ETV Bharat / state

तोड़ा जा सकता है विक्रमशिला पुल! मालवाहक जहाज चलाने की योजना से मंडरा रहा है खतरा

विक्रमशिला सेतु पर खतरा मंडरा रहा है. इसे तोड़ने की भी नौबत आ सकती है. भागलपुर के विक्रमशिला पुल के समानांतर गंगा नदी पर नए फोरलेन पुल के निर्माण की योजना है. क्योंकि कोलकाता से बनारस के बीच गंगा नदी में वाया भागलपुर मालवाहक जहाज चलाया जाएगा. पढ़ें रिपोर्ट...

vikramshila
vikramshila
author img

By

Published : Oct 20, 2021, 4:52 PM IST

Updated : Oct 20, 2021, 5:21 PM IST

भागलपुर: बिहार में भागलपुर (Bhagalpur) के विक्रमशिला पुल (Vikramshila Bridge) पर खतरा मंडराने लगा है. झारखंड को उत्तर बंगाल और पूर्वी बिहार से जोड़ने वाला यह पुल है. इस पुल के अस्तित्व पर अब खतरे की घंटी बजने लगी है. दरअसल, भागलपुर के विक्रमशिला सेतु के समानांतर गंगा नदी (Ganga River) पर नया फोरलेन पुल (Four lane Bridge) बनने वाला है. इसके बनने से वर्तमान सेतु पर खतरा है. वर्तमान पुल को तोड़ने की नौबत भी आ सकती है.

यह भी पढ़ें- विक्रमशिला पुल के समानांतर 4 लेन का बनेगा नया पुल, केंद्र से मिली हरी झंडी

दरअसल, कोलकाता से बनारस के बीच गंगा नदी में वाया भागलपुर मालवाहक जहाज चलाया जाएगा. बनारस से कोलकाता के बीच चलने वाले मालवाहक जहाज 54 मीटर लंबी और 9 मीटर चौड़ी के साथ-साथ इंजन 470 हॉर्सपावर का होगा. इस मालवाहक जहाज को गंगा में चलने के लिए पुल के स्पैन का फासला कम से कम एक सौ मीटर होना चाहिए. 100 मीटर कम फासला होने पर मालवाहक जहाज नहीं चल सकेगा.

देखें वीडियो

इसलिए नए समानांतर फोरलेन पुल निर्माण को भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण अनुमति देने से इंकार कर रहा है. भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने तकनीकी तौर पर यह कहा है कि पुल के पूरे हिस्से का स्पैन 100 मीटर फासले का होना आवश्यक है. इस कारण विक्रमशिला पुल के नए सिरे से निविदा करने की नौबत अब आ गई है.

भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण इसका आधार पर्यावरण और वाणिज्यिक बताया है. इस संबंध में यह कहा गया है कि अगर पुल के स्पैन का फासला 100 मीटर से अधिक का नहीं होता है, तो उससे मालवाहक जहाज नहीं गुजर सकेंगे. इसके अतिरिक्त नदी में पानी का बहाव भी सही तरीके से नहीं होगा और गाद जमा होगा.

भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण का कहना है कि जहां पुल बनता है, वहां मुख्यधारा में स्पैन का फासला 100 मीटर तो कर दिया जाता है लेकिन मुख्यधारा से अलग स्पैन का फासला 50 मीटर ही रखा जाता है. उधर जुलाई 2011 से चालू हुए विक्रमशिला सेतु पुल के 67 स्पैनों में से शुरू से आठ स्पैन का फासला 120 मीटर और शेष का 53 से 65 मीटर के बीच ही है.

विक्रमशिला सेतु समानांतर फोरलेन पुल के निर्माण को लेकर निविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी. काम शुरू किए जाने की तैयारी थी, लेकिन भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण से अनुमति नहीं मिलने से अब मामला अटक गया है. इस पुल के डिजाइन में कई जगह 50 मीटर वाले स्पैन थे.

विक्रमशिला सेतु समानांतर पुल की लंबाई लगभग समान होगी. विक्रमशिला सेतु गंगा की सतह से 14 मीटर ऊंचा है. समानांतर पुल की ऊंचाई 1 मीटर अधिक भी की जा सकती है. मालवाहक जहाज के लिए पुराने और नए दोनों पुलों की ऊंचाई काफी होगी. प्रस्तावित फोरलेन पुल की चौड़ाई 29 मीटर है, लंबाई 4455 मीटर है. सड़क की लंबाई 9.50 मीटर है. गंगा नदी पर 68 स्पैन बनाने की बात है.

