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भागलपुर पुलिस की सतर्कता से बची नवजात शिशु की जान !
— Bihar Police (@bihar_police) September 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
विक्रमशिला सेतु की पोल संख्या - 113 के पास, पुलिस को थैले में एक नवजात शिशु मिला। पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए बच्चे को आवश्यक मेडिकल सुविधा प्रदान की गई I
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— Bihar Police (@bihar_police) September 22, 2023
विक्रमशिला सेतु की पोल संख्या - 113 के पास, पुलिस को थैले में एक नवजात शिशु मिला। पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए बच्चे को आवश्यक मेडिकल सुविधा प्रदान की गई I
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विक्रमशिला सेतु की पोल संख्या - 113 के पास, पुलिस को थैले में एक नवजात शिशु मिला। पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए बच्चे को आवश्यक मेडिकल सुविधा प्रदान की गई I
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भागलपुर : वैसे तो पुलिस का नाम सुनने से अक्सर ही कोर्ट-कचहरी या फिर क्राइम की सीन की याद आती है. कई बार पुलिस वाले के वर्दी भी दागदार होते हैं. पर ऐसे में भी कई मौके आते हैं जिसमें पुलिस को पीठ थपथपाने का मन करता है. कुछ ऐसा ही भागलपुर में देखने को मिला है.
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भागलपुर में नवजात को पुल पर फेंका : एक निर्दयी मां-बाप ने नवजात बच्ची को थैले में लपेटकर विक्रमशिला सेतु पर रख दिया. वह बच्ची थैले के अंदर से कराह रही थी. इसी बीच विक्रमशिला टीओपी की गश्ती टीम वहां से गुजर रही थी. जैसे ही उनको बच्ची की आवाज सुनाई पड़ी तो वहां पहुंचे.
मायागंज अस्पताल लेकर पहुंचे पुलिसवाले : पुलिस के जवान नवजात बच्ची को विक्रमशिला सेतु की पोल संख्या 113 के पास उठाकर तुरंत मायागंज अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां नवजात पूरी तरह स्वस्थ है. पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए बच्चे को आवश्यक मेडिकल सुविधा प्रदान की गई. कुल मिलाकर देखें तो भागलपुर पुलिस की सतर्कता से नवजात शिशु की जान बच गयी.
अस्पताल में जारी है इलाज : फिलहाल बच्ची तो डॉक्टर की देखरेख में रखा गया है. डॉक्टर और नर्स की टीम द्वारा आवश्यक उपचार और देखभाल किया जा रहा है. पर जिस तरह से नवजात को तड़पने के लिए छोड़ दिया गया वह कहां का न्याय है. क्या मां का कलेजा नहीं कांपा होगा. जिसको 9 महीने तक अपने गर्भ में रखा उसे मरने के लिए पुल पर फेंक दिया.
लगतार इस तरह के मामले आ रहे सामने : यह कोई पहली घटना नहीं है. आए दिन इस तरह के मामले सामने आते रहते हैं. ऐसे में समाज के हर वर्ग को इसके बारे में गंभीरता से सोचने की जरूरत है. आखिर हमारा समाज कहां जा रहा है.