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भोजपुर में रोटी बैंक का निर्माण, गरीबों को करवाते हैं भरपेट भोजन - bhojpur roti bank

इस रोटी बैंक टीम में कुल 30 सदस्य हैं. आरा शहर से लेकर देश के अलग-अलग राज्यों से भी लोग इस संस्था से जुड़े हुए हैं. जो समय-समय पर संस्था को मदद करते रहते हैं. इस समाज सेवा कार्य के दौरान संस्था के सदस्यों ने कहा कि हम लोगों से भी अपील करते हैं कि गरीबों की मदद जरूर करें.

भोजपुर
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Published : Jan 13, 2020, 6:58 PM IST

भोजपुर: गरीबों को भूखा देखने के बाद आरा शहर के 15 युवाओं ने ग्रुप बनाकर रोटी बैंक बनाने का निर्णय लिया. युवक शहर में अपने ही परिवारों से रोटियां इकट्ठा कर उन जरूरतमंद गरीबों तक पहुंचाने लगे जो दो वक्त के भोजन के लिए मोहताज रहते थे. इन युवकों की तरफ से सप्ताह में 1 दिन गरीबों को भरपेट भोजन करवाया जाता है.

बता दें कि जब रोटी बैंक के सदस्य किसी मुहल्ले में पहुंचते हैं तो वहां पर खाना लेने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है. भोजन करने वाले लोग इन्हें दुआएं देते नहीं थकते हैं. आरा का रोटी बैंक एकमात्र ऐसी सामाजिक संस्था है जो गरीब वर्गों के लोगों को खाने के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और उनके विकास के लिए प्रतिबद्ध है.

भोजपुर
गरीबों को खाना खिलाते रोटी बैंक के सदस्य

सप्ताह में एक दिन करवाते हैं पोष्टिक भोजन
स्वयंसेवी संस्था के सदस्य कमलेश तिवारी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि हम सब मिलकर सप्ताह के 1 दिन इन गरीबों के लिए निकालते हैं. शहर के 150 से 200 लोगों को पौष्टिक खाना खिलाते हैं. खाना खिलाने से हमें बहुत सुकून मिलता है. वहीं, संस्था के सदस्य संतोष भारद्वाज ने बताया कि शहर में ऐसे कई घर हैं जिनके बच्चे और महिलाओं को भरपेट भोजन नसीब नहीं होता है. ऐसे में हम सब ने एक टीम तैयार की है. जिसका नाम रोटी बैंक रखा है. इसके माध्यम से खाने के अलावा स्वास्थ्य, किताबें, खेल की सामग्री, कंबल वितरण का भी हम सभी निरंतर कार्य करते रहते हैं. वैसे तो हमें सरकार से कोई उम्मीद नहीं है. यह संस्था खुद की स्वयंसेवी संस्था है.

पेश है रिपोर्ट

लोगों से मदद की अपील
इस रैटी बैंक टीम में कुल 30 सदस्य हैं. आरा शहर से लेकर देश के अलग-अलग राज्यों से भी लोग इस संस्था से जुड़े हुए हैं. जो समय-समय पर संस्था को मदद करते रहते हैं. इस समाज सेवा कार्य के दौरान संस्था के सदस्यों ने कहा कि हम लोगों से भी अपील करते हैं कि गरीबों की मदद जरूर करें.

भोजपुर: गरीबों को भूखा देखने के बाद आरा शहर के 15 युवाओं ने ग्रुप बनाकर रोटी बैंक बनाने का निर्णय लिया. युवक शहर में अपने ही परिवारों से रोटियां इकट्ठा कर उन जरूरतमंद गरीबों तक पहुंचाने लगे जो दो वक्त के भोजन के लिए मोहताज रहते थे. इन युवकों की तरफ से सप्ताह में 1 दिन गरीबों को भरपेट भोजन करवाया जाता है.

बता दें कि जब रोटी बैंक के सदस्य किसी मुहल्ले में पहुंचते हैं तो वहां पर खाना लेने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है. भोजन करने वाले लोग इन्हें दुआएं देते नहीं थकते हैं. आरा का रोटी बैंक एकमात्र ऐसी सामाजिक संस्था है जो गरीब वर्गों के लोगों को खाने के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और उनके विकास के लिए प्रतिबद्ध है.

