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सदर अस्पताल के ICU में तकनीकी संसाधनों की कमी, परेशान हो रहे मरीज - तकनीकी संसाधनों की कमी

सदर अस्पताल के आईसीयू में तकनीकी संसाधनों की कमी की वजह से इसमें सही ढंग से मरीजों को भर्ती नहीं कराया जाता है. इसी वजह से अस्पताल के डॉक्टरों को गंभीर अवस्था में मरीजों को बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर करना उनकी मजबूरी बन जाती है.

सदर अस्पताल, आरा
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Published : Mar 15, 2019, 8:26 AM IST

Updated : Mar 15, 2019, 4:18 PM IST

आरा:राज्य सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर लाख दावे कर लें. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. जिले का सदर अस्पताल हमेशा अव्यवस्थाओं और लापरवाही की वजह से चर्चाओं में घिरा रहता है. इस अस्पताल का आईसीयू सिर्फ दिखाने के लिए है.

दरअसल,सदर अस्पताल के आईसीयू में तकनीकी संसाधनों की कमी की वजह से इसमें सही ढंग से मरीजों को भर्ती नहीं कराया जाता है. इसी वजह से अस्पताल के डॉक्टरों को गंभीर अवस्था में मरीजों को बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर करना उनकी मजबूरी बन जाती है.

अस्पताल के icu में संसाधनों की कमी

संसाधनों की कमी

इस मामले में सदर अस्पताल के अधीक्षक सतीश सिन्हा ने बताया कि आईसीयू में मरीजों का इलाज तो कर रहें हैं. लेकिन उस रूप से नहीं जिस रूप में होना चाहिए. इसका मुख्य कारण यह है कि इसमें काम करने के लिए प्रशिक्षित जीएनएम की आवश्यकता है. जिसकी यहां कमी है.

आईसीयू की सेवा मरीजों को मुहैया नहीं कराया जा रहा

उन्होंने कहा की यहां कुछ खास तकनीकी मशीनों के अलावा कुछ अन्य चीजों का भी अभाव है. जिसकी बजह से पूरी तरह से आईसीयू की सेवा मरीजों को मुहेया नहीं कराया जा रहा. हालांकि विभाग को इस बारे में शिकायत किया जा चुका है. लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला.

आरा:राज्य सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर लाख दावे कर लें. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. जिले का सदर अस्पताल हमेशा अव्यवस्थाओं और लापरवाही की वजह से चर्चाओं में घिरा रहता है. इस अस्पताल का आईसीयू सिर्फ दिखाने के लिए है.

दरअसल,सदर अस्पताल के आईसीयू में तकनीकी संसाधनों की कमी की वजह से इसमें सही ढंग से मरीजों को भर्ती नहीं कराया जाता है. इसी वजह से अस्पताल के डॉक्टरों को गंभीर अवस्था में मरीजों को बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर करना उनकी मजबूरी बन जाती है.

अस्पताल के icu में संसाधनों की कमी

संसाधनों की कमी

इस मामले में सदर अस्पताल के अधीक्षक सतीश सिन्हा ने बताया कि आईसीयू में मरीजों का इलाज तो कर रहें हैं. लेकिन उस रूप से नहीं जिस रूप में होना चाहिए. इसका मुख्य कारण यह है कि इसमें काम करने के लिए प्रशिक्षित जीएनएम की आवश्यकता है. जिसकी यहां कमी है.

आईसीयू की सेवा मरीजों को मुहैया नहीं कराया जा रहा

उन्होंने कहा की यहां कुछ खास तकनीकी मशीनों के अलावा कुछ अन्य चीजों का भी अभाव है. जिसकी बजह से पूरी तरह से आईसीयू की सेवा मरीजों को मुहेया नहीं कराया जा रहा. हालांकि विभाग को इस बारे में शिकायत किया जा चुका है. लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला.

Intro:सूबे की सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था में व्यापक सुधार की बात करती है जबकि जमीनी हकीकत यह है कि सरकार के उन दावों के बीच लोगों को मिलने वाली सुविधाएं आज भी लोगों को मयस्सर नही है।मामला है भोजपुर के सदर अस्पताल का जहां के आईसीयू में तकनीकी सहायकों के कमी की वजह से आईसीयू अव्यवस्था का दंश झेल रहा है।


Body: भोजपुर का सदर अस्पताल हमेशा अव्यवस्थाओं और लापरवाही की वजह से चर्चाओं में घिरा रहता है। अस्पताल में आईसीयू अब सिर्फ हाथी का दांत बन कर रह गया है।दरअसल सदर अस्पताल के आईसीयू में तकनीकी संसाधनों के कमी की वजह से इसमें सही ढंग से मरीजों को भर्ती नही कराया जाता है।इसी वजह से अस्पताल के डॉक्टरों को गम्भीर अवस्था वाले मरीजों को बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर करना उनकी मजबूरी बन जाती है।
क्या कहते हैं पदाधिकारी-इस बावत सदर अस्पताल के अधीक्षक सतीश सिन्हा ने बताया कि आईसीयू में हम मरीजों को रख रहे हैं लेकिन उस रूप में नही जिस रूप में रखना चाहिए।इसका मुख्य कारण यह है कि इसमें काम करने के लिए प्रशिक्षित जीएनएम की आवश्यकता है जिसकी यहां नितांत कमी है।दूसरी बात की यहां कुछ खास तकनीकी मशीनों के अलावे कुछ अन्य चीजों का अभाव है जिसकी बजह से हम पूरी तरह से आईसीयू की सेवा मरीजों को नही दे पा रहे हैं।हालांकि उन कमियों के बारे में मैंने 5-6बार अपने विभाग का ध्यान इस ओर आकृष्ट कर चुका हूं लेकिन आश्वासन के अलावे अब तक वो समस्याएं अब तक बरकरार हैं।


Conclusion:इस स्थिति में यह समझना होगा कि स्वास्थ्य विभाग और सूबे की सरकार लोगों के स्वास्थ्य को लेकर कितनी गम्भीर है।
Last Updated : Mar 15, 2019, 4:18 PM IST
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