भागलपुर: इस बार के लोकसभा चुनाव में जिले में वर्षों से चला आ रहा मिथक टूट गया. यहां से जदयू प्रत्याशी अजय मंडल की जीत के बाद इस लोकसभा क्षेत्र से जुड़ा हुआ टोटका भी खत्म हो गया. लंबे समय से कहा जाता था कि जिस गठबंधन या पार्टी का सांसद भागलपुर से जीतता है केंद्र में उसकी सरकार नहीं बनती है. वहीं केंद्र में जिसकी सरकार बनती है उस पार्टी या गठबंधन का उम्मीदवार भागलपुर से नहीं जीता है. लेकिन इस बार ये सारे मिथक गलत साबित हुए.
ढाई लाख से ज्यादा वोटों से जीते अजय मंडल
अजय मंडल की जीत के साथ-साथ केंद्र में भी एनडीए सरकार और भागलपुर में भी एनडीए प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है. इस चुनाव प्रचार में जेडीयू के अजय मंडल को बीजेपी और लोजपा कार्यकर्ताओं का साथ मिला. यही वजह रही कि इस दशक में ढाई लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज करने वाले अजय मंडल पहले प्रत्याशी बने. 2014 में बुलो मंडल ने भाजपा उम्मीदवार शाहनवाज हुसैन को 9000 वोट से हराया था लेकिन 2019 में एनडीए ने सारे हिसाब पूरे कर लिए.
सोशल इंजीनियरिंग का बारीकी से अध्ययन
माना जा रहा है कि एनडीए नेताओं ने सोशल इंजीनियरिंग का बारीकी से अध्ययन किया. इसी रणनीति के तहत पूरे बिहार में महागठबंधन का सूपड़ा साफ कर दिया. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की रोशनी ने भी एनडीए को फायदा पहुंचाया. इस संसदीय क्षेत्र पर लंबे समय तक भाजपा का कब्जा रहा. हालांकि 2014 के चुनाव में यह सीट भाजपा प्रत्याशी शाहनवाज हुसैन से राजद के बुलो मंडल ने झटक ली थी.
पीएम मोदी को जीत का श्रेय
अजय मंडल ने कहा कि उन्हें पता था कि उनकी जीत सुनिश्चित है. अपनी जीत का श्रेय पीएम मोदी को दिया और कहा कि यह मोदी लहर है. लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री मान लिया है. जनता ने उन्हें अपना आशिर्वाद दिया है. नवनिर्वाचित सांसद ने कहा कि अब वे जनता के विकास के लिए काम करेंगे.