भोजपुर: आजादी के अमृत महोत्सव में बाबू वीर कुंवर सिंह (Veer Kunwar Singh Vijayotsav) को श्रद्धांजलि देने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) आज बिहार आ रहे हैं. शाह आरा के जगदीशपुर में कुंवर सिंह के पैतृक गांव में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. इस कार्यक्रम में एक साथ 75 हजार राष्ट्रीय ध्वज फहराकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाएगा. 57 हजार 500 ध्वज फहराने का वर्ल्ड रिकॉर्ड फिलहाल पाकिस्तान के नाम है. इस रिकार्ड को तोड़ने के लिए जगदीशपुर में लोग पूरी तरह से तैयार हैं. गृह मंत्री अमित शाह भी जगदीशपुर पहुंच चुके हैं.
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वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने को तैयार: भोजपुर के वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव समारोह का आज आगाज हुआ है. 1857 के महानायक बाबू वीर कुंवर सिंह के विजयोत्सव समारोह में आरा ही नहीं बल्कि पूरे बिहार और देश के कोने-कोने से लोग कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं. दुलौर स्थित विजयोत्सव कार्यक्रम स्थल पर भारी संख्या में लोग हाथों में राष्ट्रीय ध्वज लेकर आज गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने को तैयार हैं. कार्यक्रम में आ रहे लोगों ने कहा कि विजयोत्सव को लेकर काफी उत्साह है. हम सभी को गर्व है कि आज 1857 के महानायक वीर कुंवर की धरती पर आए हैं.
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सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त: लोगों ने कहा कि आज यहां पाकिस्तान का रिकार्ड तोड़ कर 1 लाख लोग राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के साथ इस कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं. वहीं इस कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री से लेकर बिहार के मंत्री विधायक समेत सभी इस कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे हुए हैं. विजयोत्सव में शामिल होने आ रहे देश के गृहमंत्री अमित शाह और सभास्थल पर पहुंच रहे लोगों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. सुरक्षा की मॉनिटरिंग भोजपुर एसपी विनय तिवारी खुद कर रहे हैं.
भाजपा कार्यकतार्ओं में गजब का उत्साह : भोजपुर में मनाए जा रहे विजयोत्सव को लेकर भाजपा कार्यकतार्ओं में गजब का उत्साह है. बिहार में भाजपा कोटे के करीब सभी मंत्री जगदीशपुर पहुंचने लगे हैं. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल इस कार्यक्रम को सफल बनाने में एक पखवारे से लगे हुए हैं. स्थानीय लोग भी दुलौर मैदान में विजयोत्सव के गवाह बनने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. विजयोत्सव को लेकर बनाए गए मंच को जगदीशपुर किला का रूप दिया गया है. विजयोत्सव को लेकर भोजपुर के सभी स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने शनिवार सुबह प्रभातफेरी निकाली.
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बाबू वीर कुंवर सिंह ने अंग्रेजों का डटकर सामना किया: दरअसल, भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी रहे जगदीशपुर के बाबू वीर कुंवर सिंह को एक बेजोड़ व्यक्तित्व के रूप में जाना जाता है. जो 80 वर्ष की उम्र में भी लड़ने और विजय हासिल करने का माद्दा रखते थे. अपने ढलते उम्र और बिगड़ते सेहत के बावजूद भी उन्होंने कभी भी अंग्रेजों के सामने घुटने नहीं टेके बल्कि उनका डटकर सामना किया.
तलवार से बांह काटकर गंगा मईया को सुपुर्द कर दिया: बाबू कुंवर सिंह रामगढ़ के बहादुर सिपाहियों के साथ बांदा, रीवां, आजमगढ़, बनारस, बलिया, गाजीपुर एवं गोरखपुर में परचम लहरा रहे थे. इस, बीच कुंवर सिंह को अपनी गांव की मिट्टी याद आने लगी, वे अपने गांव की मिट्टी को चूमना चाहते थे. वे बिहार की ओर लौटने लगे, जब वे जगदीशपुर जाने के लिए गंगा पार कर रहे थे तभी उनकी बांह में एक अंग्रेज की गोली आकर लगी. उन्होंने अपनी तलवार से बांह काटकर गंगा मईया को सुपुर्द कर दिया.
26 अप्रैल, 1858 को अंतिम सफर पर निकल गए बाबू कुंवर सिंह : इस तरह से अपनी सेना के साथ जंगलों की ओर चले गए और अंग्रेजी सेना को पराजित करके 23 अप्रैल, 1858 को जगदीशपुर पहुंचे. बाबू कुंवर सिंह बुरी तरह से घायल थे. इस महान नायक का आखिरकार अदम्य वीरता का प्रदर्शन करते हुए 26 अप्रैल, 1858 को अंतिम सफर पर निकल गए, जहां से कोई नहीं लौटता.
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