भोजपुर: वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के स्नातक और स्नातकोत्तर (पीजी) के छात्र सत्र लेट होने की वजह से परेशान हैं. छात्रों को लंबित रिजल्ट और सत्र लेट होने की वजह से आगे की पढ़ाई करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा उनके करियर पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है.
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वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय का सत्र पिछड़ता जा रहा है, जिसका खामियाजा 54 हजार छात्र-छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. स्नातक पार्ट थ्री 2017 से 20 का रिजल्ट घोषित नहीं होने से भोजपुर, बक्सर, रोहतास और कैमूर जिले के छात्र-छात्राएं प्रतियोगी परीक्षाओं से वंचित हो रहे हैं.
स्नातक पार्ट थ्री का सत्र विलंब होने पर विश्वविद्यालय ने ओएमआर सीट पर परीक्षा लेकर जल्द रिजल्ट घोषित करने का दावा किया था, परंतु अब वह भी दावा फेल होता नजर आ रहा है. जानकार बताते हैं कि स्नातक पार्ट थ्री की परीक्षा अप्रैल माह में हो जानी चाहिए थी. जुलाई तक इस सत्र का रिजल्ट घोषित होना चाहिए था. पहले तो परीक्षा छह माह विलंब से हुआ और अब रिजल्ट प्रकाशित होने में देर हो रही है.
प्रतियोगी परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहे छात्र
स्नातक के एक छात्र ने बताया कि 2018 से 21 के बाद 2019-22 और 2020-23 का सेशन लेट चल रहा है. स्नोतकर (पीजी) 2018-20 का अंतिम समेस्टर और 2019-21 सेशन के 3 समेस्टर में से 2 समेस्टर के परिणाम और चौथे सेमेस्टर की परीक्षा अभी तक नहीं हुई है.
छात्र नेताओं ने कहा कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय चार जिले के छात्र-छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है. छात्रों की समस्या के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति जिम्मेदार हैं. छात्र दूसरे विश्विद्यालय में आगे नामांकन नहीं करा पा रहे हैं ना ही किसी प्रतियोगी परीक्षा में बैठ पा रहे हैं. हर दिन समय गुजरता जा रहा है.
एक छात्र ने बताया कि जनवरी माह में ग्रेजुएट कंबाइंड लेवल (सीजीएल) की प्रतियोगी परीक्षा के लिए हम लोग परीक्षा फॉर्म नहीं भर सके. इसकी मुख्य वजह स्नातक पार्ट थ्री का रिजल्ट जारी नहीं होना है. सीजीएल के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 31 जनवरी तक थी.