भोजपुर: बिहार के भोजपुर के कोइलवर में स्थित प्रदेश का इकलौता मानसिक आरोग्यशाला कर्मियों की कमी से जूझ रहा है. 2005 में सूबे के इस इकलौता मानसिक स्वास्थ्य और संबद्ध विज्ञान संस्थान की नींव रखी गई थी. 2000 में बिहार से अलग होने के बाद रांची के कांके स्थित मानसिक अस्पताल झारखंड के हिस्से में चला गया. जिसके बाद बिहार के भोजपुर में एक मानसिक आरोग्यशाला का निर्माण कराया गया.
मरीजों की संख्या हो सकती है दोगुनी
आरोग्यशाला के निर्देशक प्रमोद कुमार सिंह को पीएमसीएच के मनोचिकित्सक विभाग के अलावा मानसिक आरोग्यशाला कोइलवर का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. जिसके बाद निदेशक सप्ताह के दो दिन ही कोइलवर स्थित मानसिक आरोग्यशाला आ पाते हैं. इस संबंध में आरोग्यशाला के निर्देशक प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि जनवरी 2018 से दिसंबर 2018 तक हमारे यहां 65,600 मरीज देखे गए हैं.
कर्मचारियों की कमी से होती है परेशानी
निर्देशक प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि कर्मचारियों की कमी के कारण परेशानी जरूर है, लेकिन हम सब मिलकर अपना काम ईमानदारी पूर्वक कर रहे हैं. स्थानीय लोगों ने कहा कि जब हम लोग 11 बजे अस्पताल पहुंचे, तो कोई भी कर्मी अपने कक्ष में नहीं था. वहीं, दवा वितरण कर रही वार्ड अटेंडेंट से पूछा गया कि अपनी ड्यूटी छोड़ कर ये ड्यूटी क्यों कर रही है, तो इन्होंने भी कुछ कहने से मना कर दिया.
डॉक्टरों की भी है कमी
निर्देशक ने बताया कि अस्पताल में 10 डॉक्टर, 36 कर्मी, और 3 नर्स हैं. वहीं, अगर भर्ती हुए मरीजों की बात करें तो पुरूष वार्ड में 45 और महिला वार्ड में 30 मरीज भर्ती हैं. जबकि ओपीडी में प्रतिदिन 300 से 400 मरीजों को देखा जाता है. प्रमोद कुमार ने बताया कि कर्मी के साथ-साथ डॉक्टरों की भी कमी है. वहीं, कर्मियों के रहने के लिए आवास नहीं होने से उन्हें काफी परेशानी होती है.