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भोजपुर: आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं का अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू

बिहार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर अपनी 17 सूत्री मांगों को लेकर आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका संघ के बैनर तले अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई हैं.

Bhojpur
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Published : Sep 7, 2020, 7:43 PM IST

भोजपुर: बिहार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर अपनी 17 सूत्री मांगों को लेकर आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका संघ के बैनर तले अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई हैं. यूनियन के प्रखंड इकाई के सचिव ने हड़ताल को सफल बनाने की अपील की है.

प्रखंड इकाई के सचिव ने बताया कि जब तक सरकार हम सभी सेविका, सहायिका की मांग पूरी नहीं करती तब तक हमारी हड़ताल जारी रहेगी. साथ ही बताया कि लंबी अवधि के सेवाकाल के बावजूद सरकार द्वारा आज तक हमें सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया गया जो दुर्भाग्यपूर्ण है. वहीं आंगनवाड़ी सेविका सहायिका ने बिहार राज्य आंगनबाड़ी डीबीटी का स्वागत किया है.

सेविका, सहायिका ने रखी अपनी मांगे
आंगनबाड़ी सेविका का कहना है कि वर्ष 2018 में संयुक्त संघर्ष समिति के 42 दिन हड़ताल के दौरान 50 प्रतिशत मानदेय बढ़ोतरी को लागू किया जाए. आईसीडीएस के अतिरिक्त कोई सेवा ना ली जाए. साथ ही इनकी मांग है किपिछले आंदोलन में जिला में सेविका, सहायिकाओं पर हुए मुकदमे वापस लिया जाए. आंगनबाड़ी सेविका सहायिका को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. सरकारी दर्जा नहीं मिलने तक सेविकाओं को 21,000 और सहायिका को 15,000 मानदेय राशि दिया जाए. अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है यह आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगी.

भोजपुर: बिहार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर अपनी 17 सूत्री मांगों को लेकर आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका संघ के बैनर तले अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई हैं. यूनियन के प्रखंड इकाई के सचिव ने हड़ताल को सफल बनाने की अपील की है.

प्रखंड इकाई के सचिव ने बताया कि जब तक सरकार हम सभी सेविका, सहायिका की मांग पूरी नहीं करती तब तक हमारी हड़ताल जारी रहेगी. साथ ही बताया कि लंबी अवधि के सेवाकाल के बावजूद सरकार द्वारा आज तक हमें सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया गया जो दुर्भाग्यपूर्ण है. वहीं आंगनवाड़ी सेविका सहायिका ने बिहार राज्य आंगनबाड़ी डीबीटी का स्वागत किया है.

सेविका, सहायिका ने रखी अपनी मांगे
आंगनबाड़ी सेविका का कहना है कि वर्ष 2018 में संयुक्त संघर्ष समिति के 42 दिन हड़ताल के दौरान 50 प्रतिशत मानदेय बढ़ोतरी को लागू किया जाए. आईसीडीएस के अतिरिक्त कोई सेवा ना ली जाए. साथ ही इनकी मांग है किपिछले आंदोलन में जिला में सेविका, सहायिकाओं पर हुए मुकदमे वापस लिया जाए. आंगनबाड़ी सेविका सहायिका को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. सरकारी दर्जा नहीं मिलने तक सेविकाओं को 21,000 और सहायिका को 15,000 मानदेय राशि दिया जाए. अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है यह आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगी.

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