औरंगाबाद: बिहार सरकार की ओर से बजट के बाद अनुपूरक बजट भी पेश किया गया. जिसमें शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए कोई बजट जारी नहीं किया गया. इस बात को लेकर छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और छात्र जनाधिकार परिषद के कार्यकर्ता नाराज हैं. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार को प्रचार प्रसार में खर्च करने के लिए पैसे हैं, लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में सांगठनिक सुधार और स्कूलों, कॉलेजों की स्तर में सुधार लाने के लिए पैसे नहीं है.
'राज्य में बढ़ रही है बेरोजगारी'
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राज्य सचिव आशिका सिंह ने कहा कि कई बार यह देखा जाता है कि बिहार सरकार बातें तो खूब करती है, लेकिन जब करने की बारी आती है, तो हाथ वापस खींच लेती है. जिस कारण राज्य में बेरोजगारी बढ़ रही है और छात्रों को उचित शिक्षा के लिए बाहर जाना पड़ा रहा है.
'प्रदेश में छात्र पलायन करने को मजबूर'
वहीं, छात्र जनाधिकार परिषद के जिलाध्यक्ष रंजन कुमार ने कहा कि सिर्फ बिहार सरकार ही नहीं बल्कि केंद्र की सरकार भी उतनी ही दोषी है. प्रदेश में न सिर्फ छात्र पलायन को मजबूर हैं, बल्कि पढ़ाई लिखाई करने के बाद लोग सड़क पर घूमते हैं. इसलिए रोजगार के लिए भी उन्हें पलायन करना पड़ता है.