भागलपुर: सूबे के मुखिया नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर डीआरडीए सभागार में शुक्रवार को बैठक की गई. जहां डीआरडीए निदेशक सह पंचायती राज पदाधिकारी प्रमोद पांडे ने सभी प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी, पंचायत सचिव के साथ नल जल योजना की समीक्षा की.
दरअसल, योजना के 3 साल बीत जाने के बाद भी सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट धरातल पर नहीं उतर पाया है. योजना के लिए जो लक्ष्य तय किए गए थे, उससे भागलपुर अभी काफी पीछे है. कई वार्ड में नल तो पहुंचा दिया गया है, मगर जल नहीं मिल रहा है. ऐसे में समीक्षा बैठक में पंचायती राज पदाधिकारी ने संबंधित अधिकारी को कार्य को सुधारने और बचे हुए काम को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया.
भागलपुर में नल जल योजना का हाल
जिले में 3120 वालों में नल जल योजना का काम होना था, लेकिन कार्य अब तक अधूरा है. करीबन 900 वार्डों में काम धरातल पर नहीं उतर पाया है. इसको लेकर लगातार समय निर्धारित जिला प्रशासन द्वारा किए गए. बावजूद काम धरातल पर दिखाई नहीं पड़ रहा है. कई ऐसे वार्ड हैं जहां पर नल तो पहुंच गया लेकिन जल नसीब नहीं है.
3 साल पहले हुई थी शुरुआत
मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2016-17 में हर घर नल का जल कार्य की शुरुआत की गई थी. यह कार्य वित्तीय वर्ष 2019- 2020 में पूरा होना था. लेकिन विभागीय अधिकारियों की उदासीनता की वजह से और जनप्रतिनिधियों की खींचतान से अब तक काम पूरा नहीं हो पाया है. पंचायती विभाग के स्तर पर 1376 वालों में काम होना था. लेकिन अब तक 40 ऐसे वार्ड हैं, जहां पर काम नहीं हुआ है. जबकि पीएचईडी के जिम्मे 1744 वार्डों में नल का जल का काम करना था. लेकिन अब तक 810 वार्डों में काम पूरा हो पाया है.