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भागलपुर: शुरू हुई जैविक कॉरिडोर योजना, धन राशि लेकर किसान नहीं खरीद रहे सामान

भागलपुर जिले में जैविक कॉरिडोर योजना शुरू की गई है, जिसके तहत किसानों को सब्जी उत्पादन के लिए राशि दी गई है. इस योजना के तहत किसानों ने राशि तो ले ली, लेकिन जैविक खाद, दवा और वर्मी कंपोस्ट नहीं खरीद रहे हैं.

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किसान पैसा लेकर नहीं खरीद रहे सामान.
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Published : Jul 5, 2020, 7:13 PM IST

भागलपुर: जिले के गंगा किनारे बने जैविक कॉरिडोर से किसानों को सब्जी उत्पादन के लिए राशि दी गई है. राशि देने के बाद करीब एक हजार किसान जैविक खाद, दवा और वर्मी कंपोस्ट नहीं खरीद रहे हैं. कृषि विभाग ने किसानों को 7 दिन के अंदर जैविक दवा, खाद खरीदने का निर्देश दिया है. नहीं खरीदने पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए राशि वसूलने की चेतावनी दी गई है.

जैविक कॉरिडोर योजना शुरू होते ही होने लगी गड़बड़ी

जैविक कॉरिडोर योजना शुरू होते ही इसमें गड़बड़ी सामने आने लगी है. इस योजना के तहत दर्जनों किसान ऐसे हैं, जिन्होंने पहली किस्त में राशि तो ले ली, लेकिन जिस काम के लिए राशि दी गई है. उसमें इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है, जह इस योजना की समीक्षा हुई तो मामला प्रकाश में आया. कृषि विभाग ने ऐसे किसानों की सूची तैयार कर उससे जवाब तलब किया है. वहीं विभाग से सूची भी मंगाई है ताकि उन पर प्राथमिकी दर्द करा कर राशि वसूली की जा सके.

22 सौ किसानों का किया गया है चयन

जिला कृषि पदाधिकारी कृष्ण कांत ने कहा कि गंगा किनारे जैविक विधि से सब्जी की खेती के लिए जिले में 22 सौ किसानों का चयन किया गया है. इस योजना के तहत प्रत्येक वर्ष किसानों को जैविक विधि से खेती करने के लिए 3 साल तक 11 हजार पांच सौ रुपये देना है. पहली किस्त किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी गई है. जैविक खेती प्रोत्साहन योजना के तहत गठित जैविक कॉरिडोर की प्रगति समीक्षा हुई, जिसमें पाया गया कि अभी भी किसान जैव इनपुट अनुदान क्रय नहीं कर रहे हैं.

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किसान पैसा लेकर नहीं खरीद रहे सामान.

सात दिन में नहीं लिए सामग्री तो होगी कार्रवाई

कृष्ण कांत ने बताया कि 3 वर्षों तक इस योजना के तहत उनके खाते में अनुदान दिया जाएगा. अब तक रंगरा चौक, सुल्तानगंज, नाथनगर, सबौर, कहलगांव, पीरपैंती और खरीक प्रखंड के किसानों द्वारा इनपुट का क्रय नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में कृषि समन्वयक, आईसीएस मैनेजर और प्रखंड कृषि पदाधिकारी को कड़ी चेतावनी दी गई है और उन्हें 7 दिनों के अंदर किसानों को जागरूक करते हुए राशि से जैविक खेती के लिए सामग्री लेने के लिए कहा है. नहीं लेने पर उनके ऊपर कार्रवाई की जाएगी.

भागलपुर: जिले के गंगा किनारे बने जैविक कॉरिडोर से किसानों को सब्जी उत्पादन के लिए राशि दी गई है. राशि देने के बाद करीब एक हजार किसान जैविक खाद, दवा और वर्मी कंपोस्ट नहीं खरीद रहे हैं. कृषि विभाग ने किसानों को 7 दिन के अंदर जैविक दवा, खाद खरीदने का निर्देश दिया है. नहीं खरीदने पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए राशि वसूलने की चेतावनी दी गई है.

जैविक कॉरिडोर योजना शुरू होते ही होने लगी गड़बड़ी

जैविक कॉरिडोर योजना शुरू होते ही इसमें गड़बड़ी सामने आने लगी है. इस योजना के तहत दर्जनों किसान ऐसे हैं, जिन्होंने पहली किस्त में राशि तो ले ली, लेकिन जिस काम के लिए राशि दी गई है. उसमें इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है, जह इस योजना की समीक्षा हुई तो मामला प्रकाश में आया. कृषि विभाग ने ऐसे किसानों की सूची तैयार कर उससे जवाब तलब किया है. वहीं विभाग से सूची भी मंगाई है ताकि उन पर प्राथमिकी दर्द करा कर राशि वसूली की जा सके.

22 सौ किसानों का किया गया है चयन

जिला कृषि पदाधिकारी कृष्ण कांत ने कहा कि गंगा किनारे जैविक विधि से सब्जी की खेती के लिए जिले में 22 सौ किसानों का चयन किया गया है. इस योजना के तहत प्रत्येक वर्ष किसानों को जैविक विधि से खेती करने के लिए 3 साल तक 11 हजार पांच सौ रुपये देना है. पहली किस्त किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी गई है. जैविक खेती प्रोत्साहन योजना के तहत गठित जैविक कॉरिडोर की प्रगति समीक्षा हुई, जिसमें पाया गया कि अभी भी किसान जैव इनपुट अनुदान क्रय नहीं कर रहे हैं.

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किसान पैसा लेकर नहीं खरीद रहे सामान.

सात दिन में नहीं लिए सामग्री तो होगी कार्रवाई

कृष्ण कांत ने बताया कि 3 वर्षों तक इस योजना के तहत उनके खाते में अनुदान दिया जाएगा. अब तक रंगरा चौक, सुल्तानगंज, नाथनगर, सबौर, कहलगांव, पीरपैंती और खरीक प्रखंड के किसानों द्वारा इनपुट का क्रय नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में कृषि समन्वयक, आईसीएस मैनेजर और प्रखंड कृषि पदाधिकारी को कड़ी चेतावनी दी गई है और उन्हें 7 दिनों के अंदर किसानों को जागरूक करते हुए राशि से जैविक खेती के लिए सामग्री लेने के लिए कहा है. नहीं लेने पर उनके ऊपर कार्रवाई की जाएगी.

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