भागलपुर: कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण राज्य सरकार ने सभी स्कूलों और कॉलेजों को 18 अप्रैल तक बंद करने का निर्देश जारी किया है. बच्चों के लिए भले ही स्कूल-कॉलेज बंद हैं, लेकिन शिक्षकों को रोज उपस्थित होना है. ऐसे में उन शिक्षकों को अधिक परेशानी हो रही है, जो घर से 20-30 किलोमीटर दूर के स्कूल या कॉलेज में पोस्टेड हैं. उन्हें कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच रोज बस या ऑटो की सवारी करनी पड़ती है.
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शिक्षकों का आवेदन खारिज
स्कूल से दूर रहने वाले शिक्षकों ने अपने स्कूल को बदलकर नजदीक के स्कूल में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए अनुमति जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार से मांगी थी. शिक्षकों ने आवेदन में कहा था कि स्कूल जाने में बस या ऑटो का सहारा लेना होता है, जिससे संक्रमण फैलने का डर लगा रहता है. इसलिए नजदीक के स्कूल में जाने की अनुमति दी जाए. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने शिक्षकों की मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि शिक्षकों को स्कूल के नजदीक रहने के लिए एचआरए (आवास अलाउंस) दिया जाता है. ऐसे में कोई शिक्षक अपने स्कूल से दूर रह रहे हैं तो उचित नहीं है. उन्हें अपने स्कूल के नजदीक रहना चाहिए.
शिक्षकों को जाना होगा अपने स्कूल
जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि शिक्षकों ने आवेदन दिया था. वे लोग मांग कर रहे हैं कि उन्हें नजदीक के स्कूल में जाने की अनुमति दी जाए. यह जायज नहीं है. किसी भी सरकारी शिक्षक को शिक्षा विभाग एचआरए देता है. शिक्षक अपने मूल स्कूल से 8 किलोमीटर तक कहीं भी रह सकते हैं, ताकि जाने-आने में परेशानी न हो.
कोरोना पॉजिटिव होने पर मिलेगा विशेष अवकाश
सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के परिजन कोरोना पॉजिटिव हैं या कोई माइक्रो कंटेनमेंट जोन में हैं तो ऐसे शिक्षकों को विशेष अवकाश दिया जाएगा. इसके लिए शिक्षकों को लिखित पत्र जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में देना होगा या मेल करना होगा. मौखिक सूचना देने पर अवकाश नहीं मिलेगा. शिक्षक को खुद लिखित रूप से कार्यालय में आवेदन देना होगा."- संजय कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, भागलपुर
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