यह भी पढ़ें- भागलपुर: गंगा में जहाज चलाने की योजना, नहर खोदकर बनाया जा रहा रास्ता

भागलपुर: बिहार में भागलपुर (Bhagalpur) के विक्रमशिला पुल (Vikramshila Bridge) पर खतरा मंडराने लगा है. झारखंड को उत्तर बंगाल और पूर्वी बिहार से जोड़ने वाला यह पुल है. इस पुल के अस्तित्व पर अब खतरे की घंटी बजने लगी है. दरअसल, भागलपुर के विक्रमशिला सेतु के समानांतर गंगा नदी (Ganga River) पर नया फोरलेन पुल (Four lane Bridge) बनने वाला है. इसके बनने से वर्तमान सेतु पर खतरा है. वर्तमान पुल को तोड़ने की नौबत भी आ सकती है.

यह भी पढ़ें- विक्रमशिला पुल के समानांतर 4 लेन का बनेगा नया पुल, केंद्र से मिली हरी झंडी

दरअसल, कोलकाता से बनारस के बीच गंगा नदी में वाया भागलपुर मालवाहक जहाज चलाया जाएगा. बनारस से कोलकाता के बीच चलने वाले मालवाहक जहाज 54 मीटर लंबी और 9 मीटर चौड़ी के साथ-साथ इंजन 470 हॉर्सपावर का होगा. इस मालवाहक जहाज को गंगा में चलने के लिए पुल के स्पैन का फासला कम से कम एक सौ मीटर होना चाहिए. 100 मीटर कम फासला होने पर मालवाहक जहाज नहीं चल सकेगा.

देखें वीडियो

इसलिए नए समानांतर फोरलेन पुल निर्माण को भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण अनुमति देने से इंकार कर रहा है. भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने तकनीकी तौर पर यह कहा है कि पुल के पूरे हिस्से का स्पैन 100 मीटर फासले का होना आवश्यक है. इस कारण विक्रमशिला पुल के नए सिरे से निविदा करने की नौबत अब आ गई है.

भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण इसका आधार पर्यावरण और वाणिज्यिक बताया है. इस संबंध में यह कहा गया है कि अगर पुल के स्पैन का फासला 100 मीटर से अधिक का नहीं होता है, तो उससे मालवाहक जहाज नहीं गुजर सकेंगे. इसके अतिरिक्त नदी में पानी का बहाव भी सही तरीके से नहीं होगा और गाद जमा होगा.

भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण का कहना है कि जहां पुल बनता है, वहां मुख्यधारा में स्पैन का फासला 100 मीटर तो कर दिया जाता है लेकिन मुख्यधारा से अलग स्पैन का फासला 50 मीटर ही रखा जाता है. उधर जुलाई 2011 से चालू हुए विक्रमशिला सेतु पुल के 67 स्पैनों में से शुरू से आठ स्पैन का फासला 120 मीटर और शेष का 53 से 65 मीटर के बीच ही है.

विक्रमशिला सेतु समानांतर फोरलेन पुल के निर्माण को लेकर निविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी. काम शुरू किए जाने की तैयारी थी, लेकिन भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण से अनुमति नहीं मिलने से अब मामला अटक गया है. इस पुल के डिजाइन में कई जगह 50 मीटर वाले स्पैन थे.

विक्रमशिला सेतु समानांतर पुल की लंबाई लगभग समान होगी. विक्रमशिला सेतु गंगा की सतह से 14 मीटर ऊंचा है. समानांतर पुल की ऊंचाई 1 मीटर अधिक भी की जा सकती है. मालवाहक जहाज के लिए पुराने और नए दोनों पुलों की ऊंचाई काफी होगी. प्रस्तावित फोरलेन पुल की चौड़ाई 29 मीटर है, लंबाई 4455 मीटर है. सड़क की लंबाई 9.50 मीटर है. गंगा नदी पर 68 स्पैन बनाने की बात है.

यह भी पढ़ें- भागलपुर: गंगा में जहाज चलाने की योजना, नहर खोदकर बनाया जा रहा रास्ता

Last Updated : Oct 20, 2021, 5:21 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.