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सृजन घोटाला मामले में ED की बड़ी कार्रवाई, भागलपुर में 14.32 करोड़ की संपत्ति जब्त - DM Virendra Yadav

मामले का खुलासा 2017 के अगस्त महीने में तत्कालीन जिलाधिकारी आदेश तितरमारे ने किया था. जिसमें 2014 में भागलपुर के डीएम रहे वीरेंद्र यादव सहित कई लोगों के नाम सामने आए थे.

भागलपुर
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Published : May 31, 2020, 3:51 PM IST

Updated : May 31, 2020, 8:54 PM IST

भागलपुर: सृजन घोटाले में कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को 14.32 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. एजेंसी ने भागलपुर की 9 दुकान में कुर्की जब्ती की. इसके अलावा बिहार में कुल 30 प्लॉट सहित नोएडा, गाजियाबाद, रांची और पटना में 20 फ्लैट और 4.4 करोड़ रुपये बैंक बैलेंस को सीज किया.

सीबीआई ने तत्कालीन डीएम को बनाया दोषी
बता दें कि 2017 में सरकारी कोष में अनियमितता कर एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का मामला सामने आया था. जिसकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो और ईडी को सौंप दी गई थी. सीबीआई ने भागलपुर के पूर्व डीएम वीरेंद्र यादव को भी आरोपी बनाया है. जिसके खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी दायर की गई है. वीरेंद्र यादव 2014 में भागलपुर के जिलाधिकारी थे. उसी दौरान सबसे ज्यादा पैसों की हेराफेरी हुई थी.

भागलपुर
सृजन नामक एनजीओ का कार्यालय

ऐसे हुआ था खुलासा
मामले का खुलासा 2017 के अगस्त महीने में तत्कालीन जिलाधिकारी आदेश तितरमारे ने किया था. तब आदेश तितरमारे का चेक बैंक ने वापस कर दिया था. इसके पीछे बैंक ने तर्क दिया था कि खाते में पर्याप्त रकम नहीं है. इस बात पर जिलाधिकारी हैरान रह गए थे. फिर मामले की तह तक जाने के लिए उन्होंने एक जांच कमेटी बैठा दी थी. कमेटी ने जांच रिपोर्ट सौंपी तो बैंक ऑफ बड़ौदा के सरकारी खातों में पैसे नहीं होने की बात सच साबित हुई. जिलाधिकारी ने जांच रिपोर्ट सहित अन्य जानकारी राज्य सरकार को दी. जिसके बाद परत दर परत सृजन घोटाले की सच्चाई लोगों के सामने आने लगी.

पेश है रिपोर्ट

इन्हें बनाया गया आरोपी
सृजन घोटाले के तीन मामलों में सृजन महिला विकास सहयोग समिति की सचिव रजनी प्रिया, संचालिका रही मनोरमा देवी और उनके बेटे अमित कुमार समेत 44 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने सितंबर 2017 में पटना सिविल कोर्ट की विशेष न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की थी. इन तीनों मामले में जिन 44 लोगों को आरोपी बनाया गया. उनमेंं स्वयंसेवी संस्था की अध्यक्षा शुभ लक्ष्मी प्रसाद, मैनेजर सरिता झा, संयोजक मनोरमा के पुत्र अमित कुमार, बैंक ऑफ बरोदा के मुख्य प्रबंधक नैयर आलम, मुख्य प्रबंधक अरुण कुमार सिंह, बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य प्रबंधक दिलीप कुमार ठाकुर, डूडा के कार्यपालक अभियंता नागेंद्र भगत, रंजन कुमार समैयार और मनोज कुमार सहित अन्य लोग शामिल हैं.

भागलपुर: सृजन घोटाले में कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को 14.32 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. एजेंसी ने भागलपुर की 9 दुकान में कुर्की जब्ती की. इसके अलावा बिहार में कुल 30 प्लॉट सहित नोएडा, गाजियाबाद, रांची और पटना में 20 फ्लैट और 4.4 करोड़ रुपये बैंक बैलेंस को सीज किया.

सीबीआई ने तत्कालीन डीएम को बनाया दोषी
बता दें कि 2017 में सरकारी कोष में अनियमितता कर एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का मामला सामने आया था. जिसकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो और ईडी को सौंप दी गई थी. सीबीआई ने भागलपुर के पूर्व डीएम वीरेंद्र यादव को भी आरोपी बनाया है. जिसके खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी दायर की गई है. वीरेंद्र यादव 2014 में भागलपुर के जिलाधिकारी थे. उसी दौरान सबसे ज्यादा पैसों की हेराफेरी हुई थी.

भागलपुर
सृजन नामक एनजीओ का कार्यालय

ऐसे हुआ था खुलासा
मामले का खुलासा 2017 के अगस्त महीने में तत्कालीन जिलाधिकारी आदेश तितरमारे ने किया था. तब आदेश तितरमारे का चेक बैंक ने वापस कर दिया था. इसके पीछे बैंक ने तर्क दिया था कि खाते में पर्याप्त रकम नहीं है. इस बात पर जिलाधिकारी हैरान रह गए थे. फिर मामले की तह तक जाने के लिए उन्होंने एक जांच कमेटी बैठा दी थी. कमेटी ने जांच रिपोर्ट सौंपी तो बैंक ऑफ बड़ौदा के सरकारी खातों में पैसे नहीं होने की बात सच साबित हुई. जिलाधिकारी ने जांच रिपोर्ट सहित अन्य जानकारी राज्य सरकार को दी. जिसके बाद परत दर परत सृजन घोटाले की सच्चाई लोगों के सामने आने लगी.

पेश है रिपोर्ट

इन्हें बनाया गया आरोपी
सृजन घोटाले के तीन मामलों में सृजन महिला विकास सहयोग समिति की सचिव रजनी प्रिया, संचालिका रही मनोरमा देवी और उनके बेटे अमित कुमार समेत 44 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने सितंबर 2017 में पटना सिविल कोर्ट की विशेष न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की थी. इन तीनों मामले में जिन 44 लोगों को आरोपी बनाया गया. उनमेंं स्वयंसेवी संस्था की अध्यक्षा शुभ लक्ष्मी प्रसाद, मैनेजर सरिता झा, संयोजक मनोरमा के पुत्र अमित कुमार, बैंक ऑफ बरोदा के मुख्य प्रबंधक नैयर आलम, मुख्य प्रबंधक अरुण कुमार सिंह, बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य प्रबंधक दिलीप कुमार ठाकुर, डूडा के कार्यपालक अभियंता नागेंद्र भगत, रंजन कुमार समैयार और मनोज कुमार सहित अन्य लोग शामिल हैं.

Last Updated : May 31, 2020, 8:54 PM IST
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