भागलपुर: कोरोना वायरस महामारी के बीच गर्मी भी चरम पर है. ऐसे में जहां आमलोग अपने घरों से बाहर निकलने में परहेज कर रहे हैं, तो पुलिसकर्मी और डॉक्टर लगातार जनसरोकार के लिए जमीन पर डटे हुए हैं. इन्हें कोरोना वॉरियर्स कहकर सम्मानित किया जा रहा है. लेकिन, ड्यूटी के दौरान इन्हें कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, इसकी सरकार या प्रशासन ने कभी सुध नहीं ली.
प्रवासियों की मदद के लिए भागलपुर रेलवे स्टेशन पर तैनात सुरक्षाकर्मियों की हालत इतनी दयनीय है कि उन्हें स्टेशन पर पानी तक मय्यसर नहीं हो रहा है. जान जोखिम में डालकर काम करने वाले सुरक्षा गार्ड पीने के पानी के लिए तरसते नजर आ रहे हैं. ऑन ड्यूटी तैनात कर्मियों की मानें तो स्टेशन पर ट्रेनें लगातार आ रही हैं ऐसे में वे अपनी जगह से हिल भी नहीं पा रहे हैं.
सुरक्षाकर्मी ने बताई आपबीती
पानी के लिए तरस रहे आरपीएफ के कांस्टेबल रामकृपाल यादव ने कहा कि सुबह के 6 बजे से वे ड्यूटी कर रहे हैं. ट्रेनें लगातार आ रही हैं ऐसे में कहीं नहीं जा सकते है. उन्होंने बताया कि जब उन्हें प्यास लगी और वे पानी लेने के लिए जिला प्रशासन की ओर से लगाए काउंटर पर गए तो तैनात नाजिर दीपक झा ने पानी लेने से मना कर दिया. उन्हें यह कहकर लौटा दिया गया कि पानी उनके लिए नहीं है. अगर उन्हें पानी पीना है तो वे रेलवे का पानी पिए, प्रशासन का नहीं.
कैमरे पर बोलने से बच रहे अधिकारी
पूरे मामले पर जब ईटीवी भारत संवाददाता ने किसी प्रशासनिक पदाधिकारी से बात करनी चाही तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि पानी जिला प्रशासन की ओर से आया है जो केवल प्रशासनिक अधिकारी और श्रमिकों के लिए है. आरपीएफ और जीआरपी के लिए पानी की कोई व्यवस्था नहीं है.
संयुक्त रूप से काम कर रहा प्रशासन और रेलवे
बता दें कि इस विपदा की घड़ी में प्रवासियों की सहूलियत के लिए जिला प्रशासन,जीआरपी और आरपीएफ संयुक्त रूप से काम कर रहा है. ताकि स्टेशन पर किसी तरह की अव्यवस्था ना फैले. श्रमिकों को कोई परेशानी ना हो और वे आराम से अपने गंतव्य तक पहुंच पाएं.