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मतदाता जागरूकता के लिए डीएम ने चलाया कैंपेन, बोले- न सिर्फ अधिकार, कर्तव्य भी है वोटिंग - वोटिंग

औरंगाबाद जिला पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गया है, लेकिन मध्यमवर्गीय वोटरों में अभी भी उत्साह उतना नहीं देखने को मिल रहा है.

डीएम राहुल रंजन
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Published : Mar 27, 2019, 8:12 AM IST

औरंगाबाद: सोमवार को नामांकन की अंतिम तिथि थी. नामांकन की अंतिम तिथि तक कुल 16 प्रत्याशियों ने नामांकन किया है. औरंगाबाद जिला पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गया है. हर तरफ चुनाव की ही चर्चा है. मध्यमवर्गीय वोटरों में अभी भी उत्साह उतना नहीं देखने को मिल रहा है. हालांकि मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल ने कैंपेन भी चलाया है और ज्यादा से ज्यादा लोगों को मतदान करने की अपील कर रहे हैं.

election
मतदाताओं में उत्साह की कमी

औरंगाबाद में मुख्य रूप से एनडीए और महागठबंधन के प्रत्याशियों के साथ साथ बहुजन समाज पार्टी स्वराज पार्टी, अन्य पार्टियों और निर्दलीय प्रत्याशियों प्रत्याशी चुनाव में भाग्य आजमा रहे हैं. यहां मुख्य मुकाबला वर्तमान भाजपा सांसद सुशील कुमार सिंह और महागठबंधन के प्रत्याशी उपेंद्र प्रसाद के बीच ही माना जा रहा है.

विकास के नाम पर कुछ नहीं
औरंगाबाद के लोगों का कहना है कि वोट देना जरूरी है इसलिए वोट देते हैं, लेकिन मतदान को लेकर उन्हें कोई उत्साह नहीं है. नेता हर पांच साल बाद वोट मांगने आ जाते हैं पर और बड़े-बड़े वादे कर जाते हैं, पर तस्वाीर कभी नहीं बदलती.

कैंपेन के माध्यम से किया गया जागरूक

वहीं लोगों को मतदान के लिए जागरूक के लिए डीएम राहुल रंजन महिवाल ने कैंपेन चलाया. उन्होंने बताया कि कैंपेन का उद्देश्य लोगों को ये बताना है कि मतदान न सिर्फ आपका अधिकार है, बल्कि कर्तव्य भी है जिसका निर्वाहन जनता को करना चाहिए.

औरंगाबाद: सोमवार को नामांकन की अंतिम तिथि थी. नामांकन की अंतिम तिथि तक कुल 16 प्रत्याशियों ने नामांकन किया है. औरंगाबाद जिला पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गया है. हर तरफ चुनाव की ही चर्चा है. मध्यमवर्गीय वोटरों में अभी भी उत्साह उतना नहीं देखने को मिल रहा है. हालांकि मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल ने कैंपेन भी चलाया है और ज्यादा से ज्यादा लोगों को मतदान करने की अपील कर रहे हैं.

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मतदाताओं में उत्साह की कमी

औरंगाबाद में मुख्य रूप से एनडीए और महागठबंधन के प्रत्याशियों के साथ साथ बहुजन समाज पार्टी स्वराज पार्टी, अन्य पार्टियों और निर्दलीय प्रत्याशियों प्रत्याशी चुनाव में भाग्य आजमा रहे हैं. यहां मुख्य मुकाबला वर्तमान भाजपा सांसद सुशील कुमार सिंह और महागठबंधन के प्रत्याशी उपेंद्र प्रसाद के बीच ही माना जा रहा है.

विकास के नाम पर कुछ नहीं
औरंगाबाद के लोगों का कहना है कि वोट देना जरूरी है इसलिए वोट देते हैं, लेकिन मतदान को लेकर उन्हें कोई उत्साह नहीं है. नेता हर पांच साल बाद वोट मांगने आ जाते हैं पर और बड़े-बड़े वादे कर जाते हैं, पर तस्वाीर कभी नहीं बदलती.

