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सुबह से लेकर शाम तक भीषण गर्मी, जनजीवन अस्त-व्यस्त

तेज धूप और बढ़ते गर्मी की वजह से लगातार जलस्तर घटता जा रहा है. इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में चापाकलों की स्थिति गम्भीर बन गई है. शहरों में स्थित कई चापाकल जलस्तर कम होने के कारण सूख गए हैं.

भीषण गर्मी से सूखे पड़े चापाकल
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Published : Jun 4, 2019, 10:22 AM IST

भोजपुर: आग बरसाने वाली प्रचंड गर्मी और लू का कहर जारी है. भीषण गर्मी ने लोगों की हालत खराब कर रखी है. चिलचिलाती धूप और तेज गर्म हवा से जहां इंसानों का जीना मुश्किल हो गया है. वहीं, जीव-जंतु भी परेशान हैं. गर्मी का प्रकोप सुबह होते ही चालू हो जाता है और शाम होने तक जारी रहता है.

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भीषण गर्मी में धूप से बचने के लिए छतरी का इस्तेमाल.

इस भीषण गर्मी में जहां सब कोई परेशान है. वहीं, कामकाजी लोगों को ज्यादा तकलीफ उठानी पड़ती है. वह सब काम काज के लिए घर से निकलने पर धूप से बचने के लिए छाते का सहारा लेते हैं या चेहरे को ढ़ंक कर रखते हैं. पढ़ने के लिए जाने-आने वाले छात्र- छात्राओं को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

भीषण गर्मी से जनजीवन अस्त व्यस्त

घट रहा है जलस्तर

तेज धूप और बढ़ते गर्मी की वजह से लगातार जलस्तर घटता जा रहा है. इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में चापाकलों की स्थिति गम्भीर बन गई है. शहरों में स्थित कई चापाकल जलस्तर कम होने के कारण सूख गए हैं या कम मात्रा में पानी दे रहे हैं. शाम के बाद गर्म हवा चलनी थोड़ी कम जरूर होती है मगर उमस और तपिश देर शाम तक बनी रहती है. गर्मी कम होने के लिए लोगों को मॉनसून का इंतजार है. हालांकि रोहिणी नक्षत्र शुरू होने से जिले के किसान और आमजन को बारिश के होने के आसार लग रहे हैं.

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सब्जी व्यवसायियों में भीषण गर्मी के कारण मायूसी

मंडी में मंदी का दौर जारी

तेज गर्मी और तीखी धूप की वजह से फल और सब्जी मंडियों में मंदी का दौर चल रहा है. फल विक्रेता चंदन कुमार ने बताया कि इस मौसम के कारण फलों की कीमत दोगुणी हो गयी है. इस कारण से फलों की विक्री में कमी आई है. वहीं, दूसरी ओर सब्जी विक्रेता जानकी देवी ने कहा कि तेज गर्मी और उमस की वजह से सब्जी सूख जाते हैं. इस वजह से उन्हें भी अच्छी खासी नुकसान उठानी पड़ती है. गर्मी के कारण आमजन घर से निकलने में परहेज कर रहे हैं. वहीं, सब्जी और फल विक्रेता अपने बिक्री में कमी होने से काफी निराश हैं. स्थानीय ग्रीहणियों का कहना है कि घर के आवश्यक काम के लिए बाहर निकलना पड़ता है. इस कारण से काफी परेशानी होती है.

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भीषण गर्मी में मुंग ढंककर चलते लोग.

भोजपुर: आग बरसाने वाली प्रचंड गर्मी और लू का कहर जारी है. भीषण गर्मी ने लोगों की हालत खराब कर रखी है. चिलचिलाती धूप और तेज गर्म हवा से जहां इंसानों का जीना मुश्किल हो गया है. वहीं, जीव-जंतु भी परेशान हैं. गर्मी का प्रकोप सुबह होते ही चालू हो जाता है और शाम होने तक जारी रहता है.

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भीषण गर्मी में धूप से बचने के लिए छतरी का इस्तेमाल.

इस भीषण गर्मी में जहां सब कोई परेशान है. वहीं, कामकाजी लोगों को ज्यादा तकलीफ उठानी पड़ती है. वह सब काम काज के लिए घर से निकलने पर धूप से बचने के लिए छाते का सहारा लेते हैं या चेहरे को ढ़ंक कर रखते हैं. पढ़ने के लिए जाने-आने वाले छात्र- छात्राओं को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

भीषण गर्मी से जनजीवन अस्त व्यस्त

घट रहा है जलस्तर

तेज धूप और बढ़ते गर्मी की वजह से लगातार जलस्तर घटता जा रहा है. इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में चापाकलों की स्थिति गम्भीर बन गई है. शहरों में स्थित कई चापाकल जलस्तर कम होने के कारण सूख गए हैं या कम मात्रा में पानी दे रहे हैं. शाम के बाद गर्म हवा चलनी थोड़ी कम जरूर होती है मगर उमस और तपिश देर शाम तक बनी रहती है. गर्मी कम होने के लिए लोगों को मॉनसून का इंतजार है. हालांकि रोहिणी नक्षत्र शुरू होने से जिले के किसान और आमजन को बारिश के होने के आसार लग रहे हैं.

