औरंगाबादः प्रदेश के ऐतिहासिक देव मंदिर में हर साल भारी भीड़ उमड़ती है. जिला प्रशासन हर बार पुख्ता तैयारी होने की दावा करती है. लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ के सामने प्रशासन के सभी दावें फेल हो जाती है. देव सुर्यनगरी के अजनिया मोड़ के पास एक अज्ञात युवक का सड़ा-गला शव मिलने के बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा भड़क उठा. बता दे कि देव छठ के दौरान हुई भगदड़ में दो की मौत के बाद अंजनिया मोड़ के पास एक युवक का शव मिला.
ग्रामीणों में नाराजगी
आक्रोशित ग्रामीणों ने इसे भगदड़ में मृतक किसी व्यक्ति का शव बताया. और कहा कि जिला प्रशासन अपनी नाकामी छुपाने के लिए शव को छुपाए रखा. जब शव से दुर्गंध आने लगी तब उसे यहां लाकर फेंक दिया. सैकड़ों की संख्या में देवासी ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी प्रदर्शन किया.
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क्या है इनका कहना?
जिलाधिकारी राहुल रंजन महिपाल ने बताया कि शव मिलने के बाद के मामले में औरंगाबाद एसडीपीओ और एसडीओ पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. वैसे उन्होंने कहा कि भगदड़ की घटना से अलग मामले को बताया. और कहां की इसकी जांच की जा रही है. जांच के बाद ही स्पष्ट रुप से कुछ कहा जा सकता है. उन्होंने कहा कि यदि जांच में जो अधिकारी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
छठ में देव मंदिर में लगता है विशाल मेला
बिहार के लोगों की छठ पर्व में विशेष आस्था होती है. इस दौरान जिले के एतिहासिक देव मंदिर में लाखों लोगों की भीड़ उमड़ती है. इस अवसर पर यहां विशाल मेला भी लगता है. पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन के प्रयास से हर साल 'सूर्य अचला सप्तमी' को महोत्सव का भी आयोजन होता है. कार्तिक छठ करने कई राज्यों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है. बताया जाता है कि इस मंदिर के सूर्यकुंड तालाब का विशेष महत्व है. छठ मेले के समय देव का कस्बा लघु कुंभ बन जाता है. जिस वजह से यहां पर न केवल प्रदेश से बल्कि आस-पास के राज्यों से भी व्रती भगवान भास्कर की आराधना में जुटते हैं.