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भागलपुर : ऐतिहासिक विक्रमशिला खंडहर की सुरक्षा अब बीएमपी के हवाले

भागलपुर स्थित ऐतिहासिक विक्रमशिला विश्वविद्यालय के खंडहर के अलावा राज्य के अन्य धरोहरों की सुरक्षा को लेकर बीते दिनों पुलिस मुख्यालय में बैठक हुई. बैठक की खास बात यह रही कि चिह्नित किये गये सभी आठ धरोहरों की सुरक्षा बीएमपी को सौंप दी गयी है.

भागलपुर
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Published : Mar 22, 2021, 8:46 AM IST

भागलपुर: जिले के कहलगांव स्थित ऐतिहासिक विक्रमशिला विश्वविद्यालय खंडहर धरोहर की सुरक्षा को सख्त की जा रही है. अब विश्वविद्यालय के खंडहर की सुरक्षा बिहार मिलिट्री फोर्स को सौंप दी गई है. लॉ एंड ऑर्डर एडीजी अमित कुमार द्वारा जारी आदेश का पत्र भागलपुर पुलिस को मिल गया. बता दें कि पुलिस मुख्यालय में बीते दिनों राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक हुई थी. जिसमें धर्म-कर्म की सुरक्षा को लेकर काफी विचार विमर्श करने के बाद 8 धार्मिक और धरोहर स्थल को बीएमपी के हाथों सौंपने का निर्णय लिया गया.

इसे भी पढ़ें: गौरवशाली अतीत को हासिल करने के पथ पर बिहार, अब भी कई चुनौतियां हैं बाकी

पुलिस मुख्यालय का फैसला
बता दें कि राज्य भर के धरोहर और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को सख्त किया गया है. बीते दिनों पुलिस मुख्यालय में राज्य के धार्मिक स्थल और धरोहर की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा हो रही थी. जिसमें राज्य भर के 8 धरोहर को चिन्हित किया गया है, जिसमें विक्रमशिला के खंडहर भी शामिल है. विधि व्यवस्था एडीजी अमित कुमार ने आदेश जारी करते हुए राज्य के आठ धरोहर और धार्मिक स्थलों को बीएमपी के हवाले कर दिया गया है.

देखें वीडियो

आठवीं शताब्दी में हुई थी स्थापना
कहलगांव स्थित विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना आठवीं शताब्दी में पाल वंश के शासक धर्मपाल द्वारा की गई थी. पूर्व मध्यकालीन भारतीय इतिहास में इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी. विक्रमशिला विश्वविद्यालय को नालंदा के समकक्ष माना जाता है. इसका निर्माण 770 से 810 ईसा पूर्व करवाया गया था. यहां पर बौद्ध धर्म एवं दर्शन के अतिरिक्त न्याय एवं तत्व ज्ञान और व्याकरण का भी अध्ययन कराया जाता था.

विक्रमशिला विश्वविद्यालय के खंडहर
विक्रमशिला विश्वविद्यालय के खंडहर

विदेशी छात्र अध्ययन के लिए आते थे
इस विश्वविद्यालय के सर्वाधिक प्रतिभाशाली भिक्षु " दीपांकर " ने लगभग 200 ग्रंथों की रचना की है. इस शिक्षा केंद्र में लगभग 3000 अध्यापक कार्यरत थे. छात्रों के विषय में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिलती है. यहां पर विदेशों से भी छात्र अध्ययन करने के लिए आते थे. जिस में सर्वाधिक तिब्बत के छात्र शामिल थे.

विक्रमशिला खंडहर का स्तूप
विक्रमशिला खंडहर का स्तूप

इसे भी पढ़ें: बिहार दिवसः जानें गौरवशाली इतिहास...

