भोजपुर: भोजपुर जिला सहित पूरे बिहार में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. दूसरे राज्यों से लौट रहे प्रवासी मजदूरों को जिले के क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है. कई क्वॉरेंटाइन सेंटरों की हालत बद से बदतर है.
जिले के कोइलवर प्रखंड में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों ने ईटीवी भारत से बात की. इस दौरान लोगों ने बताया कि इस क्वॉरेंटाइन सेंटर पर न खाना अच्छा मिलता है. ना ही बच्चों के लिए दूध, ना ही पहनने के लिए बच्चों और महिलाओं को कपड़ा मिल रहा है. इस कारण लोग परेशान हैं.
क्वॉरेंटाइन सेंटर में लोगों का जीना मुश्किल
राज्य में लगातार बढ़ रही गर्मी के कारण क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. वहीं, बिजली की आंख मिचौली के कारण लोगों की परेशानियां कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है. हालांकि क्वॉरेंटाइन सेंटर पर जेरनेटर की सुविधा भी लोगों को दी गई है, लेकिन प्रवासी लोग बताते हैं कि लाइट कटने के बहुत देर बाद जेरनेटर चलाया जाता है.
खुले में शौचालय जाते हैं लोग
बिहार सरकार ये दावा करती है कि सभी क्वॉरेंटाइन सेंटर पर प्रवासियों के लिए समुचित व्यवस्था की गई है, लेकिन हकीकत ये है कि इन लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही है, जिससे ये प्रवासी लोग काफी परेशान हैं. वहीं, क्वॉरेंटाइन सेंटर के शौचालय गंदा होने के कारण ज्यादातर लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं.
कोइलवर प्रखंड के बीडीओ वीर बहादुर पाठक ने बताया कि क्वॉरेंटाइन सेंटर पर पूरी व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि सेंटरों का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है और लोगों को सुविधा भी दी जा रही है. वहीं, जिलाधिकारी के अनुसार जिले में अभी तक लगभग 18000 लोग क्वॉरेंटाइन कैंप में रह रहे हैं.