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आरा सदर अस्पताल में नवजात शिशु की मौत के बाद हंगामा, परिजनों ने डॉक्टर पर लगाया गंभीर आरोप

आरा सदर अस्पताल में नवजात शिशु की मौत (Newborn died in Ara Sadar Hospital) के बाद परिजनों जमकर हंगामा मचाया. परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगा. हंगामा की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया. पढ़ें पूरी खबर.

आरा सदर अस्पताल में नवजात की मौत के बाद हंगामा
आरा सदर अस्पताल में नवजात की मौत के बाद हंगामा
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Published : Oct 19, 2022, 10:55 PM IST

भोजपुर: बिहार का आरा सदर अस्पताल (Ara Sadar Hospital) अपने कारगुजारियों को लेकर एक बार फिर से चर्चा में हैं. जहां अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में एक 9 महीने के नवजात शिशु की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा कर दिया. परिजनों ने अस्पताल कर्मियों पर बच्चे के इलाज में कोताही बरतने का आरोप लगाया. इस दौरान अस्पताल परिसर में कुछ देर के लिए काफी गहमागहमी का माहौल भी देखा गया.

ये भी पढ़ें- खगड़िया सदर अस्पताल में मरीज की मौत के बाद हंगामा, परिजनों ने डॉक्टर को पीटा

सदर अस्पताल में नवजात की मौत: मृत मासूम बच्चे के परिजन रोते बिलखते बार-बार अस्पताल के नर्स और कर्मियों पर अपने बिमार जीगर के टुकड़े को ऑक्सीजन नहीं लगाने और वहां से डांट फटकार कर भगाने की बात कह रहे थे. मृत शिशु बड़हरा प्रखंड के गजियापुर गांव निवासी स्वर्गीय राजू तुरहा का 9 महीने के बेटा मोहित कुमार बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि मंगलवार की रात को अचानक राजू तुरहा के 9 माह के बेटे मोहित को सर्दी खांसी की शिकायत हुई. जिसके बाद उसके बुढ़ी दादा दादी और मां के द्वारा आनन-फानन में बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया.

परिजनों ने किया हंगामा: सदर अस्पताल के बच्चा वार्ड में कार्यरत डॉक्टर ने बीमार 9 महीने के शिशु को देखने के बाद इमरजेंसी वार्ड में जाकर ऑक्सीजन लगाने की सलाह दी. परिजन मोहित की बिगड़ती हालत को देखकर सीधे इमरजेंसी वार्ड पहुंचे. परिजनों का आरोप है कि तबीयत खराब होने के बावजूद बच्चे को खांसी-सर्दी के अलावे सांस लेने में प्रॉब्लम हो रही थी, इसके बाद भी उसे ना तो ऑक्सीजन दिया गया और ना ही बेहतर इलाज किया गया, जब ऑक्सीजन देने के लिए हम लोगों ने कहा तो उन लोगों ने भागने को कहा.

लापरवाही का लगाया आरोप: बच्चे की सुबह में मौत हो गई. जिसके बाद आक्रोशित परिजनों ने सदर अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा मचाया. वहीं घटना की सूचना मिलते ही सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ रामप्रीत सिंह सहित अन्य चिकित्सक मौके पर पहुंचे और मामले को किसी तरह से शांत कराया.

सिविल सर्जन ने कही जांच की बात: इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सिविल सर्जन डॉ रामप्रीत सिंह ने कहा कि "इस मामले की जांच की जाएगी और इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी. सिविल सर्जन ने ऑन कैमरा अस्पताल की बदहाली और वहां दलालों का जमावड़ा होने की बात स्वीकार करते हुए कहा की अस्पताल में दलालों को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई की जाएगी. बहरहाल मासूम बच्चे की मौत के बाद से ही उसके परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है.

ये भी पढ़ें- औरंगाबाद सदर अस्पताल में मौत पर हुआ बवाल, परिजनों द्वारा पिटाई करने से नाराज चिकित्सक गए हड़ताल पर

भोजपुर: बिहार का आरा सदर अस्पताल (Ara Sadar Hospital) अपने कारगुजारियों को लेकर एक बार फिर से चर्चा में हैं. जहां अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में एक 9 महीने के नवजात शिशु की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा कर दिया. परिजनों ने अस्पताल कर्मियों पर बच्चे के इलाज में कोताही बरतने का आरोप लगाया. इस दौरान अस्पताल परिसर में कुछ देर के लिए काफी गहमागहमी का माहौल भी देखा गया.

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सदर अस्पताल में नवजात की मौत: मृत मासूम बच्चे के परिजन रोते बिलखते बार-बार अस्पताल के नर्स और कर्मियों पर अपने बिमार जीगर के टुकड़े को ऑक्सीजन नहीं लगाने और वहां से डांट फटकार कर भगाने की बात कह रहे थे. मृत शिशु बड़हरा प्रखंड के गजियापुर गांव निवासी स्वर्गीय राजू तुरहा का 9 महीने के बेटा मोहित कुमार बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि मंगलवार की रात को अचानक राजू तुरहा के 9 माह के बेटे मोहित को सर्दी खांसी की शिकायत हुई. जिसके बाद उसके बुढ़ी दादा दादी और मां के द्वारा आनन-फानन में बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया.

परिजनों ने किया हंगामा: सदर अस्पताल के बच्चा वार्ड में कार्यरत डॉक्टर ने बीमार 9 महीने के शिशु को देखने के बाद इमरजेंसी वार्ड में जाकर ऑक्सीजन लगाने की सलाह दी. परिजन मोहित की बिगड़ती हालत को देखकर सीधे इमरजेंसी वार्ड पहुंचे. परिजनों का आरोप है कि तबीयत खराब होने के बावजूद बच्चे को खांसी-सर्दी के अलावे सांस लेने में प्रॉब्लम हो रही थी, इसके बाद भी उसे ना तो ऑक्सीजन दिया गया और ना ही बेहतर इलाज किया गया, जब ऑक्सीजन देने के लिए हम लोगों ने कहा तो उन लोगों ने भागने को कहा.

लापरवाही का लगाया आरोप: बच्चे की सुबह में मौत हो गई. जिसके बाद आक्रोशित परिजनों ने सदर अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा मचाया. वहीं घटना की सूचना मिलते ही सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ रामप्रीत सिंह सहित अन्य चिकित्सक मौके पर पहुंचे और मामले को किसी तरह से शांत कराया.

सिविल सर्जन ने कही जांच की बात: इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सिविल सर्जन डॉ रामप्रीत सिंह ने कहा कि "इस मामले की जांच की जाएगी और इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी. सिविल सर्जन ने ऑन कैमरा अस्पताल की बदहाली और वहां दलालों का जमावड़ा होने की बात स्वीकार करते हुए कहा की अस्पताल में दलालों को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई की जाएगी. बहरहाल मासूम बच्चे की मौत के बाद से ही उसके परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है.

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