भागलपुरः इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है. सभी पार्टियां अपने-अपने तरीके से इसकी तैयारी में जुट गई है. एक तरफ जहां बीजेपी वर्चुअल माध्यम से लगातार जनसंवाद कर रही है. वहीं, आरजेडी और कांग्रेस पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम को लेकर सरकार को घेरने में लगी है. तो जेडीयू संगठन मजबूत करने में ऊर्जा खपा रही है.
2015 में बीजेपी का नहीं खुला था खाता
बात भागलपुर की करे तो यहां 7 विधानसभा सीटे हैं. जिसमें 3 जेडीयू, 2 आरजेडी और 2 कांग्रेस के पास है. 2015 विधानसभा चुनाव में बीजेपी का खाता भी नहीं खुल सका था. तब जेडीयू महागठबंधन का हिस्सा थी. इस तरह एनडीओ को भागलपुर में एक भी सीट नहीं मिली थी. जबकी एलजेपी और रालोसपा एनडीए में शामिल थी.
इस बार बदले-बदले से हैं समीकरण
लेकिन इस बार समीकरण बलदा-बदला सा है. नीतीश कुमार महागठबंधन छोड़कर एक बार फिर एनडीए में लौट चुके हैं. तो रालोसपा अब एनडीए में नहीं है. वहीं एलजेपी एनडीए से बगाबत के मूड है. फिलहाल चुनाव को लेकर कयासों दौर जारी है. सभी सीटों पर अलग-अलग दल के प्रत्याशी अपनी दावेदारी पेश करने में जुटे हैं.