भागलपुर: अगर आप इस मकर संक्रांति पर जैविक विधि से तैयार कतरनी चूड़ा और चावल को चखना चाहते हैं तो अपको भागलपुर कृषि भवन जैविक हाट (Bhagalpur Krishi Bhawan Jaivik Haat) जरूर जाना चाहिए. इस साल का कतरनी चूड़ा और चावल जैविक हाट में बिक रहा है. हाट में चूड़ा और चावल के साथ फूल गोभी, पत्ता गोभी और टमाटर भी नजर आ रहा है. सुलतानगंज स्थित आभा रतनपुर के किसान मनीष सिंह ने जैविक तरीके से कतरनी चूड़ा को उपजाया है. घोघा पन्नुचक के किसान ने नमूने के तौर पर 5 किलो पत्ता गोभी, 5 किलो फूल गोभी के साथ 4 किलो टमाटर के साथ दुकान लगाया है. हाट में गोभी 10 रुपए पीस और टमाटर 20 प्रति किलो बिक रहा.
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जैविक हाट में लगी सब्जी की दुकान: सुलतानगंज प्रखंड के आभा रतनपुर के किसान मनीष सिंह ने बताया कि हम जैविक तरीके से खेती करते है. इस साल पहली बार जैविक तरीके से उपजाये गए कतरनी चूड़ा और चावल दुकान हाट में लगाया है. इस बार चावल और चूड़ा 160 रूपये प्रति किलो बेच रहे हैं. उन्होंने बताया कि यूरोप के बेल्जियम में 15 से 17 जनवरी तक होने वाले फ्रूट एण्ड वेभरेज एग्जीबिशन में भागलपुरी कतरनी चूड़ा और चावल की भी प्रदर्शनी लगाई जाएगी. साथ ही एक्सपोर्ट के माध्यम से यूएई में सैंपल के रूप में 4 किलो चूड़ा और चावल भेजा जाएगा. अगर वहां से भी ऑडर आएगा तो यूएई भी भेजा जाएगा.
"हम जैविक तरीके से खेती करते है. इस साल पहली बार जैविक तरीके से उपजाये गए कतरनी चूड़ा और चावल दुकान हाट में लगाया है. इस बार चावल और चूड़ा 160 रूपये प्रति किलो बेच रहे हैं." -मनीष सिंह, किसान
कचरे ने खड़ी की मुश्किल: जैविक हाट के पास साफ-सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है. जिसकी वजह से कचरे के बीच में ही हाट खुलता है. गंदगी की वजह लोग भी हाट आने से कतराते है. हाट तक पहुंचने वाले रास्ते का मुख्य गेट का छोटा सा ही हिस्सा खुलता है. हाट के बाहर प्रचार-प्रसार के लिए विभाग द्वारा कोई बैनर तक नहीं लगाया गया है, जिसे देखकर लोग सब्जी खरीदने हाट तक पहुंच पाए. किसान मनीष कुमार ने बताया कि साफ-सफाई को लेकर कई बार पदाधिकारी को बोल चुके हैं. इसके बाद भी सफाई नहीं किया जाता है.
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