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फांसी की तारीख मुकर्रर होने पर निर्भया के दोषी अक्षय ठाकुर के जिले में खुशी की लहर - Supreme court

निर्भया कांड में फांसी की सजा सुनाए गए 4 दोषियों में से एक अक्षय सिंह उर्फ अक्षय ठाकुर औरंगाबाद जिले के टन्डवा थाना क्षेत्र का रहने वाला है. जिले के लोग कोर्य के इस फैसले से खुश हैं.

औरंगाबाद
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Published : Jan 8, 2020, 11:27 PM IST

औरंगाबाद: निर्भया कांड के चारों दोषियों को हुए फांसी की सजा के बाद से औरंगाबाद में भी हलचल है. हलचल का कारण है कि एक आरोपी अक्षय ठाकुर जिले का ही रहने वाला है. लेकिन यहां के नागरिकों ने कोर्ट के फांसी के इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बहुत सही फैसला दिया है. इन दोषियों को बहुत पहले ही फांसी हो जानी चाहिए थी.

बता दें कि साल 2012 में हुए निर्भया कांड ने पूरे देश को हिला दिया था. इस कांड के बाद देश में एक नए आंदोलन का शुरुआत हुई थी. जिसके बाद से सभी दोषी गिरफ्तार हुए थे. जिसमें एक नाबालिक था और एक ने जेल में ही आत्महत्या कर ली थी. कुल बचे 4 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा सुना दी थी. वहीं, 7 जनवरी को इस मामले पर डेथ वारंट जारी कर दिया गया है.

पेश है रिपोर्ट

कोर्ट के फैसले से खुशी का माहौल
आरोपियों को फांसी देने की तिथि मुकर्रर होने से यहां के स्थानीय निवासी बहुत खुश हैं. वो चाहते हैं कि फांसी का डेट और आगे ना बढ़े. आरोपियों को तत्काल फांसी दी जाए. वहीं, छात्र नेता याशिका सिंह और सुप्रिया सिंह ने कहा कि उन्हें दुख है कि आरोपी उन्हीं के जिले का रहने वाला है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से वो काफी खुश है. हलांकि सुप्रीम कोर्ट ने फैसले देने में देर कर दी. फिर भी अब और तिथि आगे नहीं बढ़नी चाहिए.

औरंगाबाद: निर्भया कांड के चारों दोषियों को हुए फांसी की सजा के बाद से औरंगाबाद में भी हलचल है. हलचल का कारण है कि एक आरोपी अक्षय ठाकुर जिले का ही रहने वाला है. लेकिन यहां के नागरिकों ने कोर्ट के फांसी के इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बहुत सही फैसला दिया है. इन दोषियों को बहुत पहले ही फांसी हो जानी चाहिए थी.

बता दें कि साल 2012 में हुए निर्भया कांड ने पूरे देश को हिला दिया था. इस कांड के बाद देश में एक नए आंदोलन का शुरुआत हुई थी. जिसके बाद से सभी दोषी गिरफ्तार हुए थे. जिसमें एक नाबालिक था और एक ने जेल में ही आत्महत्या कर ली थी. कुल बचे 4 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा सुना दी थी. वहीं, 7 जनवरी को इस मामले पर डेथ वारंट जारी कर दिया गया है.

पेश है रिपोर्ट

कोर्ट के फैसले से खुशी का माहौल
आरोपियों को फांसी देने की तिथि मुकर्रर होने से यहां के स्थानीय निवासी बहुत खुश हैं. वो चाहते हैं कि फांसी का डेट और आगे ना बढ़े. आरोपियों को तत्काल फांसी दी जाए. वहीं, छात्र नेता याशिका सिंह और सुप्रिया सिंह ने कहा कि उन्हें दुख है कि आरोपी उन्हीं के जिले का रहने वाला है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से वो काफी खुश है. हलांकि सुप्रीम कोर्ट ने फैसले देने में देर कर दी. फिर भी अब और तिथि आगे नहीं बढ़नी चाहिए.

Intro:संक्षिप्त- निर्भया कांड में फांसी पाए चार आरोपियों में से एक अक्षय सिंह उर्फ अक्षय ठाकुर औरंगाबाद जिले के टन्डवा थाने के लहंग करमा गांव का रहने वाला है। जिले के लोग इस फैसले से खुश हैं।

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औरंगाबाद- निर्भया कांड के चारों दोषियों को हुए फांसी की सजा के बाद से औरंगाबाद में भी हलचल है। हलचल का कारण है कि एक आरोपी अक्षय ठाकुर जिले का ही रहने वाला है। लेकिन यहां के नागरिकों ने फांसी के इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बहुत सही फैसला दिया है इन्हें बहुत पहले फांसी हो जानी चाहिए थी।


Body: साल 2012 में हुए निर्भया कांड ने पूरे देश को हिला दिया था। इस कांड के बाद देश में एक नए आंदोलन का शुरुआत हुई थी। जिसके बाद से सभी आरोपी गिरफ्तार हुए थे। जिसमें एक नाबालिक था और एक ने जेल में ही आत्महत्या कर ली थी। कुल बचे चार आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने फांसी का वारंट जारी कर दिया है। इस घटना में एक प्रमुख आरोपी अक्षय कुमार सिंह उर्फ अक्षय ठाकुर इसी जिले के नवीनगर प्रखंड के टंडवा थाना क्षेत्र के लहंग करमा गांव का निवासी है । अक्षय के परिवार में माता-पिता, दो भाइयों के अलावे पत्नी और एक 7 वर्ष का बेटा है।

आरोपियों को फांसी देने की तिथि मुकर्रर होने से औरंगाबाद शहर में भी हलचल है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से स्थानीय निवासी खुश हैं और चाहते हैं कि फांसी की तिथि और आगे ना बढ़े। आरोपियों को तत्काल फांसी दी जाए। छात्र नेता याशिका सिंह और सुप्रिया सिंह कहती हैं कि उन्हें दुख है कि आरोपी उन्हीं के जिले का रहने वाला है । लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हुए संतुष्ट हैं । हलांकि सुप्रीम कोर्ट ने देर कर दी फिर भी अब और तिथि आगे नहीं बढ़नी चाहिए।


Conclusion:चारों में से एक आरोपी का औरंगाबाद जिला के होने के कारण भी में जिले के लोग खुश है कि फांसी होगी। सभी ने एक स्वर में कहा कि फांसी की तय हुई मुकर्रर तिथि अब आगे नहीं बढ़ने चाहिए।
बाइट- यशिका सिंह
बाइट- सुप्रिया सिंह
बाइट- अमित कुमार
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