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भोजपुर: नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं तीन घरवा टोला के लोग, सरकार से लगाई मदद की गुहार

भोजपुर के गड़हनी प्रखंड़ के तीन घरवा टोला में न तो सड़क है और न ही नदी पार करने के लिए पुल. वैकल्पिक व्यवस्था के लिए लोगों ने सरकार को पत्र लिखा है.

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Published : Jul 16, 2020, 3:19 PM IST

भोजपुर: जिला मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर दूर एक ऐसा गांव है, जहां विकास की किरण आज तक नहीं पहुंच पाई. गड़हनी प्रखंड़ के गड़हनी पंचायत अंतर्गत वार्ड-1 में स्थित तीन घरवा टोला आज भी अपनी किस्मत का रोना रो रहा है. यहां पहुंचने के लिए न तो सड़क है और न ही रास्ते में पड़ने वाली नदी पर पुल या पुलिया. बरसात के मौसम में नदी को पार करना खतरे से खाली नहीं होता.

सरकार से वैकल्पिक व्यवस्था की मांग
इस बाबत सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पत्र लिखकर शासन प्रशासन से नदी पार करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने की गुहार लगाई है. पत्र के माध्यम से प्रखंड़ विकास पदाधिकारी गड़हनी, जिलाधिकारी भोजपुर सहित सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी दी है. बता दें कि गड़हनी मुख्यालय से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित तीन घरवा टोला तक बरसात के दिनों में पहुंचना लोहे के चने चबाने जैसा है. यहां के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं.

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न कोई सड़क न कोई पुलिया

बरसात में आवागमन बाधित
लोगों ने बताया कि पिछले बरसात में महीनों आवागमन बाधित रहा, लेकिन कोई सुध लेने तक नहीं पहुंचा जबकि दूरभाष से जिलाधिकारी को भी सूचना देकर नाव की मांग की गई थी. थक हारकर इस बार पत्र लिखकर इसकी सूचना दे रहा हूं ताकि ससमय नदी पार करने के लिए नाव या कोई वैकल्पिक व्यवस्था सरकार कराए.

भोजपुर: जिला मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर दूर एक ऐसा गांव है, जहां विकास की किरण आज तक नहीं पहुंच पाई. गड़हनी प्रखंड़ के गड़हनी पंचायत अंतर्गत वार्ड-1 में स्थित तीन घरवा टोला आज भी अपनी किस्मत का रोना रो रहा है. यहां पहुंचने के लिए न तो सड़क है और न ही रास्ते में पड़ने वाली नदी पर पुल या पुलिया. बरसात के मौसम में नदी को पार करना खतरे से खाली नहीं होता.

सरकार से वैकल्पिक व्यवस्था की मांग
इस बाबत सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पत्र लिखकर शासन प्रशासन से नदी पार करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने की गुहार लगाई है. पत्र के माध्यम से प्रखंड़ विकास पदाधिकारी गड़हनी, जिलाधिकारी भोजपुर सहित सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी दी है. बता दें कि गड़हनी मुख्यालय से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित तीन घरवा टोला तक बरसात के दिनों में पहुंचना लोहे के चने चबाने जैसा है. यहां के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं.

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न कोई सड़क न कोई पुलिया

बरसात में आवागमन बाधित
लोगों ने बताया कि पिछले बरसात में महीनों आवागमन बाधित रहा, लेकिन कोई सुध लेने तक नहीं पहुंचा जबकि दूरभाष से जिलाधिकारी को भी सूचना देकर नाव की मांग की गई थी. थक हारकर इस बार पत्र लिखकर इसकी सूचना दे रहा हूं ताकि ससमय नदी पार करने के लिए नाव या कोई वैकल्पिक व्यवस्था सरकार कराए.

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