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45 साल बाद मिला पीड़ित परिवार को न्याय, आरोपी को आजीवन कारावास

मामला साल 1974 का है जहां सनहौला थाना क्षेत्र अंतर्गत पोठिया गांव में खेत का पानी बहाने के विवाद में धनंजय चौधरी की 28 अप्रैल 1974 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जिसमें 5 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था.

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Published : Sep 25, 2019, 11:59 PM IST

45 साल बाद मिला इस पीड़ित परिवार को न्याय

भागलपुर: जिले के सनहौला थाना क्षेत्र के एक परिवार को हत्या के मामले में 45 साल बाद न्याय मिला. बुधवार को भागलपुर न्यायालय के एडीजे 8 एमपी सिंह की अदालत में 45 साल बाद हत्या के दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.

क्या है मामला
मामला साल 1974 का है, जहां सनहौला थाना क्षेत्र अंतर्गत पोठिया गांव में खेत का पानी बहाने के विवाद में धनंजय चौधरी की 28 अप्रैल 1974 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सन्हौला थाने में यह मामला दर्ज कराया गया था. जिसमें 5 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था.

45 साल बाद मिला इस पीड़ित परिवार को न्याय

न्याय मिलने के बाद मृतक के बेटे ने कहा कि उन्हें न्यायालय से काफी उम्मीद थी और न्याय मिल गया. अपर लोक अभियोजक रियाज हुसैन ने बताया कि पीड़ित पक्ष को आखिरकार इंसाफ मिला. प्रशासनिक तंत्र की लापरवाही की वजह से करीबन 28 साल तक न्यायालय पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही थी. उन्होंने न्यायालय में मजबूती से अपने पक्ष को रखते हुए हत्या के आरोपी चतुरानन्द चौधरी के आजीवन कारावास की मांग की.

आरोपी को आजीवन कारावास की सजा
अपर लोक अभियोजक ने बताया कि हत्या में इस्तेमाल किए गए जब्त बंदूक को आधार बनाते हुए उन्होंने सभी गवाहों से गवाही दिलवाई और आरोपी के सजा की मांग की. जिसपर न्यायालय ने दलील को देखते हुए आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

भागलपुर: जिले के सनहौला थाना क्षेत्र के एक परिवार को हत्या के मामले में 45 साल बाद न्याय मिला. बुधवार को भागलपुर न्यायालय के एडीजे 8 एमपी सिंह की अदालत में 45 साल बाद हत्या के दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.

क्या है मामला
मामला साल 1974 का है, जहां सनहौला थाना क्षेत्र अंतर्गत पोठिया गांव में खेत का पानी बहाने के विवाद में धनंजय चौधरी की 28 अप्रैल 1974 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सन्हौला थाने में यह मामला दर्ज कराया गया था. जिसमें 5 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था.

45 साल बाद मिला इस पीड़ित परिवार को न्याय

न्याय मिलने के बाद मृतक के बेटे ने कहा कि उन्हें न्यायालय से काफी उम्मीद थी और न्याय मिल गया. अपर लोक अभियोजक रियाज हुसैन ने बताया कि पीड़ित पक्ष को आखिरकार इंसाफ मिला. प्रशासनिक तंत्र की लापरवाही की वजह से करीबन 28 साल तक न्यायालय पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही थी. उन्होंने न्यायालय में मजबूती से अपने पक्ष को रखते हुए हत्या के आरोपी चतुरानन्द चौधरी के आजीवन कारावास की मांग की.

आरोपी को आजीवन कारावास की सजा
अपर लोक अभियोजक ने बताया कि हत्या में इस्तेमाल किए गए जब्त बंदूक को आधार बनाते हुए उन्होंने सभी गवाहों से गवाही दिलवाई और आरोपी के सजा की मांग की. जिसपर न्यायालय ने दलील को देखते हुए आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

Intro:bh_bgp_03_justice_after_45years_lifetime_imprisonment_avbb_7202641

45 साल बाद हत्या के दोषी को मिला आजीवन कारावास

आज भागलपुर न्यायालय के एडीजे 8 एमपी सिंह की अदालत
में 45 साल बाद हत्या के दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई न्याय मिलने के बाद बेटे ने कहा मुझे न्याय मिला है देर से ही सही न्यायालय से मुझे काफी उम्मीद थी मामले पर अपर लोक अभियोजक रियाज हुसैन ने कहा कि मुझे जब से यह मामला मिला है मैंने भरपूर कोशिश की है पीड़ित पक्ष को इंसाफ मिलेगा लेकिन प्रशासनिक तंत्र के लापरवाही की वजह से करीबन 28 साल तक न्यायालय पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही थी अंततः पोस्टमार्टम रिपोर्ट न्यायालय में समर्पित नहीं हो पाया लेकिन अभियोजन न्यायालय में मजबूती से अपने पक्ष को रखते हुए हत्या के आरोपी चतुरानन्द चौधरी को आजीवन कारावास की मांग की ।


Body:अभियोजन ने हत्या में इस्तेमाल किए गए जप्त बंदूक को आधार बनाते हुए एवं सभी गवाहों को गवाह दिलवाकर हत्या के आरोपी को सजा दिलवाने की दलील न्यायालय में रखा अभियोजन के दलील को देखते हुए न्यायालय ने हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई ।

क्या है मामला

मामला साल 1974 का है भागलपुर के सनहौला थाना क्षेत्र अंतर्गत पोठिया गांव में खेत का पानी बहाने के विवाद में निवासी धनंजय चौधरी की 28 अप्रैल 1974 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी इस मामले में सन्हौला थाने में मामला दर्ज कराया गया था जिसमें 5 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था ।


Conclusion:इस मामले में चतुराननंद चौधरी और रविंद्र चौधरी पर मामला चल रहा था संदेह के ग्राउंड पर रविंद्र चौधरी को रिहा कर दिया गया था चतुरानंद चौधरी को दोषी करार दिया गया हत्या के मामले में इतने दिनों बाद दोषी करार दिए जाने पर एक बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है कि आखिर अभियुक्त को दोषी करार देने में इतना वक्त क्यों लग गया ।

बाइट रियाज हुसैन, अपर लोक अभियोजक, एडीजे8
बाइट: सुभाष चंद्र चौधरी, पुत्र
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