औरंगाबाद: बिहार में शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar on prohibition of liquor in Bihar) ने झारखंड को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि झारखंड ही गड़बड़ी का केंद्र है. झारखंड में भी शराबबंदी (Liquor Ban in Jharkhand) लागू होनी चाहिए.
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समाज सुधार अभियान (Samaj Sudhar Abhiyan) के तहत औरंगाबाद पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि राज्य में लागू पूर्ण शराबबंदी की निरंतरता को बनाए रखने में झारखंड सबसे बड़ा बाधक है. इस बाधा को दूर करने के लिए वहां भी शराबबंदी लागू होनी चाहिए. औरंगाबाद के पुलिस लाइन में आयोजित समाज सुधार अभियान सभा को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड के लोग भी अपने राज्य में शराबबंदी के पक्षधर है.
सीएम नीतीश ने कहा कि बिहार की महिलाओं के समान वहां की महिलाओं की भी इच्छा है कि झारखंड में पूर्ण शराबबंदी लागू हो. झारखंड का भी सभ्य समाज वहां शराबखोरी से आजीज है. उन लोगों की भी चाहत है कि राज्य में शराबबंदी लागू हो. हमने झारखंड में भी शराबबंदी लागू कराने की पहल की थी लेकिन वहां की सरकार ने साथ नहीं दिया.
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उन्होंने कहा कि अगर वहां की सरकार साथ देती और अपने यहां भी शराबबंदी को लागू करती तो हमें इतनी परेशानी नहीं झेलनी पड़ती. गड़बड़ी करने वाले लोग सब जगह मौजूद हैं. ऐसे लोग नहीं चाहते है कि कहीं भी शराबबंदी लागू रहे. ऐसे लोगों के गंदे मंसूबों पर पानी फिरना ही है. यह हो भी रहा है. गड़बड़ लोगों को मुंह की खानी पड़ रही है. गड़बड़ करने वाले लोगों से हमें खासकर झारखंड की सीमा से सटे बिहार के जिले के लोगों और अधिकारियों को बेहद सावधान और चौकन्ना रहने की जरूरत है.
'झारखंड से सटे जिलों के प्रखंड के अधिकारी बीडीओ भी सचेत रहें. वे भी शराब बेचने वालो पर पैनी नजर रखें. होम डिलीवरी करने वालों की सूचनाएं एकत्र करें तथा संबंधित विभाग को सूचित करें. ऐसा करने वालों को सख्त ताकिद भी करें. जरुरत पड़े तो उनके खिलाफ नारेबाजी भी कराएं. इसके लिए जीविका दीदियां आपके साथ हैं. इन सबकी सूचना दें. सूचना पर त्वरित कार्रवाई होगी. गड़बड़ करने वालों की खैर नहीं होगी.' नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
राज्य मुख्यालय को पहले से अधिक सूचनाएं मिल रही हैं. पहले जहां प्रतिदिन 70-80 कॉल आते थे पर अब रोज 190 से 200 कॉल आ रहे हैं. इन कॉल्स पर लगातार कार्रवाई हो रही है और गड़बड़ करने वाले लोग पकड़े जा रहे हैं. लगातार कार्रवाई का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि शराबबंदी के दौरान अब तक कुल 81 हजार 220 छापेमारी हुई है. 13,013 मामले पकड़ में आए हैं. 15 हजार गिरफ्तारियां हुई हैं. 2 लाख 11 हजार लीटर देसी शराब और 3 लाख 55 हजार लीटर विदेशी शराब बरामद हुआ है. 35 हजार वाहनों की जब्ती हुई है. इन सब कार्रवाई से समझ लीजिए कि हम शराबबंदी के मामले में कोई समझौता करने वाले नहीं हैं.
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