भोजपुर: राज्य के इकलौते मानसिक अस्पताल की हालत बदहाल है. दरअसल, जिला के कोइलवर स्थित मानसिक आरोग्यशाला में मरीज गंदे पानी पीने को मजबूर हैं. लेकिन विभाग ने अब तक इस पर सुध नहीं ली है.
गंदा पानी पीने को मजबूर
बता दें कि 2011 में जिले के कोइलवर में राज्य के इकलौते मानसिक आरोग्यशाला का निर्माण कराया गया था. लेकिन यहां मरीजों को समुचित व्यवस्थाएं मुहैया नहीं हैं. हर दिन अस्पताल में सैकड़ों की संख्या में मरीज और उनके परिजन आते हैं. जहां वे अस्पताल परिसर में लगे चापाकल का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. परिजनों ने बताया कि अस्पताल के किसी कर्मी ने उन्हें सूचित नहीं किया कि चापाकाल का पानी पीने योग्य नहीं है.
'सरकार मुहैया कराए शुद्ध पानी'
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान परिजनों ने कहा कि इस बारे में सरकार को अवगत कराने की जरूरत है. ताकि सरकार जल्द से जल्द साफ और शुद्ध पानी मुहैया कराए. मामले पर अस्पताल के निदेशक प्रमोद कुमार ने कहा कि चापाकल का निर्माण जल्द ही कराया जाएगा. साथ ही, बंद पड़े वाटर कूलर को चालू करवाया जाएगा.