होने के तब्दील में है।
1.वाईट :- आलोक कुमार सिंह - देव प्रखंड औरंगाबाद।


Conclusion:v.o.2 औरंगाबाद जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल ने बताया कि राजा जगन्नाथ जी का किला अभी तक ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है जिसे से विकसित कर पर्यटक स्थल के रूप में विकास किया जाए ऐसा प्रस्ताव आने के बाद राज सरकार को भेजने का काम करेंगे।
2वाईट :- राहुल रंजन महिवाल जिलाधिकारी औरंगाबाद।
पीटीसी संतोष कुमार ईटीवी भारत औरंगाबाद।
Last Updated : Aug 14, 2019, 3:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.