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सब्जी व्यवसायियों में भीषण गर्मी के कारण मायूसी

मंडी में मंदी का दौर जारी

तेज गर्मी और तीखी धूप की वजह से फल और सब्जी मंडियों में मंदी का दौर चल रहा है. फल विक्रेता चंदन कुमार ने बताया कि इस मौसम के कारण फलों की कीमत दोगुणी हो गयी है. इस कारण से फलों की विक्री में कमी आई है. वहीं, दूसरी ओर सब्जी विक्रेता जानकी देवी ने कहा कि तेज गर्मी और उमस की वजह से सब्जी सूख जाते हैं. इस वजह से उन्हें भी अच्छी खासी नुकसान उठानी पड़ती है. गर्मी के कारण आमजन घर से निकलने में परहेज कर रहे हैं. वहीं, सब्जी और फल विक्रेता अपने बिक्री में कमी होने से काफी निराश हैं. स्थानीय ग्रीहणियों का कहना है कि घर के आवश्यक काम के लिए बाहर निकलना पड़ता है. इस कारण से काफी परेशानी होती है.

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भीषण गर्मी में मुंग ढंककर चलते लोग.
Intro:आग बरसाने वाली प्रचंड गर्मी और लू के कहर ने लोगों की हालत खराब कर रखी है जिससे फिलहाल कोई राहत नहीं मिल रही है। जहां एक ओर चिलचिलाती धूप,चल रही तेज और गर्म हवा से जहां इंसानों का जीना मुश्किल हो गया वहीं जीव जंतु भी परेशान हैं ।आलम यह है कि सुबह के 9:00 बजते बजते धूप तेज हो जाती है और शाम के 6:00 बजे तक लू का कहर जारी रहता है।इसी वजह से लोग दिनभर अपने घरों में दुबके पड़े रहते हैं लेकिन कामकाजी लोग कड़ी धूप से बचने के लिए अपने चेहरे को ढक कर या छाता का सहारा लेकर चलते हैं वहीं शहर में कोचिंग जाने वाले छात्र-छात्राएं भी इस परेशानी से लगातार जूझ रहे हैं। और यही वजह है कि दिन के 12:00 बजते बजते सारी सड़कें सूनी पड़ जाती है।



Body:घट रहा है जलस्तर
तेजधूप और बढ़ते गर्मी की वजह से लगातार जलस्तर घटता चला जा रहा है जिससे लोगों को अच्छी खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है खास करके शहरी और देहात क्षेत्रों में चापाकलों की स्थिति गम्भीर बन रही है। स्थिति यह है कि शहरों में ऐसी कितने चापाकल हैं जो कि पानी का स्तर कम होने की वजह से या तो सूख गए हैं या पानी बिल्कुल कम मात्रा में आ रहा है यहां तक कि सार्वजनिक स्थानों पर लगे चापाकल या तो बंद पड़ गए हैं आंशिक रूप से पानी दे रहे हैं। ऐसे में अब बस लोगों को मॉनसून का इंतजार करना बाकी रह गया है।हालांकि शाम के 3:00 बजे के बाद गर्म हवा चलने में थोड़ी सी कमी जरूर होती है लेकिन उमस और तपिश लगातार देर शाम तक बनी रहती है हालांकि रोहिणी नक्षत्र शुरू होने से जिले के किसान और आमजन को बारिश के होने का इंतजार हो रहा है।
मंडी में मंदी का दौर जारी- तेज गर्मी और तीखी धूप की वजह से मंडियों में मंदी का दौर चल रहा है जहां एक और आमजन घर से निकलने में परहेज कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर सब्जी और फल विक्रेता अपने बिक्री को में कमी होते देख काफी निराश हैं। इस बाबत पूछे जाने पर फल विक्रेता चंदन कुमार ने बताया कि विगत 2 महीने पहले फल की जो कीमत थी आज के तारीख में उसी फल का मूल्य दुगुना हो गया है और दाम दुगने होने की वजह से ग्राहकों में अच्छी खासी कमी हो गई है जिस वजह से हमारे मुनाफे भी घट गए हैं। अब जहां पर मुनाफा ₹10 रुपया हुआ करता था अब वह घटकर ₹2 तक हो गया है वहीं दूसरी ओर सब्जी विक्रेता जानकी देवी का कहना है कि तेज गर्मी और उमस की वजह से सब्जी सूख जाते हैं इस वजह से उन्हें भी अच्छी खासी का नुकसान उठाना पड़ता है खासकर के हरी सब्जियों में आधे से अधिक सुख जाया करते हैं वहीं दूसरी ओर ग्रहणी अनीता का कहना है कि घर के आवश्यक काम को करने के लिए घर से बाहर निकलना पड़ता है लेकिन तेज उमस और गर्मी की वजह से वह नहीं निकल पाते हैं। चाहे महिला हों या पुरुष उनका कहना है कि गर्मी के वजह से धूप में निकलना बड़ा मुश्किल होता है और इससे उन्हें देर शाम निकलना होता है जिससे उनका समय तो बर्बाद होता ही है और काम भी यथोचित नहीं हो पाता ।



Conclusion:मानसून का है इंतजार -किसानों को तो मौसम का इंतजार है ही लेकिन साथ ही आमजन को भी मॉनसून के आने का इंतजार बना हुआ है ताकि वो राहत की सांस ले सकें ।जहां एक ओर किसान खेती करने के लिए बारिश का इंतजार कर रहे हैं वहीं पर दूसरी ओर आमजन बारिश के होने से गर्मी और उमस से राहत होने का इंतजार कर रहे हैं।
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