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भोजपुर में नेशनल हाईवे बाढ़ के पानी में डूबा, जोखिम उठाकर आ-जा रहे लोग

गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर की वजह से भोजपुर में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. बाढ़ का पानी अपनी पूरी रफ्तार से आरा शहर की ओर बढ़ रहा है.

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Published : Aug 17, 2021, 2:16 PM IST

भोजपुर: बिहार के भोजपुर जिले में गंगा का जलस्तर (Water Level Of Ganga River) दिन-प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहा है. बाढ़ का पानी अब एनएच-84 यानी आरा-बक्सर मुख्य मार्ग के ऊपर से बहने लगा है. जिसके कारण इस मार्ग से गुजरने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मुख्य सड़क के ऊपर से बह रहे लबालब पानी में कई वाहन भी फंस जा रहे हैं. जिससे लोगों को वाहन धकेल कर ले जाना पड़ रहा है.

इसे भी पढ़ें: Flood In Bihar: आरा शहर की ओर बढ़ रहा गंगा का पानी, कभी भी हो सकती कोई अनहोनी

बाढ़ का यह नजारा आरा-सलेमपुर मुख्य मार्ग का है. जहां बाढ़ का पानी (Flood Water) कमर तक पहुंच चुका है. इस रास्ते पर वाहनों का आवगमन पूरी तरह से ठप्प हो गया है. लेकिन त्रासदी झेल रहे स्थानीय ग्रामीण जान जोखिम में डालकर किसी तरह कमर से ऊपर पानी को पार कर अपने रोजमर्रा का काम कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: भोजपुर में बाढ़ ने दी दस्तक, गंगा का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों में घुसा पानी

बाढ़ से बेहाल लोगों में प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर काफी नाराजगी देखी जा रही है. उनका कहना है कि बाढ़ के पानी में लगातार वृद्धि हो रही है. इसके बावजूद भी सरकार और सिस्टम द्वारा कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जा रही है. जिससे बाढ़ से ग्रसित लोगों की परेशानियां कम नहीं हो रही हैं.

सड़क पर बाढ़ का पानी आ जाने से लोगों के सामने खाने-पीने की भी समस्या आ गई है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोग नाव के लिए तरस गए हैं और प्रशासनिक अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं. गंगा समेत कई नदियों के उफान से बाढ़ का पानी अब ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी इलाकों में भी फैलने लगा है. पानी की भयावह स्थिति से आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है.

स्कूल और कॉलेजों में भी पानी लबालब भरा हुआ है. गांव के पहुंच पथ पर अब नाव चल रही है. जिसकी वजह से बाढ़ से घिरे लोगों का मुख्यालय और प्रखंड कार्यालय से संपर्क पूरी तरह टूट चुका है. स्थानीय लोगों को पानी के बीच जिंदगानी का एक-एक पल काटना मुश्किल हो रहा है. बाढ़ की समस्या को लेकर जब डीडीसी से बातचीत की गई, तो उन्होंने बड़हरा क्षेत्र में नाव और समुदायिक किचन की शुरुआत करने की बात कही है.

बताते चलें कि हालात यह है कि गंगा खतरे के निशान 53.08 से 1.40 मीटर ऊपर 54.48 मीटर पर बह रही है. जिससे जिले के बड़हरा, शाहपुर, बिहियां और आरा सदर प्रखंड के भी 3 दर्जन से अधिक गांवों में पानी पहुंच चुका है. आरा शहर के नजदीक बड़की सनदिया गांव के पास मुख्य सड़क (Main Road) पर बाढ़ का पानी (Flood Water) आने से खतरा बहुत ज्यादा ही बढ़ गया है.

सनदिया गांव के निकट लोहा पुल के पास बाढ़ का पानी चढ़ गया है. पुल पिछले तीन साल से ध्वस्त है और लोग कामचलाऊ रास्ते से आवागमन करते हैं. पुल के पास किसी तरह की सुरक्षा और रेलिंग नहीं होने की वजह से कभी भी यहां कोई बड़ा हादसा हो सकता है. बाढ़ के पानी की वजह से सड़क और नदी का जलस्तर बिल्कुल बराबर हो चुका है.