भोजपुर
गरीबों को खाना खिलाते रोटी बैंक के सदस्य

सप्ताह में एक दिन करवाते हैं पोष्टिक भोजन
स्वयंसेवी संस्था के सदस्य कमलेश तिवारी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि हम सब मिलकर सप्ताह के 1 दिन इन गरीबों के लिए निकालते हैं. शहर के 150 से 200 लोगों को पौष्टिक खाना खिलाते हैं. खाना खिलाने से हमें बहुत सुकून मिलता है. वहीं, संस्था के सदस्य संतोष भारद्वाज ने बताया कि शहर में ऐसे कई घर हैं जिनके बच्चे और महिलाओं को भरपेट भोजन नसीब नहीं होता है. ऐसे में हम सब ने एक टीम तैयार की है. जिसका नाम रोटी बैंक रखा है. इसके माध्यम से खाने के अलावा स्वास्थ्य, किताबें, खेल की सामग्री, कंबल वितरण का भी हम सभी निरंतर कार्य करते रहते हैं. वैसे तो हमें सरकार से कोई उम्मीद नहीं है. यह संस्था खुद की स्वयंसेवी संस्था है.

पेश है रिपोर्ट

लोगों से मदद की अपील
इस रैटी बैंक टीम में कुल 30 सदस्य हैं. आरा शहर से लेकर देश के अलग-अलग राज्यों से भी लोग इस संस्था से जुड़े हुए हैं. जो समय-समय पर संस्था को मदद करते रहते हैं. इस समाज सेवा कार्य के दौरान संस्था के सदस्यों ने कहा कि हम लोगों से भी अपील करते हैं कि गरीबों की मदद जरूर करें.

Intro:गरीबो के लिए मसीहा है ये रोटी बैंक

भोजपुर।

गरीबों को भूखा देखते हुए आरा शहर के 15 युवाओं ने ग्रुप बनाकर रोटी बैंक बनाने का निर्णय लिया. युवक शहर में अपने ही परिवारों से रोटियां इकट्ठा कर उन जरूरतमंद गरीबों तक पहुंचाने लगे जो दो वक्त के भोजन के लिए मोहताज रहते थे. इन युवकों ने आरा रोटी बैंक की शुरुआत 20 जनवरी को की थी. रोटी बैंक आरा के तरफ से सप्ताह में 1 दिन गरीबों को भरपेट भोजन करवाया जाता है.


Body:जब रोटी बैंक के सदस्य किसी मुहल्ले में पहुंचते हैं तो वहां पर खाना लेने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है.और लोग इन्हें दुआएं देते नहीं धकते. आरा की रोटी बैंक एकमात्र ऐसी सामाजिक संस्था है जो गरीब वर्गों के लोगों को खाने के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और उनके विकास के लिए प्रतिबद्ध है. स्वयंसेवी संस्था के सदस्य कमलेश तिवारी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि हम सब मिलकर सप्ताह के 1 दिन इन गरीबों के लिए निकालते हैं और 150 से 200 लोगों को पौष्टिक खाना खिलाते हैं. खाना खिलाने के बाद हमें बहुत सुकून मिलता है.वही संस्था के सदस्य संतोष भारद्वाज ने बताया कि शहर में ऐसे कई घर हैं जिनके बच्चे, महिलाओं को भरपेट भोजन नसीब नहीं होता है ऐसे में हम सब ने एक टीम तैयार की और रोटी बैंक के नाम से शुरुआत किया. खाने के अलावा स्वास्थ्य, किताबें, खेल की सामग्री, कंबल वितरण का भी हम सभी निरंतर कार्य करते रहते हैं. वैसे तो हमें सरकार से कोई उम्मीद नहीं है और ना ही हम सरकार से कोई उम्मीद रखते हैं यह संस्था खुद की स्वयंसेवी संस्था है जो आपस के सहयोग से हम सभी मिलकर चलाते हैं.


Conclusion:जहां हमारी टीम में कुल 30 सदस्य हैं वहीं अगर परिवार की बात करें तो हमारा परिवार 1000 सदस्यों के आसपास है जिसमें आरा शहर से लेकर देश के अलग-अलग राज्यों के बाहर के लोग भी हमारे संस्था से जुड़े हुए हैं. जो समय-समय पर हमारी मदद करते हैं. हम लोगों से भी अपील करते हैं कि गरीबों की मदद जरूर करें.

बाइट-कमलेश तिवारी (वरिष्ठ सदस्य)
बाइट-संतोष भारद्वाज (सदस्य रोटी बैंक)
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