भागलपुर : अंग संस्कृति से जुड़ा जिले की मंजूषा कला को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल सके, इसको लेकर भागलपुर की विषहारी महारानी केंद्रीय पूजा समिति लगातार प्रयास कर रही है. मां मनसा देवी से जुड़ी मंजूषा कला को नया आयाम देने के लिए समिति ने दो दिवसीय उन्मुखीकरण मंजूषा कला कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय कंपनी ने ऑर्डर दिया है.
कार्यक्रम में उन्मुखीकरण हेल्थी इंडिया मिशन पर आयुर्वेद कंपनी पर काम करने वाली संस्था बेमोल इंडिया लिमिटेड ने ऑर्डर दिया. कंपनी ने ऑर्डर मिलने के बाद कलाकारों ने गमछा, चादर और साड़ी पर मंजूषा कला को बनाकर अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की कोशिश की है.
मंजूषा कला से सम्मानित होंगी हस्तियां
13 दिसंबर को बेनमून इंडिया द्वारा कोलकाता के दीघा में कार्यक्रम आयोजित किया जाना है. इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री और देशभर के बड़े-बड़े नेता और अधिकारी सहित बड़ी हस्तियां शामिल होंगी. उन हस्तियों को सम्मानित करने के लिए बेनमून इंडिया ने चादर, गमछा और साड़ी पर मंजूषा कला बनाने का ऑर्डर दिया है. उसी मंजूषा कला के बने गमछा ,चादर ,साड़ी से हस्तियों को सम्मानित किया जाएगा.
संस्था के संयोजक प्रदीप कुमार बताया कि मंजूषा कला को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिले. इसको लेकर हम लोग लगातार समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित करते हैं. उसी क्रम में बीते साल बेनमून इंडिया के संस्थापक और सीएमडी दिनेश कक्ष्क्षा और संतोष परेरा सहित कई अन्य राज्यों से लोग भागलपुर आए थे. उस दौरान हम लोगों ने उनका अंग वस्त्र देकर स्वागत किया था. अंग वस्त्र पर बने मंजूषा पेंटिंग उन लोगों को इस कदर भा गई कि उन्होंने हमे ऑर्डर दे दिया. संस्था को करीब 500 मास्क, 200 गमछा और साड़ी पर मंजूषा कला का बनाने का ऑर्डर मिला है.
क्या कहते हैं कलाकार
माधुरी कुमारी कहती हैं, 'एक मास्क पर मंजूषा पेंटिंग को बनाने में 10 से 20 मिनट का समय लगता है. इसको बनाने के बाद कुछ पैसा भी मिलता है. हमें बहुत अच्छा लग रहा है कि अब मंजूषा पेंटिंग को भी पहचान मिल रहा है.'