भागलपुरः बिहार के भागलपुर के डॉक्टर देवज्योति मुखर्जी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. वे समाज के एक ऐसे हिस्से के लोगों से जुड़कर उम्मीदों की किरण जगाने का प्रयास कर रहे हैं, जहां पर आम लोगों की पहुंच नहीं होती है. डॉक्टर देवज्योति मुखर्जी के इस कोशिश को धरातल पर लाने वाले विशेष केंद्रीय कारा के उपाधीक्षक राकेश कुमार सिंह हैं जिन्होंने कैदियों की निराशाजनक मानसिकता को देखते हुए यह फैसला किया.
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बंदियों में काफी बदलाव आयाः विशेष केंद्रीय कारा में बंदियों को लाइफ स्किल ट्रेनिंग देकर उनकी जिंदगी सुधार रहे हैं. डॉक्टर देवज्योति मुखर्जी अब तक मात्र चार क्लास लिए इतने में ही बंदियों में काफी बदलाव आया है. सजायाफ्ता और समान्य बंदियों जिन्हें लाइफ स्किल ट्रेनिंग दी गई उनके व्यवहार में काफी ज्यादा बदलाव देखने को मिला है. बंदियों को समाज की महत्व के बारे में बताया जता है.
युवा सम्मेलन में रहा योगदानः पिछले साल 15 दिसंबर को अखिल भारतीय युवा सम्मेलन का आयोजन किया गया था. जिसमें करोड़ों युवाओं ने सोशल हैंडलिंग के माध्यम से कार्यक्रम को देश के कोने-कोने तक पहुंचाया, देश के हर हिस्से के करोड़ों युवा इस कार्यक्रम की गवाही भी बने थे. इस कार्यक्रा में डॉक्टर देवज्योति मुखर्जी का काफी योगदान रहा था. जिसमें एक लाख युवाओं का समागम रहा था.
''विशेष केंद्रीय कारा के बंदियों को लाइफ स्किल ट्रेनिंग देकर उनकी जिंदगी को बदलने की कोशिश कर रहे हैं. ताकि वह समाज में जाकर एक अच्छे चरित्र का निर्माण कर समाज में प्रतिष्ठा हासिल कर सकें. '' डॉक्टर देवज्योति मुखर्जी, लाइफ स्किल ट्रेनर