8 धरोहर स्थल को सुरक्षा बीएमपी करेगी
बता दें कि पुलिस मुख्यालय में बीते दिनों राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक हुई थी. जिसमें धर्म-कर्म की सुरक्षा को लेकर काफी विचार विमर्श करने के बाद 8 धार्मिक और धरोहर स्थल को बीएमपी के हाथों सौंपने का निर्णय लिया, जिसमें विक्रमशिला विश्वविद्यालय खंडहर के अलावा नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर, सासाराम स्थित शेरशाह का मकबरा ,गया स्थित महाबोधि मंदिर, पटना स्थित तख्त श्री हर मंदिर साहिब ,पटना महावीर मंदिर, विष्णुपद मंदिर गया और राजगीर स्थित विश्व शांति स्तूप शामिल हैं.

भागलपुर: जिले के कहलगांव स्थित ऐतिहासिक विक्रमशिला विश्वविद्यालय खंडहर धरोहर की सुरक्षा को सख्त की जा रही है. अब विश्वविद्यालय के खंडहर की सुरक्षा बिहार मिलिट्री फोर्स को सौंप दी गई है. लॉ एंड ऑर्डर एडीजी अमित कुमार द्वारा जारी आदेश का पत्र भागलपुर पुलिस को मिल गया. बता दें कि पुलिस मुख्यालय में बीते दिनों राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक हुई थी. जिसमें धर्म-कर्म की सुरक्षा को लेकर काफी विचार विमर्श करने के बाद 8 धार्मिक और धरोहर स्थल को बीएमपी के हाथों सौंपने का निर्णय लिया गया.

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पुलिस मुख्यालय का फैसला
बता दें कि राज्य भर के धरोहर और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को सख्त किया गया है. बीते दिनों पुलिस मुख्यालय में राज्य के धार्मिक स्थल और धरोहर की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा हो रही थी. जिसमें राज्य भर के 8 धरोहर को चिन्हित किया गया है, जिसमें विक्रमशिला के खंडहर भी शामिल है. विधि व्यवस्था एडीजी अमित कुमार ने आदेश जारी करते हुए राज्य के आठ धरोहर और धार्मिक स्थलों को बीएमपी के हवाले कर दिया गया है.

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आठवीं शताब्दी में हुई थी स्थापना
कहलगांव स्थित विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना आठवीं शताब्दी में पाल वंश के शासक धर्मपाल द्वारा की गई थी. पूर्व मध्यकालीन भारतीय इतिहास में इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी. विक्रमशिला विश्वविद्यालय को नालंदा के समकक्ष माना जाता है. इसका निर्माण 770 से 810 ईसा पूर्व करवाया गया था. यहां पर बौद्ध धर्म एवं दर्शन के अतिरिक्त न्याय एवं तत्व ज्ञान और व्याकरण का भी अध्ययन कराया जाता था.

विक्रमशिला विश्वविद्यालय के खंडहर
विक्रमशिला विश्वविद्यालय के खंडहर

विदेशी छात्र अध्ययन के लिए आते थे
इस विश्वविद्यालय के सर्वाधिक प्रतिभाशाली भिक्षु " दीपांकर " ने लगभग 200 ग्रंथों की रचना की है. इस शिक्षा केंद्र में लगभग 3000 अध्यापक कार्यरत थे. छात्रों के विषय में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिलती है. यहां पर विदेशों से भी छात्र अध्ययन करने के लिए आते थे. जिस में सर्वाधिक तिब्बत के छात्र शामिल थे.

विक्रमशिला खंडहर का स्तूप
विक्रमशिला खंडहर का स्तूप

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8 धरोहर स्थल को सुरक्षा बीएमपी करेगी
बता दें कि पुलिस मुख्यालय में बीते दिनों राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक हुई थी. जिसमें धर्म-कर्म की सुरक्षा को लेकर काफी विचार विमर्श करने के बाद 8 धार्मिक और धरोहर स्थल को बीएमपी के हाथों सौंपने का निर्णय लिया, जिसमें विक्रमशिला विश्वविद्यालय खंडहर के अलावा नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर, सासाराम स्थित शेरशाह का मकबरा ,गया स्थित महाबोधि मंदिर, पटना स्थित तख्त श्री हर मंदिर साहिब ,पटना महावीर मंदिर, विष्णुपद मंदिर गया और राजगीर स्थित विश्व शांति स्तूप शामिल हैं.

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