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COVID-19 लॉकडाउन: कई सीमाओं पर पुलिस लापरवाह, बेरोक-टोक प्रवेश कर रहे लोग

कोरोना से बचाव को लेकर शासन और प्रशासन सख्त है. कई जगहों को सील किया गया लेकिन अब भी कुछ जगहें ऐसी हैं जहां लोग धड़ल्ले से बिना जांच के प्रवेश कर रहे हैं.

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Published : Apr 10, 2020, 7:55 PM IST

Updated : Apr 10, 2020, 8:36 PM IST

भागलुपर: राज्य में लगातार कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसको लेकर आपदा प्रबंधक विभाग ने 29 मार्च को ही राज्य के सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिया था कि अपने-अपने जिले की सीमा को सील करें और वहां पर जरूरी व्यवस्था करें. इसके आलोक में भागलपुर जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने निर्देश जारी कर जिले की 14 जगहों को चिन्हित किया था, जो राज्य या जिले के सीमाओं से लग रही थीं.

आने-जाने वालों को रिकॉर्ड रखने का था आदेश
इन जगहों को सील करते हुए वहां दूसरे जिलों या राज्य से आने वाले व्यक्ति से संबंधित सूचनाओं को एक रजिस्टर में दर्ज करने का निर्देश दिया था. इसकी कॉपी बीडीओ, जिलास्तर गठित ट्रैकिंग सेल और सीएस को भेजने का भी आदेश था. साथ ही सीमा पर रजिस्ट्रेशन के बाद निर्धारित प्रोटोकॉल के मुताबिक सभी रजिस्टर्ड व्यक्तियों की स्क्रीनिंग और स्वास्थ्य की जांच करने की बात कही गई थी.

देखें रिपोर्ट.

बरोक-टोक आवाजाही कर रहे लोग
इसके बावजूद भागलपुर और बांका को जोड़ने वाली सड़क जिला बॉर्डर जगदीशपुर सनहौला मोड़ के पास पुलिस बल तो हैं मगर जिला प्रशासन की ओर से कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं है. बेरोक-टोक व्यक्ति आवाजाही कर रहे हैं. गाड़ियां भी धड़ल्ले से चल रही हैं. इससे जिला प्रशासन की कोरोना वायरस को लेकर सजगता का साफ अंदाजा लगाया जा सकता है.

सीएस और एसडीओ को दिए गए थे सख्त निर्देश
जिलाधिकारी ने आदेश में कहा था कि रजिस्ट्रेशन के बाद हर व्यक्ति के हाथ पर अमिट स्याही से क्वॉरेंटाइन की मुहर लगाई जाएगी ताकि उनकी पहचान की जा सके. चिन्हित किए गए सभी जगहों के लिए सीएस और एसडीओ को समन्वय स्थापित कर काम करने का निर्देश दिया था. सीमा पर रजिस्ट्रेशन के बाद निर्धारित प्रोटोकॉल के मुताबिक सभी रजिस्टर व्यक्तियों की स्क्रीनिंग और स्वास्थ्य जांच करने के बाद उनके गांव पहुंचाने के लिए जिला परिवहन पदाधिकारी को वाहनों की व्यवस्था करने का भी निर्देश जारी किया था.

police
सीमा पर व्यवस्थाओं की कमी

संक्रमण को रोकने के लिए बनाया गया था प्लान
यह सारी कवायद कोरोना के तेजी से फैलते संक्रमण को रोकने के लिए किए गए. इसके लिए 14 जगहों के नजदीक वाले स्कूल को या कॉलेज को आपदा सीमा राहत शिविर में बदला गया. साथ ही, एसडीओ को निर्देश दिया था कि वहां तुरंत आपदा शिविर का बैनर लगाते हुए दूसरे राज्यों से आने वाले बिहार के लोगों या अन्य राज्यों के फंसे लोगों को भोजन कराने की सुविधा उपलब्ध कराएं. मजिस्ट्रेट व पुलिस तैनात रहने की भी बात कही थी.

