औरंगाबाद: जिले में मनरेगा (MNREGA) में कार्य में हुए अनियमितता और घोटाले के मामले में ओबरा के तत्कालीन मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी मधुकर और लेखपाल अजित कुमार समेत 5 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र का गठन कर लिया गया है. जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने आरोप पत्र के गठित होने एक महोने के अंदर कार्रवाई का निर्देश दिए हैं.
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उड़ाही योजना में धांधली
दरअसल, सदीपुर गावं के तकेया प्रखंड ओबरा में महेश भुइयां के खेत से लेकर देकही कोना एवं ऊपर होते हुए भटवार से एकौना दुसयानी तक करहा उड़ाही में योजना का मापी 10 लाख 78 हजार 850 रुपए के स्थान पर 16 लाख 8 हजार 222 का मस्टर रोल तैयार कर लेखापाल और कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा निकासी कर ली गयी थी.
इसी तरह दूसरे मामले में सदीपुर तकेया में उपरका विरजा शर्मा के खेत से लेकर नहरो डिहरी दुसयानी तक करहा उड़ाही कार्य में कार्य मापी 61 हजार के स्थान पर 1 लाख 28 हजार रुपए का मस्टर रोल तैयार कर लेखपाल और कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा निकासी कर ली गयी.
6 लाख गबन केस में आरोप पत्र गठित
जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल द्वारा जांच कराये जाने के बाद समीक्षा उपरांत लेखपाल अजित कुमार और ओबरा प्रखण्ड के तत्कालीन मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी कुमार मधुकर को दोषी पाया गया. प्रथम योजना में 5 लाख 29 हजार 3 सौ 72 रुपए और दूसरी योजना में 67 हजार 335 रुपए के अधिक की निकासी करने का दोषी पाते हुए इनके विरुद्ध आरोप पत्र गठित किया गया है.
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डीएम ने कार्रवाई दिये निर्देश
वहीं, मनरेगा के कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार और कनीय अभियंता नीलकंठ प्रसाद सिंह को स्थल पर जाकर योजना का प्राक्कलन नहीं बनाने के लिए दोषी पाते हुए इनके विरूद्ध भी आरोप पत्र गठित किया गया है. दोनों योजना के अभिकर्ता रामइश्रेष सिंह जनसेवक ओबरा को गलत ढंग से मस्टर रोल तैयार करने और अधिक राशि की निकासी के लिए दोषी मानते हुए इनके खिलाफ भी आरोपपत्र गठित किया गया है. डीएम ने आरोप पत्र के गठित होने एक महोने के अंदर कार्रवाई का निर्देश दिए हैं.