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खेतों में मुरझाते फूलों को देख किसानों के चेहरे भी मुरझाए, लॉकडाउन में नहीं हो रही बिक्री - Lockdown impacts farming

फूल का उत्पादन करने वाले किसानों से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से हमारे घरों में भूखमरी की समस्या पैदा हो गई है. हमारा बस यही रोजगार है.

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Published : May 4, 2020, 8:21 PM IST

Updated : May 5, 2020, 3:52 PM IST

भोजपुर: खेतों में फूल मुरझाता देख किसानों के चेहरे भी मुरझा रहे हैं. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर चल रहे लॉकडाउन के कारण किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. फूल की खेती करने वाले किसानों के खेतों में ही फूल मुरझा कर गिर रहे हैं, जिस वजह से किसानों के चेहरे पर मायूसी है.

भोजपुर के सक्कड़ी में फूलों की खेती कर रहे किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लॉकडाउन के कारण फूल के व्यवसाय पर अच्छा खासा असर पड़ा है. आलम ये है कि फूलों की महक से खेत और आसपास के इलाके तो महक उठे हैं, लेकिन इन दिनों फूलों का कोई खरीदार नहीं मिल रहा. ये फूल खेतों में ही झड़कर बर्बाद हो रहे हैं, जिससे किसानों को बहुत घाटा हो रहा है.

देखें रिपोर्ट

किसान मायूस
फूल का उत्पादन करने वाले किसानों से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से हमारे घरों में भूखमरी की समस्या पैदा हो गई है. हमारा बस यही रोजगार है. हम माली समुदाय के लोग फूलों की माला बेचकर, पूजा-पाठ और शादी विवाह में फूलों का आर्डर लेकर अपना जीवकोपार्जन करते थे. लेकिन लगातार बढ़ रहे लॉकडाउन की वजह से हमें अब खाने के लाले पड़ गए हैं. खेतों में लगे गेंदे के फूल मुरझा रहे हैं, जिसे देख किसानों के चेहरे भी मुरझाने लगे हैं.

भोजपुर: खेतों में फूल मुरझाता देख किसानों के चेहरे भी मुरझा रहे हैं. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर चल रहे लॉकडाउन के कारण किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. फूल की खेती करने वाले किसानों के खेतों में ही फूल मुरझा कर गिर रहे हैं, जिस वजह से किसानों के चेहरे पर मायूसी है.

भोजपुर के सक्कड़ी में फूलों की खेती कर रहे किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लॉकडाउन के कारण फूल के व्यवसाय पर अच्छा खासा असर पड़ा है. आलम ये है कि फूलों की महक से खेत और आसपास के इलाके तो महक उठे हैं, लेकिन इन दिनों फूलों का कोई खरीदार नहीं मिल रहा. ये फूल खेतों में ही झड़कर बर्बाद हो रहे हैं, जिससे किसानों को बहुत घाटा हो रहा है.

देखें रिपोर्ट

किसान मायूस
फूल का उत्पादन करने वाले किसानों से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से हमारे घरों में भूखमरी की समस्या पैदा हो गई है. हमारा बस यही रोजगार है. हम माली समुदाय के लोग फूलों की माला बेचकर, पूजा-पाठ और शादी विवाह में फूलों का आर्डर लेकर अपना जीवकोपार्जन करते थे. लेकिन लगातार बढ़ रहे लॉकडाउन की वजह से हमें अब खाने के लाले पड़ गए हैं. खेतों में लगे गेंदे के फूल मुरझा रहे हैं, जिसे देख किसानों के चेहरे भी मुरझाने लगे हैं.

Last Updated : May 5, 2020, 3:52 PM IST
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