सीमा पर तैनात सिर्फ 2 सिपाही
डीएम ने सीएस को निर्देश दिया था कि डॉक्टर को जांच किट के साथ प्रतिनियुक्त करें. एसडीओ को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के आदेश थे. सख्ती के बावजूद कोई नजर नहीं आया सिवाय 2 सिपाही के जो गाड़ियों और लोगों को बेरोक-टोक आने दे रहे थे.

भागलुपर: राज्य में लगातार कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसको लेकर आपदा प्रबंधक विभाग ने 29 मार्च को ही राज्य के सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिया था कि अपने-अपने जिले की सीमा को सील करें और वहां पर जरूरी व्यवस्था करें. इसके आलोक में भागलपुर जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने निर्देश जारी कर जिले की 14 जगहों को चिन्हित किया था, जो राज्य या जिले के सीमाओं से लग रही थीं.

आने-जाने वालों को रिकॉर्ड रखने का था आदेश
इन जगहों को सील करते हुए वहां दूसरे जिलों या राज्य से आने वाले व्यक्ति से संबंधित सूचनाओं को एक रजिस्टर में दर्ज करने का निर्देश दिया था. इसकी कॉपी बीडीओ, जिलास्तर गठित ट्रैकिंग सेल और सीएस को भेजने का भी आदेश था. साथ ही सीमा पर रजिस्ट्रेशन के बाद निर्धारित प्रोटोकॉल के मुताबिक सभी रजिस्टर्ड व्यक्तियों की स्क्रीनिंग और स्वास्थ्य की जांच करने की बात कही गई थी.

देखें रिपोर्ट.

बरोक-टोक आवाजाही कर रहे लोग
इसके बावजूद भागलपुर और बांका को जोड़ने वाली सड़क जिला बॉर्डर जगदीशपुर सनहौला मोड़ के पास पुलिस बल तो हैं मगर जिला प्रशासन की ओर से कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं है. बेरोक-टोक व्यक्ति आवाजाही कर रहे हैं. गाड़ियां भी धड़ल्ले से चल रही हैं. इससे जिला प्रशासन की कोरोना वायरस को लेकर सजगता का साफ अंदाजा लगाया जा सकता है.

सीएस और एसडीओ को दिए गए थे सख्त निर्देश
जिलाधिकारी ने आदेश में कहा था कि रजिस्ट्रेशन के बाद हर व्यक्ति के हाथ पर अमिट स्याही से क्वॉरेंटाइन की मुहर लगाई जाएगी ताकि उनकी पहचान की जा सके. चिन्हित किए गए सभी जगहों के लिए सीएस और एसडीओ को समन्वय स्थापित कर काम करने का निर्देश दिया था. सीमा पर रजिस्ट्रेशन के बाद निर्धारित प्रोटोकॉल के मुताबिक सभी रजिस्टर व्यक्तियों की स्क्रीनिंग और स्वास्थ्य जांच करने के बाद उनके गांव पहुंचाने के लिए जिला परिवहन पदाधिकारी को वाहनों की व्यवस्था करने का भी निर्देश जारी किया था.

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सीमा पर व्यवस्थाओं की कमी

संक्रमण को रोकने के लिए बनाया गया था प्लान
यह सारी कवायद कोरोना के तेजी से फैलते संक्रमण को रोकने के लिए किए गए. इसके लिए 14 जगहों के नजदीक वाले स्कूल को या कॉलेज को आपदा सीमा राहत शिविर में बदला गया. साथ ही, एसडीओ को निर्देश दिया था कि वहां तुरंत आपदा शिविर का बैनर लगाते हुए दूसरे राज्यों से आने वाले बिहार के लोगों या अन्य राज्यों के फंसे लोगों को भोजन कराने की सुविधा उपलब्ध कराएं. मजिस्ट्रेट व पुलिस तैनात रहने की भी बात कही थी.

सीमा पर तैनात सिर्फ 2 सिपाही
डीएम ने सीएस को निर्देश दिया था कि डॉक्टर को जांच किट के साथ प्रतिनियुक्त करें. एसडीओ को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के आदेश थे. सख्ती के बावजूद कोई नजर नहीं आया सिवाय 2 सिपाही के जो गाड़ियों और लोगों को बेरोक-टोक आने दे रहे थे.

Last Updated : Apr 10, 2020, 8:36 PM IST
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