भागलपुर: सबौर स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय की थर्ड ईयर में पढ़ने वाली छात्रा रिंपा कुमारी ने पांचवे सेमेस्टर में फेल होने से आहत होकर अपने हॉस्टल के कमरे में पंखे से दुपट्टे के सहारे लटक कर आत्महत्या कर ली. घटना की जानकारी सुबह करीब 11 बजे विश्वविद्यालय प्रशासन को लगी. आत्महत्या किए जाने की खबर मिलते ही छात्रा-छात्राओं की भारी भीड़ इक्टठा हो गई.
घटना की जानकारी मिलने पर सार्जेंट मेजर केके शर्मा, बरारी, जीरोमाइल और सबौर थाना पुलिस मौके पर पहुंची. जिसके बाद एफएसएल की टीम को बुलाया गया. एफएसएल टीम आने के बाद शव को फंदे से उतारने की प्रक्रिया शुरू की जा रही थी कि छात्रों ने रिम्पा के शव को फंदे से उतारने से रोक दिया. छात्राओं का कहना था कि जबतक छात्रा के परिवार वाले नहीं आ जाते तब तक शव को नहीं उतारने दिया जाएगा. पुलिस काफी समझाने बुझाने का प्रयास करती रही लेकिन छात्र नहीं समझने को तैयार थे.
वीसी की भी बात नहीं माने छात्र
आक्रोशित छात्र छात्राओं को कुलपति डॉक्टर आरके सोहाने ने भी काफी समझाने बुझाने का प्रयास किया. लेकिन छात्र कुलपति से उलझ गए और नारेबाजी करने लगे. आक्रोश देख कर कुलपति के सुरक्षा गार्ड ने कुलपति को अपने घेरे में ले लिया और वहां से बचाकर बाहर निकाला. मामला बढ़ता देख भारी संख्या में पुलिस बल को मौके पर बुलाया गया.
विश्वविद्यालय अधिकारियों को छात्रों ने बनाया घंटों बंधक
छात्रों का आरोप था कि कोरोना के कारण लॉकडाउन में पढ़ाई काफी बाधित हुई. ऑनलाइन कक्षा के नाम पर खानापूर्ति की गई थी. ऑनलाइन कक्षा में किसी भी विषय का सिलेबस पूरा नहीं कराया गया था. इस बात की शिकायत विश्वविद्यालय प्रबंधन और कॉलेज प्रबंधन को किया गया था. लेकिन बातों को नजरअंदाज कर परीक्षा ली गई. उस दौरान भी परीक्षा हॉल में छात्रों ने हंगामा किया था.
छात्रों ने बताया कि कॉलेज प्रशासन की तरफ से आश्वासन दिया गया था कि उन लोगों को बेहतर नंबर दिए जाएंगे लेकिन उसके वितरित विश्वविद्यालय ने जो रिजल्ट जारी किया है. छात्रों का आरोप था की कई छात्रों को 2 और 3 अंक से फेल कर दिया गया. इन छात्राओं में रिंपा भी शामिल थी. रिंपा पिछले सेमेस्ट में महज 2 नंबर से फेल हो गई थी. जिससे आहत होकर वह आत्महत्या कर ली.
रिजल्ट देखकर खुद को कमरे में कर लिया था बंद
छात्रों का आरोप था कि कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में पढ़ाई सही से नहीं हुई थी. पर इसके बावजूद परीक्षा ली गई. जिसका उन्होंने विरोध भी किया था लेकिन कॉलेज प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन उन्होंने बातों को नहीं सुना. उन्होंने कहा कि मृतक छात्रा रिंपा 25 फरवरी से 10 मार्च तक परीक्षा दी थी. पढ़ाई नहीं होने के कारण उसकी परीक्षा भी बेहतर नहीं गई थी. इसी कारण वह चिंतित थी. इस बात की जानकारी उसने अपने साथियों को भी दी थी. रिंपा के सहयोगियों ने बताया कि रिजल्ट जब प्रकाशित हुआ तब रिंपा ने रिजल्ट को ऑनलाइन देख लिया. रिजल्ट देखते ही वह सीधे अपने कमरे में चली गई.
वहीं, रिम्पा के आत्महत्या की जानकारी उसके परिजनों को दे दी गई है. मृतका के परिजन सूचना मिलते ही पटना से भागलपुर के लिए रवाना हो चुके हैं.