भागलपुरः पूर्वी बिहार में भागलपुर के लाइफ लाइन विक्रमशिला सेतु बनने के बाद ट्रकों का आवागमन काफी ज्यादा बढ़ गया है. शहर पर भारी वाहनों को बढ़ते हुए दबाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने आपाधापी में नवनिर्मित बाईपास को बिना किसी उद्घाटन के ही शुरू कर दिया. अगर रोजमर्रा के तौर पर बात करें तो 10 हजार से ज्यादा बड़ी-बड़ी ओवरलोडेड ट्रकें बाईपास से होकर पूर्वोत्तर और कई राज्य जाती हैं.
वहीं, दूसरी तरफ बाईपास की सड़कें लगातार ओवरलोडेड वाहनों की वजह से जर्जर हालत में आ गई हैं. जिला प्रशासन ने बाईपास निर्माण करने वाली कंपनी जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को जर्जर हुई बायपास की सड़कों को तुरंत दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड की ओर से मरम्मती का कार्य शुरू कर दिया गया है.
सड़क की जर्जर हालत
बाईपास की मरम्मती का कार्य जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की ओर से किया जा रहा है. लेकिन, इतनी जल्दी सड़क की जर्जर स्थिति में पहुंचना, सड़क की गुणवत्ता पर एक बड़ा सवालिया निशान तो खड़ा करता ही है. साथ ही साथ प्रशासन की छवि को भी दर्शाता है, कि आखिर कैसे इतनी जल्दी सड़क कई जगहों से पूरी तरह से टूट गई.
ओवरलोडेड वाहनों की वजह से हो रही सड़कें जर्जर
हालांकि जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के रोड कंस्ट्रक्शन मैनेजर सतीश कुमार पासवान का कहना है कि सड़क का निर्माण 40 से 50 टन की कैपेसिटी तक के वाहनों का लोड लेने के लिए डिजाइन किया गया था. लेकिन वर्तमान स्थिति में 100 से 110 टन लोड वाली वाहनें गुजर रही हैं. जिसका लोड सड़क नहीं ले पा रहा है. साथ ही ओवरलोडेड बालू वाली ट्रक से पानी गिरने की वजह से सड़कें ओवरलोडेड ट्रक के टायर से धंस जा रही है.
ओवरलोडेड वाहनों के परिचालन पर रोक
वहीं, उन्होंने कहा कि लगातार ओवरलोडेड वाहनों के परिचालन की वजह से बाईपास की सड़कें कई जगह धंसकर टूट गई हैं. लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी है कि प्रशासन ओवरलोडेड वाहनों का परिचालन पर लगाम लगाए, तभी रोड का टूटना बंद हो सकता है. नहीं तो फिर से सड़कों में जगह-जगह पर बड़े-बड़े गड्ढे हो जाएंगे और पूरी सड़क टूट जाएंगी.
सरकार को उठाने चाहिए सख्त कदम
वहीं, दूसरी तरफ कहलगांव और मिर्जाचौकी से भी काफी ओवरलोडेड वाहनों का परिचालन शुरू हो गया है. लेकिन सड़क की जर्जर स्थिति देखते हुए जिला प्रशासन ने 20 दिनों के अंदर भागलपुर पीरपैंती रोड को जरूरत के लिए निर्देशित किया है. लेकिन जिस तरह से ओवरलोडेड वाहनों का कहर सड़कों पर बरस रहा है. सड़क की मरम्मत ही करने के बाद सड़क की स्थिति बहुत ज्यादा दिन तक बेहतर नहीं रह पाएगी. सरकार को इसके लिए सख्त कदम उठाने चाहिए. ओवरलोडेड गाड़ियों का परिचालन पूरी तरह से बंद करना होगा.