इसकी वजह से समझ भी नहीं आ रहा है कि सड़क कहां खत्म हो रही है और नदी कहां से शुरू हो रही है. मुख्य सड़क पर लाखों की आबादी निर्भर करती है. जिसकी वजह से दिन-रात सड़क पर गाड़ियों का आवागमन रहता है. इसके बावजूद जिला प्रसाशन की तरफ से सुरक्षा के दृष्टिकोण से अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है.

भोजपुर: बिहार के भोजपुर जिले में गंगा का जलस्तर (Water Level Of Ganga River) दिन-प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहा है. बाढ़ का पानी अब एनएच-84 यानी आरा-बक्सर मुख्य मार्ग के ऊपर से बहने लगा है. जिसके कारण इस मार्ग से गुजरने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मुख्य सड़क के ऊपर से बह रहे लबालब पानी में कई वाहन भी फंस जा रहे हैं. जिससे लोगों को वाहन धकेल कर ले जाना पड़ रहा है.

इसे भी पढ़ें: Flood In Bihar: आरा शहर की ओर बढ़ रहा गंगा का पानी, कभी भी हो सकती कोई अनहोनी

बाढ़ का यह नजारा आरा-सलेमपुर मुख्य मार्ग का है. जहां बाढ़ का पानी (Flood Water) कमर तक पहुंच चुका है. इस रास्ते पर वाहनों का आवगमन पूरी तरह से ठप्प हो गया है. लेकिन त्रासदी झेल रहे स्थानीय ग्रामीण जान जोखिम में डालकर किसी तरह कमर से ऊपर पानी को पार कर अपने रोजमर्रा का काम कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट.

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बाढ़ से बेहाल लोगों में प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर काफी नाराजगी देखी जा रही है. उनका कहना है कि बाढ़ के पानी में लगातार वृद्धि हो रही है. इसके बावजूद भी सरकार और सिस्टम द्वारा कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जा रही है. जिससे बाढ़ से ग्रसित लोगों की परेशानियां कम नहीं हो रही हैं.

सड़क पर बाढ़ का पानी आ जाने से लोगों के सामने खाने-पीने की भी समस्या आ गई है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोग नाव के लिए तरस गए हैं और प्रशासनिक अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं. गंगा समेत कई नदियों के उफान से बाढ़ का पानी अब ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी इलाकों में भी फैलने लगा है. पानी की भयावह स्थिति से आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है.

स्कूल और कॉलेजों में भी पानी लबालब भरा हुआ है. गांव के पहुंच पथ पर अब नाव चल रही है. जिसकी वजह से बाढ़ से घिरे लोगों का मुख्यालय और प्रखंड कार्यालय से संपर्क पूरी तरह टूट चुका है. स्थानीय लोगों को पानी के बीच जिंदगानी का एक-एक पल काटना मुश्किल हो रहा है. बाढ़ की समस्या को लेकर जब डीडीसी से बातचीत की गई, तो उन्होंने बड़हरा क्षेत्र में नाव और समुदायिक किचन की शुरुआत करने की बात कही है.

बताते चलें कि हालात यह है कि गंगा खतरे के निशान 53.08 से 1.40 मीटर ऊपर 54.48 मीटर पर बह रही है. जिससे जिले के बड़हरा, शाहपुर, बिहियां और आरा सदर प्रखंड के भी 3 दर्जन से अधिक गांवों में पानी पहुंच चुका है. आरा शहर के नजदीक बड़की सनदिया गांव के पास मुख्य सड़क (Main Road) पर बाढ़ का पानी (Flood Water) आने से खतरा बहुत ज्यादा ही बढ़ गया है.

सनदिया गांव के निकट लोहा पुल के पास बाढ़ का पानी चढ़ गया है. पुल पिछले तीन साल से ध्वस्त है और लोग कामचलाऊ रास्ते से आवागमन करते हैं. पुल के पास किसी तरह की सुरक्षा और रेलिंग नहीं होने की वजह से कभी भी यहां कोई बड़ा हादसा हो सकता है. बाढ़ के पानी की वजह से सड़क और नदी का जलस्तर बिल्कुल बराबर हो चुका है.

इसकी वजह से समझ भी नहीं आ रहा है कि सड़क कहां खत्म हो रही है और नदी कहां से शुरू हो रही है. मुख्य सड़क पर लाखों की आबादी निर्भर करती है. जिसकी वजह से दिन-रात सड़क पर गाड़ियों का आवागमन रहता है. इसके बावजूद जिला प्रसाशन की तरफ से सुरक्षा के दृष्टिकोण से अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है.

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