कैंपेन के माध्यम से किया गया जागरूक

वहीं लोगों को मतदान के लिए जागरूक के लिए डीएम राहुल रंजन महिवाल ने कैंपेन चलाया. उन्होंने बताया कि कैंपेन का उद्देश्य लोगों को ये बताना है कि मतदान न सिर्फ आपका अधिकार है, बल्कि कर्तव्य भी है जिसका निर्वाहन जनता को करना चाहिए.

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औरंगाबाद- सोमवार को नामांकन की अंतिम तिथि थी । नामांकन की अंतिम तिथि तक कुल 16 प्रत्याशियों ने नामांकन किया है । जिला पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गया है । हर तरफ चुनाव की ही चर्चा है । मध्यमवर्गीय वोटरों में अभी भी उत्साह उतना नहीं देखने को मिल रहा है । हालांकि मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल ने कैंपेन भी चलाया है । और ज्यादा से ज्यादा लोगों को मतदान करने की अपील कर रहे हैं।


Body:औरंगाबाद में मुख्य रूप से एनडीए और महागठबंधन के प्रत्याशियों के साथ साथ बहुजन समाज पार्टी स्वराज पार्टी और अन्य पार्टियों और निर्दलीय प्रत्याशियों प्रत्याशी चुनाव में भाग्य आजमा रहे हैं। इस तरह कुल 16 प्रत्याशी औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र से चुनाव में भाग्य आजमा रहे हैं । यहां मुख्य मुकाबला वर्तमान भाजपा सांसद सुशील कुमार सिंह और महागठबंधन के प्रत्याशी उपेंद्र प्रसाद के बीच ही है।
स्थानीय मतदाताओं का हर बार की तरह इस बार भी मिली जुली प्रतिक्रिया आ रही है। पिछले दिनों जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल ने भी गिरते मतदान प्रतिशत पर चिंता व्यक्त की थी और शत-प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करने की बात कही थी। जिलाधिकारी इसके लिए बकायदा जागरूकता अभियान भी चला रहे हैं । जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में मतदान का प्रतिशत 50 से 51% पिछले दो लोकसभा चुनाव से चला आ रहा है । जिसे बढ़ाने का लक्ष्य उन्होंने रखा है ।
आम लोगों ने बातचीत में बताया कि चुनाव को लेकर उन्हें कोई उत्साह नहीं है । हालांकि वे वोट देने जाएंगे लेकिन प्रतिनिधि उनकी अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर रहे हैं । जनप्रतिनिधि उनकी समस्याओं को सरकार तक या तो पहुंचा नहीं पा रहे हैं या समाधान नहीं कर पा रहे हैं । इस कारण वे वोट तो देंगे लेकिन उनमें कोई उत्साह नहीं है।

16 प्रत्याशी हैं मैदान में
सोमवार को नामांकन की अंतिम तिथि थी। फिलहाल सोलह उम्मीदवार मैदान में हैं। भारतीय जनता पार्टी से सुशील कुमार सिंह, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा से उपेंद्र प्रसाद, बहुजन समाज पार्टी से रामनरेश यादव, स्वराज पार्टी लोकतांत्रिक से सोमप्रकाश, अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया के नरेश सिंह, भारतीय मित्र पार्टी के ब्रह्मदेव ठाकुर, निर्दलीय मोहम्मद शमशाद अख्तर खान, हरेंद्र सिंह, शोषित समाज दल के अमेरिका महतो, बहुजन मुक्ति पार्टी के सुरेश प्रसाद, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से लाल हरि पासवान, अखिल भारतीय हिंद फारवर्ड ब्लाक क्रांतिकारी से धर्मेंद्र कुमार, निर्दलीय संतोष कुमार सिंहा, धीरेंद्र कुमार सिंह, पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक से अविनाश कुमार, निर्दलीय योगेंद्र राम मैदान में हैं।


Conclusion:visual-1
photo-1,2,3
byte1- योगेश्वर सिंह, ग्रामीण
byte2- ग्रामीण
byte3- राहुल रंजन महिवाल, जिलाधिकारी, औरंगाबाद
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