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14 साल से भटक रहे मनोज को कोरोनो ने पहुंचाया घर, जानिए तेलंगाना भाया असम टू बिहार की ये कहानी - Government of Assam

डीएम ने मनोज को एक एनजीओ को सुपुर्द किया और मनोज की ओर से बताए गए पते पर उसके परिजनों को खोजबीन शुरू की. जिसके बाद जिला प्रशासन ने मनोज के परिजनों को खोज निकाला.

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Published : Jun 3, 2020, 11:38 AM IST

भोजपुरः कोईलवर प्रखंड के श्रीपालपुर में 14 साल पहले लापता मनोज राम असम सरकार की पहल पर घर लौट आया है. जिससे परिजनों के बीच खुशी का ठिकाना नहीं है.

14 साल बाद घर लौटा मनोज
कोईलवर थाना क्षेत्र के श्रीपालपुर निवासी गोदा राम का 25 वर्षीय पुत्र मनोज राम काम करने के लिए सिकदंराबाद के लिए निकला था. लेकिन कुछ दिन बाद सिकंदराबाद से असम के धुबरी पहुंच गया. वहां मजदूरी कर जैसे-तैसे पेट पाल रहा था. इसी दौरान लॉकडाउन में धुबरी जिला पदाधिकारी कार्यालय के पास मनोज बिना मास्क के घूम रहा था. जिस पर अधिकारी की नजर पड़ी. उस अधिकारी ने भटक रहे मनोज को बुलाया और उसके बारे में जानकारी ली तो उसने बताया कि 14 साल से असम में भटक रहा है. जिसके बाद उसे असम में ही 21 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन किया गया.

देखें पूरी रिपोर्ट

लोगों ने असम सरकार का किया धन्यवाद
डीएम ने इस बीच मनोज को एक एनजीओ को सुपुर्द किया और मनोज की ओर से बताए गए पते पर उसके परिजनों को खोजबीन शुरू की. जिसके बाद जिला प्रशासन ने मनोज के परिजनों को खोज निकाला. इसके बाद एनजीओ की मदद से मनोज को पहुंचाने के लिए प्रशासनिक प्रक्रिया शुरू की गई. हरि झंडी मिलने के बाद धुबरी जिला प्रशासन ने 30 मई को मनोज को बिहार के भोजपुर जिले के आरा स्थित ट्रांजिट कैम्प में भेजा. मनोज 1 जून को भोजपुर पहुंचा. जिसे उसी दिन उसके घर श्रीपालपुर पहुंचाया गया.

लोगों में खुशी का माहौल
श्रीपालपुर पहुंचते ही असम के धुबरी से आये एनजीओ के सदस्यों के साथ मनोज राम का जोरदार स्वागत हुआ. वहीं, बड़े भाई जितेंद्र राम को खुशी का ठिकाना नहीं था. मनोज को जहां बिछड़ा परिवार मिल गया. वहीं, दोस्तों को उसका दोस्त मिल गया और लोग कह रहे 14 साल के बाद वनवास पूरा कर मनोज लौट आया. लोगों ने असम सरकार को धन्यवाद कहा.

भोजपुरः कोईलवर प्रखंड के श्रीपालपुर में 14 साल पहले लापता मनोज राम असम सरकार की पहल पर घर लौट आया है. जिससे परिजनों के बीच खुशी का ठिकाना नहीं है.

14 साल बाद घर लौटा मनोज
कोईलवर थाना क्षेत्र के श्रीपालपुर निवासी गोदा राम का 25 वर्षीय पुत्र मनोज राम काम करने के लिए सिकदंराबाद के लिए निकला था. लेकिन कुछ दिन बाद सिकंदराबाद से असम के धुबरी पहुंच गया. वहां मजदूरी कर जैसे-तैसे पेट पाल रहा था. इसी दौरान लॉकडाउन में धुबरी जिला पदाधिकारी कार्यालय के पास मनोज बिना मास्क के घूम रहा था. जिस पर अधिकारी की नजर पड़ी. उस अधिकारी ने भटक रहे मनोज को बुलाया और उसके बारे में जानकारी ली तो उसने बताया कि 14 साल से असम में भटक रहा है. जिसके बाद उसे असम में ही 21 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन किया गया.

देखें पूरी रिपोर्ट

लोगों ने असम सरकार का किया धन्यवाद
डीएम ने इस बीच मनोज को एक एनजीओ को सुपुर्द किया और मनोज की ओर से बताए गए पते पर उसके परिजनों को खोजबीन शुरू की. जिसके बाद जिला प्रशासन ने मनोज के परिजनों को खोज निकाला. इसके बाद एनजीओ की मदद से मनोज को पहुंचाने के लिए प्रशासनिक प्रक्रिया शुरू की गई. हरि झंडी मिलने के बाद धुबरी जिला प्रशासन ने 30 मई को मनोज को बिहार के भोजपुर जिले के आरा स्थित ट्रांजिट कैम्प में भेजा. मनोज 1 जून को भोजपुर पहुंचा. जिसे उसी दिन उसके घर श्रीपालपुर पहुंचाया गया.

लोगों में खुशी का माहौल
श्रीपालपुर पहुंचते ही असम के धुबरी से आये एनजीओ के सदस्यों के साथ मनोज राम का जोरदार स्वागत हुआ. वहीं, बड़े भाई जितेंद्र राम को खुशी का ठिकाना नहीं था. मनोज को जहां बिछड़ा परिवार मिल गया. वहीं, दोस्तों को उसका दोस्त मिल गया और लोग कह रहे 14 साल के बाद वनवास पूरा कर मनोज लौट आया. लोगों ने असम सरकार को धन्यवाद कहा.

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